Sunday, 22 April 2012 15:39 |
भुवनेश्वर, 22 अप्रैल (एजेंसी) ओडिशा की सत्ता पर काबिज बीजू जनता दल :बीजद: के विधायक झिना हिकाका को अगवा किए जाने की घटना के बाद माओवादियों का अंतर्विरोध खुलकर सामने आ गया है। माओवादियों के एक धड़े ने आज हिकाका की रिहाई के एवज में चासी मुलिया आदिवासी संघ के जेल में बंद सभी सदस्यों को रिहा करने की मांग की जबकि दूसरे धड़े की मांग है कि विधायक के भविष्य का फैसला अब 'प्रजा अदालत' पर छोड़ देना चाहिए । दया के पत्र से माओवादियों के विरोधाभासी रुख का पता चलता है क्योंकि भाकपा :माओवादी: की आंध्र ओडिशा सीमा विशेष क्षेत्रीय समिति के प्रवक्ता जगबंधु ने एक आॅडियो संदेश में कहा कि अगवा किए गए विधायक के भाग्य का फैसला 25 अप्रैल को 'प्रजा अदालत' मेंं होगा । बंधक संकट के समाधान के लिए प्रयासरत ओडिशा सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ''दया का नया पत्र काफी भरमाने वाला है। जगबंधु कुछ कहता है जबकि दया चासी मुलिया आदीवासी संघ के जेल में बंद सभी सदस्यों की रिहाई की मांग कर रहा है । हमें नहीं मालूम कि दोनों में कौन सही है ।'' इसके अलावा, दया के पत्र में कहीं भी 'प्रजा अदालत' का जिक्र नहीं है । एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दया माओवादी संगठन के पदसोपान में जगबंधु से कहीं नीचे है । |
Sunday, April 22, 2012
विधायक के अपहरण से माओवादियों का अंतर्विरोध सामने आया
विधायक के अपहरण से माओवादियों का अंतर्विरोध सामने आया
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