Wednesday, January 25, 2012

थप्पड़ के अलावा कोई विकल्प नहीं: अन्ना हजारे

थप्पड़ के अलावा कोई विकल्प नहीं: अन्ना हजारे

Wednesday, 25 January 2012 09:51

रालेगण सिद्धि, 25 जनवरी (एजेंसी) भ्रष्टाचार सहन करने की शक्ति समाप्त होने पर थप्पड़ के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। गांधीवादी अन्ना हजारे ने कहा है कि जब भ्रष्टाचार बर्दाश्त करने की किसी व्यक्ति की क्षमता जवाब दे जाती है तो उसके पास 'थप्पड़' मारने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता। हालांकि, उनकी यह टिप्पणी नये विवाद को जन्म दे सकती है।
हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी की लड़ाई पर आधारित हिन्दी फिल्म 'गली गली चोर है' को देखने के बाद संवाददाताओं से कहा, ''जब एक व्यक्ति की सहन शक्ति जवाब दे जाती है, तब आपके सामने जो कोई भी हो उसे थप्पड़ लगने के बाद उसके दिमाग ठिकाने आ जाते हैं।''
सामाजिक कार्यकर्ता हजारे के लिए उनके पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में इस फिल्म के निर्माण कार्य से जुड़े लोगों की मौजूदगी में 'गली गली में चोर है' की एक विशेष स्क्रीनिंग की गई। 

गौरतलब है कि पिछले साल 24 नवंबर को केंद्रीय मंत्री शरद पवार को दिल्ली में एक युवक द्वारा थप्पड़ मारे जाने का हजारे समर्थन करते हुए प्रतीत हुए थे जिसके बाद एक विवाद पैदा गया था। लेकिन बाद में हजारे ने इस घटना की निंदा की थी। 
हजारे के सहयोगी दत्ता अवारी ने पीटीआई को बताया कि अन्ना ने पूरी फिल्म देखी, जिसकी स्क्रीनिंग रात करीब 10 बजे खत्म हुई। 
उन्होंने बताया कि हजारे ने इस पर संतोष जाहिर किया। 
अवारी ने कहा कि अभिनेता अक्षय खन्ना, श्रीया शरण और मुग्धा गोडसे, निर्देशक रूमी जाफरी और निर्माता नितिन मनमोहन तथा संजय पुनमीजा स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद थे।

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