Monday, October 5, 2015

क्या नरेंद्र सिंह नेगी जीक इन्सल्ट कौमेडी मा बेज्जती ह्वे सकदी ? - चबोड़ , चखन्यौ , चचराट ::: भीष्म कुकरेती


 क्या नरेंद्र सिंह नेगी जीक इन्सल्ट  कौमेडी मा बेज्जती ह्वे  सकदी ?

                  

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                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती    

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 अचकाल भारत मा रोस्ट कॉमेडी , इन्सल्ट कॉमेडी याने बेज्जती करदारो हास्य को बोलबाला च।  कपिल शर्मा कु शो ह्वावो  , कॉमेडी सर्कस ह्वावु  या कॉमेडी बचाओ शो हो या क्लबुं मा छुट मुट या बड़ा स्टेज शो ह्वावन धौं सब जगा एकी तरां की कॉमेडी करे जांदी।  अर वा च दुसराकी  भद्दी से भद्दी , गंदी से गंदी  ढंग से बेज्जती करे जावो।   बेज्जती  जथगा ज्यादा हो कॉमेडी शो उथगा सफल  माने जांद।  इन हौंस , हास्य, कॉमेडी  कुण रोस्ट कॉमेडी , इन्सल्ट कॉमेडी अर अमेरिकी अफ़्रीकी समाज मा द डोजर्स बुले जांद।  समिण वाळ तै नंगी  करण ही रोस्ट कॉमेडी कु ध्येय, उद्देश्य , मोटिव हूंद। गढ़वाली मा इन शो तै नांग/नंगी  दिखाण बि बुले सक्यांद। 
   अब जब दुसर तैं नंगी करण , दुसराकी बेज्जती करण से कॉमेडी शो सफल हूणा राला तो गढ़वळि मा बि रोस्ट शो ह्वावन या नि ह्वावन पर गढ़वाली रोस्ट शो बारा मा त सुचे सक्यांद च कि ना ?
रोस्ट , इन्सल्ट कॉमेडी की पैली अर आखरी शर्त हूंदी कि रोस्टेड (जै तै भड़ये , भर्चये जांद याने बकरा ) सेलिब्रिटी हूण चयेंद अर रोस्टर (भड्याण वाळ ) बि सेलिब्रिटी हूण चयेंद।  पर हम तो गढ़वळि छंवां अर हम अपर अलावा कै हैंक गढ़वळि तै सेलिब्रिटी माणदा इ नि छंवां तो इन मा रोस्ट कॉमेडी शो ह्वाल कि ना यां पर मै तै शक च। 
 खैर माना कि कै बि तरां से हम गढ़वळि मानि बि जवां कि म्यार अलावा हैंक गढ़वळि बि सेलिब्रिटी ह्वे सकद तो भी गढ़वाली रोस्ट या गढ़वाली इन्सल्ट कॉमेडी शो या नंगी दिखावो शो सफल नि ह्वे सकदन। 
 गढ़वळि मा सबसे बड़ा सेलिब्रिटी राजनैतिक नेता ही छन।  याने कि यदि गढ़वाली रोस्ट कॉमेडी शो सफल करवाण हो तो नेताओं तै बेज्जती करवाणो बुलाण पोड़ल।  चलो बेशरम, बिलंच , बेदर्द नेता अपण बेज्जती करवाणो ऐ बि जाला तो दर्शकुं तै वीं बेज्जती मा मजा नि आण।  भई नेताओं की जथगा बेज्जती पत्रकार करदन तथगा बेज्जती रोस्टर तो कर नि सकुद तो इन मा दिखंदेरूँ तैं मजा ऐई नि सकुद।  फिर पत्रकारुं से अधिक तो नेताओं तै विरोधी पार्टी वळ भरच्यांदन, भड़्यांदन , रोस्ट्यांदन तो विरोधी पार्टीक समिण रोस्टर की क्या बिसात कि कै नेता की अधिक बेज्जती कर साकन। फिर नेताओं का विरोधी नेताओं से अधिक नंगी तो अपड़ी पार्टी का नेता करदन अर अपणी पार्टी का दगड्या अपण सहयोगी नेता तै   इथगा अधिक नंगी करदन कि नेताओ का क्वी कार्य बच्युं इ नि रौंद कि हौर कुछ नंगी करे जावो।  इन मा रोस्टर कै नेता तै नंगी करणो कोशिस बि कारल तो दर्शक उबाऊ शो का कारण रोस्टर की चड्डी उतार द्याला कि बासी तिबासी जोक्स सुणानु छे ?
अच्छा फिर खण्डूडी , पोखरियाल , सतपाल महाराज, टिहरी राणी की क्या बेज्जती करण?  जब नरेंद्र मोदीन मंत्रीपद नि देकि यूँ नेताओं कि इथगा बड़ी बेज्जती करीं ही हो तो क्या दुनिया मा छ क्वी माई को लाल जु यूँ बिचारुं कि हौर बेज्जती कार साको ? ना भै ना ! यांसे अधिक इन्सल्ट यूं नेताओं कि नि ह्वे सकदी। 
 हाँ नारयण दत्त तिवाड़ी की बात अलग च।  पर वै शोन हास्य शो ना श्रृंगार शो बण जाण तो इन कॉमेडी शो मा कैन बि नारायण दत्त तिवाड़ी तै नि न्यूतण। 
जख तक सरकारी अधिकार्युं मादे सेलिब्रिट्यूं  को सवाल च तो अजकाल एकी सरकारी अधिकारी फॉर्म मा छन अर उ छन अजित डोभाल। पर गढवली अधिकार्युं  एक सिद्धांत च बल भोजपुरी प्रोग्रैम मा चली जावो किन्तु गढ़वळि प्रोग्रैमुँ मा कतै नि जाण तो इनमा गढ़वळि रोस्ट कॉमेडी शो का वास्ता सेलिब्रिटी अधिकारी मिलण से त राइ । 
  अब गीत संगीत का सेलिब्रिट्यूं से रोस्ट कॉमेडी शो ह्वे सकद च अर हूण बि चयेंद। 
किन्तु गीत संगीत का सेलिब्रिट्यूं बेज्जती करण इथगा आसान काम बि त नी च जी। 
जीत सिंह नेगी या चन्द्र सिंह राही जी तै बेज्जती करवाणो बुलाये जै सक्यांद।  किन्तु फेसबुक्या अर व्हट्सअप्प्या पीढ़ी तै पता इ नी च बल जीत सिंह नेगी या राही जीका  क्या योगदान च तो इनमा रोस्ट  कॉमेडी शो को ही बरखबान हूण। 
गजेन्द्र राणा की बेज्जती ह्वे सकदी च ।  किन्तु गजेन्द्र राणा की इथगा बेज्जती ऑलरेडी ह्वे गे कि अब बेज्जती बि हौर अधिक बेज्जत हूणों तयार नी च। याने गजेन्द्र राणा तै इन्सल्ट कॉमेडी शो मा नि भट्याये जै सक्यांद। 
बकै गीतकारों का इन ऐब लोगुं तै पता बि नि छन कि ऊँ ऐबो गुणगान से से हास्य पैदा  हो। 
हाँ नरेंद्र सिंह नेगी जी  यदि इन्सल्ट कॉमेडी शो मा शिरकत कारन तो शो हिट तो अवश्य ह्वे जालो पर सवाल या च कि बिरळौ गौळउंद घांडी कु बांधल ? नेगी जन सूर्य की कु अभागी बेज्जती करणो हिम्मत कारल ? द्याख नी तुमन ? फेसबुक मा द्वी दै पाराशर गौड़न नरेंद्र सिंह जी की काट क्या कार कि सबि फेसबुक्या गौड़ जी तै काटणो कनाडा पौंछि गेन। अर गजेन्द्र राणा का क्या कुहाल हुयां छन ? मतलब नेगी जीकी बि बेज्जती मजाक मा ही सही ह्वेई नि सकदी। अर जब बेज्जती नि ह्वावो तो व शो इन्सल्ट कॉमेडी शो ह्वेई नि सकद। 
साहित्यकारों बेज्जती ह्वे त सकद च पर गढ़वळि लोग गढ़वळि साहित्यकारों तै सेलिब्रिटी ही नि माणदन तो दर्शक साहित्यकारों बेज्जती क्या द्याखल ?
हाँ साहित्यकार डा राजेश्वर उनियाल की बेज्जती ये  विषय पर अवश्य ह्वे सकदी कि डा उनियाल तै हिंदी राजभाषा सम्मान मछली विभाग मा हिंदी का कार्य पर मील किन्तु अफवाह या उड़ाई जाणि च कि डा उनियाल तै उत्तराखंड लोक साहित्य सृजन पर राजभाषा सम्मान मील।  पर मुंबई का द्वी चार लोगुं अलावा डा उनियाल तै कु साहित्यकार माणदु कि डा राजेश्वर तै इन्सल्ट करणो बुलाये जावो ?
मेरी समझ मा तो गढ़वळि इन्सल्ट कॉमेडी शो सफल नि ह्वे सकुद।  हाँ यदि आप माणदा छंवां कि गढ़वळि मा इन्सल्ट कॉमेडी शो सफल ह्वे सकुद च तो बतावो कि कै गढ़वळि सेलिब्रिटी की बेज्जती ठीक राली ? 
  
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