क्या करेंगे डाकघर के कमीशन एजेंट ?
लेखक : महेश जोशी :: अंक: 12 || 01 फरवरी से 14 फरवरी 2012:: वर्ष :: 35 :February 19, 2012 पर प्रकाशित
http://www.nainitalsamachar.in/post-office-commission-agent-and-less-commission/
क्या करेंगे डाकघर के कमीशन एजेंट ?
लेखक : महेश जोशी :: अंक: 12 || 01 फरवरी से 14 फरवरी 2012:: वर्ष :: 35 :February 19, 2012 पर प्रकाशित
डाकघरों में राष्ट्रीय बचत योजना दिये जाने वाले कमीशन में कटौती कर दिये जाने से अभिकर्ताओं में रोष है। इन अभिकर्ताओं (कमीशन एजेंट) को एक प्रतिशत कमीशन दिया जाता था, लेकिन संचार मंत्रालय, भारत सरकार के दिनांक 24-11-2011 के आदेश से कमीशन की दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। इस आदेश से हजारों अभिकर्ताओं के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।
जिला अल्मोड़ा के दर्जनों अभिकर्ताओं ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों सहित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर अपना रोष व्यक्त किया है। अभिकर्ताओं ने अपने ज्ञापन में लिखा है कि सरकार को कटौती ही करनी है तो अनावश्यक खर्चों में कटौती करनी चाहिये। करोड़ों रुपयों के लागत की रसीद बुकों, जो रुपये एक हजार, पाँच हजार एवं 10 हजार मूल्य की छपाई जाती हैं, को न छपवाकर अभिकर्ताओं को मात्र 50 पृष्ठों वाली एक डुप्लीकेट वाली रसीद बुक दी जानी चाहिये, जिसमें कार्बन लगा कर वे आवश्यक धनराशि अपने हाथ से लिख लें। सावधि जमा खाते 1 वर्ष, 2 वर्ष, 3 वर्ष व 5 वर्ष के होते हैं और मात्र एक ही बार जमा होते हैं। इनके लिये 14 पृष्ठों की पासबुक छपवाई जाती गई है, जबकि प्रविष्टि मात्र दो ही पृष्ठों में होती है। और शेष 10 पृष्ठ बेकार जाते हैं। यदि मात्र 4 पृष्ठों की पासबुक छपवायी जाये तो करोड़ों रुपयों की बचत होगी। अधिकांशतः ग्रामीण जनता 'किसान विकास पत्र' खरीदती है, क्योंकि इससे 2.5 वर्ष में या उसके बाद आवश्यकता पड़ने पर अपना धन ब्याज सहित वापस लेने का प्रावधान है। मगर इन्हें बंद कर दिया गया है। किसान विकास पत्र आठवाँ निर्गम हाल ही में करोड़ों की संख्या में छपकर आये हैं। बंद कर दिये जाने से इन्हें रद्द कर आग के हवाले करना पड़ेगा। सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होगा। बंद करने की बजाय इसकी परिपक्वता की अवधि 8 वर्ष 7 माह से घटा कर कम कर देनी चाहिये।
ज्ञापन में कहा गया है कि बचत अनावश्यक खर्चों में कटौती कर की जा सकती है, गरीब अधिकृत अभिकर्ताओं के पेट में लात मार कर करके नहीं। अभिकर्ता डूंगर सिंह बेलवाल बताते हैं कि अभिकर्ताओं द्वारा दिन-रात निवेशकों से सम्पर्क कर बचत की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर उनको डाकघरों में धन निवेश करने को प्रेरित किया जाता है। कुछ वर्ष पूर्व तक अभिकर्ताओं का कमीशन 2.5 प्रतिशत था, जो घटा कर 2 प्रतिशत व फिर 1 प्रतिशत कर दिया गया। इसे भी अब 0.50 प्रतिशत कर दिया गया है। महिला प्रधानों का 4 तथा ग्रुप लीडरों का 2.5 प्रतिशत पूर्ववत है। यह अभिकर्ताओं के प्रति सौतेला व्यवहार है।
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