सम्पादकीय : कांग्रेस किसी भी तरह कम साम्प्रदायिक नहीं है!!
लेखक : राजीव लोचन साह :: अंक: 12 || 01 फरवरी से 14 फरवरी 2012:: वर्ष :: 35 :February 16, 2012 पर प्रकाशित
http://www.nainitalsamachar.in/editoria-congress-is-equally-communal/
सम्पादकीय : कांग्रेस किसी भी तरह कम साम्प्रदायिक नहीं है!!
लेखक : राजीव लोचन साह :: अंक: 12 || 01 फरवरी से 14 फरवरी 2012:: वर्ष :: 35 :February 16, 2012 पर प्रकाशित
साहित्य जगत में सलमान रुश्दी का वास्तविक स्थान क्या है, पता नहीं क्योंकि प्रायः भारत के अंग्रेजी लेखकों को उनकी योग्यता से ज्यादा, भारतीय भाषाओं के लेखकों की तुलना में तो बहुत ज्यादा ख्याति मिल जाती है। मगर जयपुर में रुश्दी के साथ जो व्यवहार किया गया वह निन्दनीय है। ज्ञातव्य है कि रुश्दी की पुस्तक 'सैटनिक वर्सेज' से नाराज मुस्लिम उलेमा ने उनकी मौत का फतवा जारी किया है। ऐसे में या तो 'जयपुर लिटरेरी फेस्टिवल' में रुश्दी को बुलाया ही नहीं जाना चाहिये था और अगर बुलाया गया था तो उस निमंत्रण का सम्मान किया जाना चाहिये था। मगर मध्य प्रदेश सरकार ने मुसलमानों की नाराजी के मद्देनजर जिस तरह उनकी जान लेने के लिये मुम्बई से भाड़े के हत्यारों के आने की कहानी गड़ कर उन्हें अपना दौरा रद्द करने को मजबूर किया, वह कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता की पोल खोलने के लिये पर्याप्त है। तसलीमा नसरीन को शरण देने के प्रकरण के बाद इस घटना से साबित होता है कि कांग्रेस किसी भी तरह भारतीय जनता पार्टी से कम साम्प्रदायिक नहीं है। इससे भी ज्यादा चिन्ताजनक देश के उन प्रखर बुद्धिजीवियों की चुप्पी है, जो हिन्दू कट्टरपंथियों के मामले में आसमान सिर पर उठा लेते हैं। उतना ही कठोर रुख उन्हें इस मामले में भी लेना चाहिये था। मगर वैसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है। मुस्लिम साम्प्रदायिकता का विरोध नहीं किया जायेगा और सिर्फ हिन्दू साम्प्रदायिकता का विरोध किया जायेगा तो इसकी प्रतिक्रिया में हिन्दू अतिवाद की जड़ें ही मजबूत होंगी, यह बात उन लोगों को भली भाँति समझ लेनी चाहिये, जो इस देश में अमन देखना चाहते हैं।
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