Tuesday, May 15, 2012

Fwd: [भीम-शिव-अन्ना-रविदास-बौद्ध-मुस्लीम... बहुजनशक्ती मंच-भारत] अध्यादेश जलाओ, दलित बचाओ



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From: Ashok Kumar Bharti AshokaFellow <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2012/5/15
Subject: [भीम-शिव-अन्ना-रविदास-बौद्ध-मुस्लीम... बहुजनशक्ती मंच-भारत] अध्यादेश जलाओ, दलित बचाओ
To: "भीम-शिव-अन्ना-रविदास-बौद्ध-मुस्लीम... बहुजनशक्ती मंच-भारत" <117247671728910@groups.facebook.com>


अध्यादेश जलाओ, दलित बचाओ 17 मई, दोपहर 12.30...
Ashok Kumar Bharti AshokaFellow 1:37pm May 15
अध्यादेश जलाओ, दलित बचाओ
17 मई, दोपहर 12.30 बजे.
कश्मीर से कन्याकुमारी तक कार्यवाही.

रविवार 13 मई को दिल्ली में अनेकों दलित व पिछड़े वर्ग के कर्मचारियों की एक बैठक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 27अप्रैल को प्रोन्नति में आरक्षण के खिलाफ दिए गए निर्णय पर चर्चा हुई और इसके खिलाफ एक लंबी और अनवरत लड़ाई की जरूरत अनुभव की गई. इसी के अनुरूप सभी संगठनों और कर्मचारी असोसिएशनों ने मिलकर इस लड़ाई को दिशा देने के लिये नेशनल फोरम फॉर रिजर्वेशन नाम से एक अस्थायी मंच का गठन करने का फैसला लिया गया. इस बैठक में बैंक, डिफेंस, शिक्षक, वाटर/पॉवर, सरकारी विभाग और सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के संगठनों ने हिस्सा लिया.

इस बैठक में प्रोन्नति में आरक्षण के खिलाफ 27 अप्रैल के फैसले से सम्बंधित तमाम केसों व मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया. सभी की सम्मलित राय थी कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार चाहती तो फैसले के खिलाफ बड़ी बेंच के पास अपील कर अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के हितों की रक्षा के लिये अपनी प्रतिबद्धता प्रमाणित कर सकती थी. लेकिन सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के कर्मचारियों के हितों के खिलाफ न्यायालय के फैसले को एक अध्यादेश के जरिये लागू कर दिया. यह इतिहास में पहला अवसर है जब सरकार ने इतनी तत्परता से कोई फैसला लागू किया है. बहरहाल इस फैसले से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के कर्मचारियों की प्रोन्नति या प्रोमोशन के लिये आरक्षण का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है.

यदि केन्द्र सरकार चाहे तो वह 27 अप्रैल के फैसले को अप्रभावी बनाने के लिये संविधान में संशोधन कर सकती है. लेकिन इसके लिये हमें केन्द्र सरकार पर दबाब बनाना होगा.
इसके लिये नेशनल फोरम फॉर रिजर्वेशन ने दिल्ली में तमाम संसद सदस्यों से मिलकर उनको इसके लिये प्रेरित करने और उनपर दबाब बनाने का फैसला किया है.

कल दिल्ली में आयोजित इस बैठक में फैसला किया गया कि संसद के इसी अधिवेशन के दौरान हमें सम्पूर्ण देश में इस फैसले के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए. बैठक में तय किया गया कि आगामी बृहस्पतिवार 17 मई को दोपहर साढ़े बारह बजे देश के हर हर राज्य के हर जिले में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रोन्नति में आरक्षण के खिलाफ लागू किये गए अध्यादेश की प्रतियों को जलाकर अपना रोष प्रकट किया जाए. नेशनल फोरम फॉर रिजर्वेशन की ओर से सभी दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक संगठनों और दलों से निवेदन है कि वह हमारा इस संघर्ष में साथ दें और अपने हितों की रक्षा करें.

बैठक में इस लड़ाई से सम्बंधित मुद्दों पर एक मांगपत्र बनाने की जिम्मेदारी आल इंडिया यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एस सी, एसटी कर्मचारी असोसिअशन के प्रेसिडेंट ब्रिज भूषण और शिक्षक संगठनों के नेता हवा सिंह ने ली. यह मांगपत्र आपको भी 17 मई से पहले टाइप करा कर हिंदी और इंग्लिश में भेज दिया जाएगा.

संसद सदस्यों से मिलने के लिये एक प्रतिनिधिमंडल नियुक्त किया गया जो कि प्रत्येक सांसद से मिलकर संविधान में संशोधन की मांग करेगा. इस प्रतिनिधिमंडल में हवा सिंह, मुकेश जाटव, सरवन कुमार, रमेश बाबु, जगदीश सिंह, रविंदर कटारिया, मनोज कुमार को नामित किया गया. यह प्रतिनिधि मंडल प्रत्येक दिन कुछ सांसदों से मिलकर उनको मुद्दे से अवगत कराएगा.

नेशनल फोरम फॉर रिजर्वेशन दिल्ली में 17 मई को दोपहर साढ़े बारह बजे दिल्ली के जंतर मंतर पर बर्न दि ऑर्डिनेंस (अध्यादेश जलाओ) के जरिये अपनी बात संसद और सरकार तक पहुंचायेगा. आपसे निवेदन है कि समय निकालकर इस कार्यक्रम में जरूर शामिल हों.

नेशनल फोरम फॉर रिजर्वेशन को पंजाब एससी बीसी एम्प्लाई फेडरेशन, राष्ट्रीय दलित महासभा बुंदेलखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, ओडिशा, हरियाणा और मध्यप्रदेश के कर्मचारियों, बैंक, शिक्षक और डिफेन्स के कर्मचारियों ने सहयोग करने और सैंकडो जगह उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यादेश की कापी जलाने का आश्वाशन दिया है.

इस सबंध में व्यापक प्रचार और प्रसार के लिये एक परचा बनाने की जिम्मेदारी मुकेश जाटव जी ने ली है, जो हम आपसे शीघ्र ही साझा करेंगे.

साथियों, हमारी आपसे अपील है कि यह संघर्ष का वक्त है, और हमें इस लड़ाई में जीतना ही होगा.

आपके साथी

अशोक भारती, मुकेश जाटव, ब्रिज भूषण, हवा सिंह, रविंदर कटारिया, रमेश बाबु, हरिओम सोनी, जगदीश सिंह, जगदीश, देविंदर सिंह, सरवन कुमार, मनोज कुमार.
हेतु, नेशनल फोरम फॉर रिजर्वेशन

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