Thursday, April 5, 2012

डीओएस ने नायर को आरटीआई के तहत सूचना देने से फिर किया इनकार

डीओएस ने नायर को आरटीआई के तहत सूचना देने से फिर किया इनकार

Thursday, 05 April 2012 17:59

बैंगलूर, पांच अप्रैल (एजेंसी) अंतरिक्ष विभाग ने इसरो के पूर्व प्रमुख जी. माधवन नायर को एक बार फिर से इस बारे में जानकारी देने से मना कर दिया है कि विवादास्पद एंट्रिक्स..देवास समझौते के सिलसिले में उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई क्यों की गयी। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नायर ने कहा कि कुछ संदेह की स्थिति है।
अंतरिक्ष विभाग :डीओएस: ने कहा कि चूंकि मामला केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण :कैट: के समक्ष है इसलिए नायर के साथ सूचना को साझा नहीं किया जा सकता।
नायर ने कहा, ''पूरे मामले में कुछ संदेह की स्थिति है। वे जो कुछ है, उसे सामने नहीं ला रहे।''
उन्होंने सवाल किया कि डीओएस एक ऐसे मुद्दे पर गोपनीयता क्यों बरत रहा है जिसके बारे में व्यापक बातचीत हो रही है। उन्होंने कहा, ''यह अनसुना और अकल्पनीय है।''
पूर्व इसरो प्रमुख ने आरटीआई के तहत पहले एक अर्जी दाखिल कर इस बारे में जानकारी मांगी थी कि उन्हें और तीन अन्य वैज्ञानिकों को एंट्रिक्स..देवास करार में कथित भूमिका के मामले में किस आधार पर सरकारी पदों पर काबिज होने से रोका गया था।
अंतरिक्ष विभाग ने तब आरटीआई की धारा :1: :एच: के तहत सूचना देने से मना करते हुए कहा था, ''चूंकि मामले में आगे जांच चल रही है इसलिए इस स्तर पर सूचना देने से पहले से चल रही जांच में अड़चन आएगी।''

नायर ने इस दलील को अजीब बताते हुए पूछा कि जांच जारी होने पर दंडात्मक कार्रवाई कैसे की जा सकती है।
डीओएस ने आरटीआई के तहत एक अलग प्रावधान का उल्लेख करते हुए फिर से नायर को फाइल नोटिंग समेत जानकारी देने से मना कर दिया है। अंतरिक्ष विभाग ने अब कहा है कि चूंकि मामला कैट के समक्ष लंबित है तो ब्योरा नहीं दिया जा सकता।
नायर ने पीटीआई से कहा, ''उन्होंने एक सामान्य सा जवाब दे दिया कि मामला कैट के समक्ष है इसलिए कोई जानकारी नहीं दी जा सकती। अब उन्होंने अदालत के मामले की शरण ली है।''
नायर ने कैट, कोच्चि के समक्ष भी याचिका दाखिल करते हुए अनुरोध किया था कि दंडात्मक कार्रवाई पर 13 जनवरी के आदेश को रद्द कर दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई गैरकानूनी है और प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
नायर के साथ तीन अन्य वैज्ञानिकों के खिलाफ कार्रवाई की गयी जिनमें इसरो में पूर्व वैज्ञानिक सचिव ए. भास्करनारायण, एंट्रिक्स के पूर्व प्रबंध निदेशक केआर श्रीधरमूर्ति और इसरो उपग्रह केंद्र के पूर्व निदेशक केएन शंकर हैं।

No comments: