Saturday, May 12, 2012

Fwd: हिंदीसमय पर नया क्या है



---------- Forwarded message ----------
From: हिंदी समय <hindisamaydotcom@gmail.com>
Date: 2012/5/13
Subject: हिंदीसमय पर नया क्या है


मित्रवर,


हिंदीसमय पर प्रस्तुत नई सामग्री के बारे में बताने के पहले एक खास खबर।


आज, 12 मई २०१२ को,  महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय में आयोजित एक कार्यक्रम में

डॉ. रंजना अरगड़े ने शमशेर बहादुर सिंह के संपूर्ण साहित्य का कॉपाराइट विश्वविद्यालय को सौंप दिया। साथ ही, उन्होंने शमशेर जी की

ढेर सारी पांडुलिपियाँ तथा अप्रकाशित रचनाएँ भी संग्रहालय को भेंट कीं। इनमें उर्दू में लिखित बहुत-सी सामग्री भी है।


हम शमशेर बहादुर सिंह की प्रकाशित रचनाओं के साथ-साथ उनकी अप्रकाशित रचनाओं को भी हिंदीसमय पर यथाशीघ्र उपलब्ध कराने जा रहे हैं।


०००


इस बार हिंदीसमय पर खास तौर से पेश है मोहन राकेश का प्रसिद्ध नाटक  'आधे-अधूरे'।  यह अपने समय का युग-प्रवर्तक और सबसे ज्यादा

खेले जानेवाले नाटकों में हैं।


साथ ही, प्रस्तुत है शिवमूर्ति की ताजा कहान'ख्वाजा, ओ मेरे पीर!'


कुणाल सिंह का उपन्यास 'आदिग्राम उपाख्यान' अपनी विषय-वस्तु और शिल्प के कारण काफी चर्चित रहा है। अब यह हिंदीसमय पर

आपके पढ़ने के लिए मौजूद है।


०००


पहले की ही तरह, आपकी प्रतिक्रियाओं, टिप्पणियों और सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।

साथ ही, यह निवेदन भी कि आप इस मेल को जितने अधिक साहित्य प्रेमियों को फारवर्ड कर सकें, उतना ही अच्छा रहेगा। 

सविनय,

राजकिशोर



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राजकिशोर
संपादक
हिंदीसमयडॉटकॉम
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय
गांधी हिल्स
वर्धा - 442 001
महाराष्ट्र
भारत
फोन  : +91-9763995796


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