Tuesday, January 10, 2012

Fwd: [Social Equality] यह भ्रम बना हुआ है कि डा. भीमराव अंबेडकर केवल...



---------- Forwarded message ----------
From: Dinesh Tripathi <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2012/1/10
Subject: [Social Equality] यह भ्रम बना हुआ है कि डा. भीमराव अंबेडकर केवल...
To: Social Equality <wearedalits@groups.facebook.com>


Dinesh Tripathi posted in Social Equality.
यह भ्रम बना हुआ है कि डा. भीमराव अंबेडकर केवल...
Dinesh Tripathi 9:12pm Jan 10
यह भ्रम बना हुआ है कि डा. भीमराव अंबेडकर केवल दलित नेता थे. वह सदैव पूरे देश के लिए सोचते और काम करते रहे. निस्संदेह, आज बहुत से लोग अंबेडकर और दलितवाद के नाम पर ऐसी गतिविधियों में संलग्न हैं, जिससे अंबेडकर को घृणा होती. अंबेडकर ने बार-बार घोषित किया था कि भारतीय समाज की सबसे निम्न सीढ़ी के लोगों के लिए आर्थिक उत्थान से बड़ा प्रश्न उनके आत्मसम्मान, विवेक और आत्मनिर्भरता का है.

आजकल अंबेडकर का नाम लेकर जब-तब 'बौद्ध दीक्षा समारोह' आयोजित होते हैं. इन आयोजनों में ईसाई मिशनरियों का बड़ा हाथ होता है. किंतु दलितों को बौद्ध धर्म में मतांतरित कराने में ईसाई नेताओं की क्या दिलचस्पी है? इसका जवाब 'क्राइस्ट व‌र्ल्ड' पत्रिका में है. इसमें लिखा है कि दलितों की मुक्ति के लिए ईसाई समाज ने इतना काम किया है कि दोनों के बीच एक संबंध विकसित हो गया है. इससे भविष्य में दलितों का ईसाई पंथ में मतांतरित हो जाना एक स्वभाविक संभावना है.

-जय हो बाबा अम्बेडकर नाथ की .

View Post on Facebook · Edit Email Settings · Reply to this email to add a comment.



--
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

No comments: