अल्मोड़ा: पानी को लेकर भेदभाव
लेखक : कार्यालय प्रतिनिधि :: अंक: 19 || 15 मई से 31 मई 2011:: वर्ष :: 34 :June 22, 2011 पर प्रकाशित
http://www.nainitalsamachar.in/water-crisis-and-special-treatment-to-dm-office-at-almora/
अल्मोड़ा: पानी को लेकर भेदभाव
लेखक : कार्यालय प्रतिनिधि :: अंक: 19 || 15 मई से 31 मई 2011:: वर्ष :: 34 :June 22, 2011 पर प्रकाशित
पेयजल संकट से जूझ रहा अल्मोड़ा नगर अक्सर सुर्खियों में रहता है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी पेयजल समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकल पाया। क्योंकि नेताओं, अधिकारियों व प्रभावशाली लोगों के दबाव में जल नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं जिसको समझने के लिए एक उदाहरण काफी है।
जिलाधिकारी अल्मोड़ा के कार्यालय में पानी नहीं आता, इसका समाधान होना ही चाहिए। लेकिन जिस पाईप से जिलाधिकारी कार्यालय में पानी आता है, उससे सैकड़ों परिवारों के घरों में पानी जाता है। इसलिए जब जिलाधिकारी के कार्यालय में पानी नहीं आता, तो आम घरों में पानी आने का सवाल ही नहीं। लेकिन कुमाऊँ जल संस्थान, अल्मोड़ा जिलाधिकारी कार्यालय के लिए इतना मेहरबान हुआ कि उसने सर्किट टैंक से सीधे एक किमी. की दूरी पर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में एक इंच की पाइप लाइन बिछाकर पानी पहुँचा दिया। इसका खर्च भी 4 लाख रुपया आया, जबकि यह दैवीय आपदा से मिले बजट से खर्च किया गया, जो आपदाग्रस्त जनता का अपमान है। कुमाऊँ जल संस्थान ने युद्धस्तर पर कार्य किया, बाजार ही नहीं तोड़ी, बल्कि अल्मोड़ा की पटाल बाजार से ऊपर पाइप लाइन बिछा दी। गलियों को तोड़ दिया, बाजार में चलना कठिन कर दिया जो कानून का भी उल्लंघन है। किसी भी हालात में 1/2 इंच से अधिक का कनेक्शन व्यक्तिगत रूप में नहीं दिया जा सकता।
उत्तराखण्ड लोक वाहिनी के अध्यक्ष डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट की अगुवाई में नगर के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने जल संस्थान की इस गैर कानूनी कार्यवाही के खिलाफ 22 मार्च को मुख्य मंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंप मामले की निष्पक्ष जाँच कर स्थिति स्पष्ट करने की माँग की है। पत्र में कहा गया है कि जाँच के उपरान्त दोषी अधिकारियों को दण्डित किया जाये, ताकि भविष्य में कोई जनता के विरुद्ध कार्य करने की हिम्मत न कर सकें। पत्र में शंका व्यक्त की गई है कि जिस तरह जिलाधिकारी को सीधे पाइप लाइन दी गई है यह भविष्य में एक उदाहरण बन जाएगा। सभी प्रभावशाली नेता, अधिकारी अपने कार्यालयों, घरों व होटलों में सीधे टैंक से पानी लेंगे। फिर जनता को पानी कहाँ से मिलेगा ? पेयजल के लिए कैण्ट, पलटन बाजार, थाना बाजार, गंगोला मोहल्ला, जौहरी बाजार, कचहरी बाजार, डुबकिया, तल्ला-मल्ला जोशीखोला आदि क्षेत्र संकटग्रस्त माने जाते है, अल्मोडा़ की आधी जनता इसी क्षेत्र में बसती है। यहाँ इसी सर्किट हाउस टैंक से पेयजल की आपूर्ति होती है।
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