Friday, February 24, 2012

सोशल मीडिया के लिए भी नियमन की आवश्यकता :सिब्बल

सोशल मीडिया के लिए भी नियमन की आवश्यकता :सिब्बल

Friday, 24 February 2012 18:31

नयी दिल्ली, 24 फरवरी (एजेंसी) सोशल मीडिया का दुश्मन होने से इंकार करते हुए दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने इंटरनेट के नियमन की वकालत की है। 
सिब्बल ने कहा, ''कौन कहता है। मैं नहीं समझता कि मैं शत्रु हूं।''
सिब्बल ने ये बातें कल शाम अपने नए काव्य संग्रह के विमोचन के बाद चर्चा के दौरान तब कहीं जब ये कहा गया है कि मीडिया के एक धड़े ने उन्हें सोशल मीडिया का शत्रु करार दिया है।
उन्होंने कहा, ''प्रिंट मीडिया इस देश के कानून के अधीन है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इस देश के कानून के अधीन है। मेरा एक ही सवाल है कि क्या सोशल मीडिया को इसके दायरे में नहीं होना चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''आप :जो मन में आए: कुछ भी प्रकाशित नहीं कर सकते या टेलीविजन पर :जो मन चाहे : कुछ भी नहीं देख सकते। हालांकि, सोशल मीडिया को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से ज्यादा अधिकार है----इसी से मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का शत्रु नहीं बन जाता। दरअसल, मैं हमेशा स्वतंत्रता के लिए लड़ा और इस चर्चा की कोई तार्किकता नहीं है।''

मंत्री ने कहा, ''अगर कोई कहता है कि चूंकि हमारा सर्वर अमेरिका में है इसलिए मैं देश के कानून की परवाह नहीं करता, इस बात को स्वीकार करना उपनिवेशवाद है।''
सिब्बल के काव्य संग्रह के दूसरे भाग का शीर्षक ''माई वर्ल्ड विदिन'' है। इसमें उन्होंने वाम दलों पर भी निशाना साधा है। अपनी कविता ''द फिसाइल लेफ्ट'' में उन्होंने वाम दलों से अपील की कि वे अपने से इतर चीजों को भी देखें। गौरतलब है कि अमेरिका से परमाणु करार के मुद्दे पर वाम दलों ने संप्रग एक सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
हालांकि, उन्होंने माकपा के पूर्व महासचिव हरकिशन सिंह सुरजीत को 'हीलर':मरहम लगाने वाला: बताया और ज्योति बसु के लिए भी अपनी कविता में अच्छे उद्गार व्यक्त किए हैं।

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