Sunday, March 4, 2012

बेनी की बसपा से हाथ मिलाने की कि वकालत

बेनी की बसपा से हाथ मिलाने की कि वकालत

Sunday, 04 March 2012 17:41

नयी दिल्ली, चार मार्च (एजेंसी) उत्तर प्रदेश के सत्ता के गलियारों में नयी हवा बहने के आसार दिख रहे हैं।  एग्जिट पोल की मानें तो इस बार ताज भी किसी और का होगा और सरकार भी किसी और की। नए चुनावी समीकरणों की आहट पाकर राजनीतिक दलों ने अपने अपने मोहरे भी बैठाना शुरू कर दिया है । कांग्रेसी नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने चुनाव के बाद बसपा से ही गठबंधन किए जाने की वकालत की है।
हालांकि संभावित विजेता और संभावित परास्त , दोनों ही खेमे एग्जिट पोल को उनकी संपूर्णता में स्वीकार करने को तैयार नहंी दिख रहे हें । 
मायावती की पार्टी से गठजोड़ के बेनी के विचारों को उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी तथा पार्टी महासचिव राशिद अल्वी समेत कई पार्टी नेताओं ने निजी विचार कहकर खारिज कर दिया है । 
सपा की साख को पुन: पटरी पर लाने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी और बहुत संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़े । 
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सरकार बनी तो उनके पिता मुख्यमंत्री होंगे । हालांकि उन्होंने संख्या बल कम पड़ने की सूरत में कांग्रेस या राहुल गांधी का समर्थन हासिल करने संबंधी सवालों को टाल दिया और कहा कि यह सब चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा। 
टीवी चैनलों द्वारा किए गए एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा में सपा को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दिखाया गया है जबकि एक चैनल ने पार्टी को उप्र में 403 सदस्यीय विधानसभ में 210 सीटों पर सफलता मिलने की भविष्यवाणी की है । 
स्टार न्यूज एसी निस्लसन एग्जिट पोल दर्शाते हैं कि 183 सीटों के साथ सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी जबकि बसपा को 83 सीटें मिलेंगी। 
इसके अनुसार भाजपा को 71 , कांग्रेस को 51 तथा उसकी सहयोगी पार्टी रालोद को 11 सीटों पर जीत हासिल होगी। दो सीटों पर निर्दलियों तथा अन्यों की जीत का दावा किया गया है । 
हेडलाइंस टुडे के एग्जिट पोल में सपा को 195 से 210 के बीच में जबकि बसपा को 88 Þ 98 सीटें मिलने की संभावना जतायी गयी है । इसमें बताया गया है कि भाजपा को 50 Þ 56 और कांग्रेस Þ रालोद गठबंधन को 38 Þ 42 सीटें मिल सकती हैें । 12 से 18 सीटों पर निर्दलीयों तथा अन्यों का कब्जा होने की संभावना बतायी गयी है । 
इंडिया टीवी सी वोटर एग्जिट पोल बताते हैं कि 137 Þ 145 सीटों के साथ सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आएगी जबकि

बसपा 122 Þ 130 सीटों पर दूसरे नंबर पर रहेगी। इसमें भाजपा को 79 Þ 87 , कांग्रेस Þ रालोद को 39 Þ 55 तथा अन्य को दो से दस सीटें मिलने की बात कही गयी है । 
टाइम्स नाउ ने ''पोल आफ पोल्स '' में बताया है कि सपा को 170 सीटें मिलेंगी जबकि बसपा को 98, भाजपा को 68 और कांग्रेस के हिस्से में 55 सीटें आएंगी। इसने अन्य को 12 सीटें जाने की भविष्यवाणी की है । 
टीवी सर्वेक्षणों के अनुसार , कांग्रेस को पंजाब, उत्तराखंड , मणिपुर में बढ़त मिलने की संभावना जतायी गयी है जबकि गोवा में एक टीवी चैनल ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के उच्च्पर भाजपा को बढ़त मिलने की बात कही है । 
उप्र के बारे में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा , '' शुरू दिन से ही हम कह रहे हैं कि हम समाजवादी पार्टी को समर्थन नहीं देंगे । 2002 में हमारा बहुत बुरा अनुभव रहा था। हम फिर क्यों ऐसा करेंगे ।''
उनके पार्टी सहयोगी बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा , '' निजी रूप से , मैं सपा के मुकाबले बसपा को तरजीह दूंगा। मायावती ने कानपुर से ऐटा तक अराजकता को नियंत्रित किया है । ''उन्होंंने साथ ही कहा कि ये उनके निजी विचार हैं । 
उन्होंने कहा कि यदि उप्र में कोई गठबंधन सफल नहंी हो पाता है तो वह वहां राष्ट्रपति शासन की वकालत करेंगे । 
सपा पर हमला बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा , '' उप्र की जनता ने जो 2002 Þ 07 में भुगता है वह उसे भूल नहंी सकती ।''
यह पूछे जाने पर कि एग्जिट पोल में दर्शायी गयी कांग्रेस की हालत के लिए क्या राहुल गांधी पर आरोप लगाया जाना चाहिए कांग्रेस महासचिव ने कहा , '' नेता एक रास्ता दिखा सकते हैं और उत्साह पैदा कर सकते हैं । उस उत्साह को वोटों में तब्दील करना संगठन का काम होता है ।''
त्रिशंकु विधानसभा के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा , '' हमने कभी नहीं कहा कि हम राष्ट्रपति शासन चाहते हैं । यदि हमें बहुमत नहीं मिला तो हम किसी अन्य पार्टी को समर्थन देने के बजाय विपक्ष में बैठेंगे । '' यह पूछे पर कि जीत के लिए कांग्रेस को वह कितनी सीटों की संभावना मानते हें , उन्होंने कहा , '' कम से कम सौ ।''
सपा के बहुमत हासिल नहीं करने पर रालोद के उसे समर्थन करने के बारे में किए गए सवाल पर रालोद प्रमुख अजित सिंह ने कहा , '' इसमें कोई सचाई नहीं है । यह पूरी तरह मनगढंत है । हमारा कांग्रेस के साथ गठबंधन है । हम जो भी करेंगे , कांग्रेस से विचार विमर्श करके ही करेंगे ।''

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