पिछले दो वर्षों के सूखे के बाद इस बार बिहार में भरपूर गेहूं की फसल पैदा हुई हैं, लेकिन किसान खुश नहीं हैं। गेहूं खरीद के बदले सरकार द्वारा दिये जा रहे चेक बाउंस हो रहे हैं और किसान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं...
दक्षिणी बिहार के कैमूर जिले के कुद्रा गांव के अशोक पांडेय को फुड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एफसीआइ) 1 लाख 43 हजार का चेक दिया था, जो बाउंस कर गया है। इसी तरह एक दूसरे किसान जय प्रकाश उपाध्याय ने भी बताया कि एफसीआइ द्वारा उनको दिया हुआ 1 लाख 71 हजार का चेक बाउंस कर गया है।
इस मामले में एफसीआइ के राज्य प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार ने कहा कि, 'किसानों को आने वाली इस परेशानी को सप्ताह भर में हल कर लिया जायेगा।'
उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते से चेक बाउंस नहीं करेंगे क्योंकि एफसीआइ के खाते में रकम जमा कर दी जायेगी। अधिकारी ने स्वीकार किया कि एफसीआइ के एकाउंट में पैसे के कमी के कारण अबतक दर्जनों चेक बाउंस कर चुके हैं।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री श्याम रजक के मुताबिक, 'हमने एफसीआइ को आदेश दिया है कि सरकार को गेहूं बेचने वाले किसानों को 72 घंटों के भीतर पैसे मिल जाने चाहिए।'
मंत्री के मुताबिक इस वर्ष बिहार में करीब 7 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ है, जिसमें सरकार 3 मिलियन टन की खरीद कर रही है। किसानों को पिछले वर्ष के 10 रूपये 10 पैसे की जगह इस वर्ष सरकार 10 रूपये 80 पैसे प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करेगी।
स्रोत: न्यूज ट्रैक इंडिया
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