Tuesday, May 1, 2012

Fwd: [Mulnivasi Karmachari Sangh] http://www.janjwar.com/2011-06-03-11-27-26/77-art/...



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From: Laxman Singh Bisht Batrohi <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2012/5/1
Subject: Re: [Mulnivasi Karmachari Sangh] http://www.janjwar.com/2011-06-03-11-27-26/77-art/...
To: Mulnivasi Karmachari Sangh <276373509074205@groups.facebook.com>


*पलाश,* सत्यजित राय की बच्चों के लिए बनाई गयी...
Laxman Singh Bisht Batrohi 1:58pm May 1
*पलाश,*
सत्यजित राय की बच्चों के लिए बनाई गयी फिल्मों के बहाने जिस तरह अपने भूत
(अतीत) को याद किया है,वह अद्भुत है. तुम अपने साथ हम लोगों के अतीत का भी
इतना प्यारा टुकड़ा आज तक संजोये हुए हो, पूरी शिद्दत के साथ, यह हर किसी के वश
की बात नहीं है. इतना अच्छा और अधिक लिखते हो कि हमारे लिए उसको पूरा पढ़ पाना
ही संभव नहीं होता. कई बार इतना निर्मम हो जाना पड़ता है की बिना पोस्ट देखे
ही आगे बढ़ जाते हैं. शायद ऐसे में कई बार कुछ महत्वपूर्ण छूट जाता रहा होगा.
मैं हैरान हूँ कि मेरे बीच का कोई साथी इतनी विविध प्रतिभा के साथ ऐसे दुष्ट
समय में पूरे चैतन्य के साथ जी रहा है. हिदी, अंग्रेजी में पूरे अधिकार के साथ
लिखना, (बांग्ला में भी लिखते ही होगे) उस पर अपने दौर की हर समस्या पर
एक्सपर्ट आँख. यह देख कर ख़ुशी तो होती ही है, कुछ छूटा-छूटा सा भी लगता है,
शायद तुम्हारे रूप में. पुराने विद्यार्थी-मित्रों में कई लोग हैं जो अद्भुत
कलात्मकता के साथ सक्रिय हैं... समकालीन मित्रों में देवेन मेवाड़ी बचपन को
अद्भुत ढंग से सजोये हुए है, सिद्धेश्वर, अनुजा, अशोक पाण्डे आदि साहित्य की
मुख्य धारा, राजीव लोचन नए निर्मित होते उत्तराखंड के दंश को... न जाने और भी
कितने सक्रिय चेहरे हैं, मगर तुम्हारा तो सचमुच कोई जवाब नहीं है. इतने सक्रिय
इस अराजक समय में तुम कैसे रह लेते हो भाई.
मेरी ढेर सी शुभ कामनाएं. इस उम्मीद के साथ कि यह तेवर हमेशा बना रहेगा.
तुम्हारा,* बटरोही *
Original Post
Palash Biswas

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