Wednesday, April 25, 2012

हजारे ने संयुक्त राष्ट्र संधि लागू करने की कि मांग


हजारे ने संयुक्त राष्ट्र संधि लागू करने की कि मांग

Wednesday, 25 April 2012 19:55

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (एजेंसी) अन्ना हजारे ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संधि और संगठित भ्रष्टाचार से निपटने के लिए ए एन वोहरा समिति की सिफारिशों को लागू करें। सिंह को लिखे एक पत्र में हजारे ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संधि और वोहरा समिति दोनों ने भ्रष्टाचार को लेकर चिंता जताई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की संधि पर भारत हस्ताक्षरकर्ता है।
उन्होंने पत्र में कहा, ''मैं आपसे और आपके मंत्रिमंडल से अनुरोध करता हूं कि संयुक्त राष्ट्र संधि दस्तावेज जिसपर हमारी सरकार ने हस्ताक्षर किया है और वोहरा रिपोर्ट को एकबार फिर पढ़ें। आपके व्यस्त कार्यक्रम के कारण यह संभव है कि आप संधि के विस्तृत विवरणों और रिपोर्ट के निष्कर्षों को भूल गए हों।''
उन्होंने पत्र में कहा है, ''मैं आपसे वोहरा रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने का अनुरोध करता हूं।''
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संधि और वोहरा समिति की रिपोर्ट दोनों एक स्वर में भ्रष्टाचार पर चिंता जताते हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा, ''यह गंभीर चिंता का मामला है।''
भ्रष्टाचार से लड़ने में तंत्र स्थापित करने में कथित अनिच्छा पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि क्या यह मानना उचित होगा कि सरकार इस तरह की संस्थाओं को मजबूत बनाना नहीं चाहती है।

उन्होंने कहा, ''जब तक व्याप्त भ्रष्टाचार का पूरी तरह खात्मा नहीं किया जाता है तब तक हमारे देश का भविष्य अंधकारमय रहेगा।''
हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार प्लेग की तरह है जो लोकतंत्र, न्यायपालिका और सरकार के दैनिक कामकाज को संक्रमित करती है। 
कार्यकर्ता ने कहा कि 1993 में वोहरा समिति ने अपराधियों, नेताओं और नौकरशाहों के बीच गठजोड़ का अध्ययन किया और अपराधी गिरोहों के राजनैतिक संरक्षण हासिल करने के बारे में चर्चा की। रिपोर्ट में गिरोहों, पुलिस, नौकरशाहों और नेताओं के बीच गठजोड़ का खुलासा किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमारी न्यायपालिका इस तरह के संगठित अपराध गठजोड़ों की जांच करने में सक्षम नहीं है। इस गठजोड़ में बाहुबल और धनबल है और नेताओं से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा, ''भ्रष्टाचार व्यापक स्तर पर पहुंच गया है और इस समस्या से लड़ने के लिए स्थापित किए गए सभी तंत्र निरर्थक साबित हुए हैं। यह आवश्यक है कि हम इस प्लेग से लड़ें जिसने तंत्रों और भ्रष्टाचार निरोधक कानूनों को निष्क्रिय बना दिया है।''

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