uesday, 07 February 2012 09:42 |
अंबरीश कुमार आजमगढ़, 7 फरवरी। भीड़ को अगर पैमाना माना जाए, तो पूर्वांचल में सपा सब पर भारी नजर आ रही है। यहां के कुछ जिलों का दौरा करने के बाद यह बात सामने आ रही है। सोमवार को आजमगढ़ में एक तरफ मुलायम सिंह थे, तो दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी। राहुल गांधी का सुर सुबह से ही बदल चुका था। मगर सपा के दोनों नेताओं मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के तेवर कड़े हो गए थे। आजमगढ़ में 70 फीसद किसान बहुत कम जोत यानी एक एकड़ वाले हैं। खाद, बिजली-पानी सभी की किल्लत ने इन्हें और तोड़ दिया है। इस वजह से नाराजगी भी है। यहां मुसलिम आबादी भी करीब 14 फीसद है, जिनमें ज्यादातर का झुकाव सपा की तरफ है। कांग्रेस यहां कुछ कर सकती थी पर बटला हाउस कांड को लेकर दिग्विजय और चिदंबरम की बयानबाजी ने मुसलमानों को और आहत किया। यह वही जिला है, जिसे भगवा ब्रिगेड ने आतंकवादियों की नर्सरी घोषित कर दिया था। इसी वजह से उलेमा कौंसिल भी यहां मजबूत हुई और कांग्रेस विरोधी माहौल भी बना। उलेमा कौंसिल ने पिछली बार मुसलिम वोटों का बंटवारा किया, तो फायदा भाजपा को हुआ। आज की स्थिति में मुसलिम इस बात से भी सावधान हैं। इस बीच वीपी सिंह के बनाए जनमोर्चा और किसान मंच ने भी पूर्वांचल में सपा का समर्थन कर कई उमीदवारों के हक में प्रचार शुरू कर दिया है। देवरिया कुशीनगर, जौनपुर और गाजीपुर जैसे कई जिलों में मंच के कार्यकर्ता सपा के प्रचार में जुटे हैं। किसान मंच के अध्यक्ष विनोद सिंह ने कहा-पूर्वांचल में हम लगातार दौरा कर रहे हैं। कांग्रेस तो सिर्फ चैनल और अखबार में ज्यादा है, जमीन पर बहुत कम जगह लड़ रही है। आजमगढ़ जैसी स्थिति मऊ में भी दिखी। यहां समाजवादी पार्टी को मुख्तार अंसारी से जूझना पड़ रहा है, जो जनाधार वाले बाहुबली हैं और कौमी एकता पार्टी बना कर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां के एक व्यापारी कमल गुप्ता ने कहा- मुख्तार अंसारी यहां की सीट पर नुकसान कर रहे हैं पर अभी मुसलमानों ने कोई फैसला नहीं किया है। |
Monday, February 6, 2012
कांग्रेस का सुर बदला तो सपा आक्रामक
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