Thursday, October 21, 2010

Fwd: pl.read नई तस्वीर—भारतीय मुसलमानों के खिलाफ मोर्चा सा खोल दिया— on www.mediamorcha.co.in



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From: mediamorcha mediamorcha <mediamorcha@gmail.com>
Date: 2010/10/21
Subject: pl.read नई तस्वीर—भारतीय मुसलमानों के खिलाफ मोर्चा सा खोल दिया— on www.mediamorcha.co.in
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Posted on October 20 2010 Read more...

नई तस्वीर————————–

नई तस्वीर————————– रंजन जैदी / सब तरफ विभिन्न वेबसाईट्स प़र इन दिनों बड़े ही सुनियोजित ढंग से भारतीय मुसलमानों के खिलाफ मोर्चा सा खोल दिया गया है. मेरे बेटे ने मुझसे सवाल किया कि पापा, मेरे अधिकतर दोस्त नान-मुस्लिम हैं और वह पूछते हैं कि इस कंट्री में हिन्दू-मुस्लिम-दुश्मनी के आलावा फंडामेंटलिस्ट कुछ और ...
Posted on October 18 2010 Read more...

Justice for मां : गाजीपुर के एसएसपी को चिट्ठी

Justice for मां : गाजीपुर के एसएसपी को चिट्ठी गाजीपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एल. रवि कुमार (फाइल फोटो) ( भाई यशवंत जी के मां के साथ पुलिस ने जो किया उसकी जितनी निंदा की जाये कम है , भड़ास4मीडिया में प्रकाशित हिस्से को मीडियामोरचा में हू ब हू दिया जा रहा है.. महिलाओं केसाथ इस तरह का पुलिसिया व्यवहार की जितनी निंदा की ...
Posted on October 17 2010 Read more...

आभासी हिंसा, आरोपित कॉमन सेंस और सामाजिक की प्लास्टिक सर्जरी और मीडिया

आभासी हिंसा, आरोपित कॉमन सेंस और सामाजिक की प्लास्टिक सर्जरी और मीडिया (सन्दर्भ ज्याँ बोद्रोया) मीडिया के इमेज जिसमें सबकुछ दिखता है हिंसा के उन इलाकों को लेकर हमारे सामने खडा होता है जिसको देखते हुए हम हिंसा को तैयार करने के विरूद्ध सक्रिय जो मन की कोशिकाएं होती हैं वे स्ववमेय आरपार दिखती है. और दिखता है दिमाग के भीतर का वह केन्द्र जहाँ से ...
Posted on October 13 2010 Read more...

पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में चित्रकार मनीष पुष्कले का व्याख्यान

पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में चित्रकार मनीष पुष्कले का व्याख्यान भोपाल / खबर / डा.पवित्र श्रीवास्तव । रजा फेलोशिप से सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त चित्रकार मनीष पुष्कले का कहना है कि भारत में कला एवं सांस्कृतिक समीक्षा का स्तर दुनिया के तमाम देशों के मुकाबले काफी पिछड़ा हुआ है। भारत में आलोचना केवल रिपोर्ताज तक ही सीमित है, इस कारण भारत में अच्छे आलोचकों एवं समीक्षकों ...
Posted on October 11 2010 Read more...

वाड्.मय पुरस्कार से नवाजे गए संजय द्विवेदी

वाड्.मय पुरस्कार से नवाजे गए संजय द्विवेदी भोपाल /खबर / मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर ने 10 अक्टूबर को भोपाल स्थित हिंदी भवन के सभागार में आयोजित समारोह में युवा पत्रकार एवं लेखक संजय द्विवेदी को उनकी नई किताब 'मीडियाः नया दौर- नई चुनौतियां' के लिए इस वर्ष के वाड्.मय पुरस्कार से सम्मानित किया। स्व. हजारीलाल जैन की स्मृति में प्रतिवर्ष ...
Posted on October 8 2010 Read more...

जरूरत है मीडिया में हो रहे बदलाव को सकारात्मक रूप देने की

जरूरत है मीडिया में हो रहे बदलाव को सकारात्मक रूप देने की अरुणलाल / मीडिया के रूप में हो रहें परिवर्तन को लेकर लगातार चर्चाएँ हो रही है . मीडिया के विकृत रूप पर हर कोई नाक मुंह सिकोड़ता नजर आता है . कोई पेड़ न्यूज़ को लेकर परेशान है . कोई इलेक्ट्रानिक मीडिया की सनसनी से तो कोई मीडिया के राजनीतिकरण से परेशान ...
Posted on October 7 2010 Read more...

अयोध्या की समस्या के मूल में संवादहीनता

अयोध्या की समस्या के मूल में संवादहीनता (अयोध्या और मीडिया पर विचार/ आलेख मीडियामोरचा को लगातर मिल रहे हैं । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला जी का आलेख प्राप्त हुआ है जिसे दिया जा रहा है-संपादक) ...
Posted on October 7 2010 Read more...

मीडिया का उतरदायित्व….?

मीडिया का उतरदायित्व….? रजनी सहाय / आज के दौर में श्रव्य और दृश्य दोनों ही कारणों से मीडिया को देश और समाज की दशा-दिशा तय करने में अग्रणी माना जाता है। वस्तुपरक, तथ्यात्मक और मानवीय धर्मों से युक्त रिपोर्टिंग विश्वसनीयता के धरातल पर मन-मस्तिस्क और हृदय को छुती है। इस कारण आज का संसार सोते-जागते मीडिया ...
Posted on October 6 2010 Read more...

किसान संघर्ष की महागाथा : 'नंदीग्राम डायरी'

किसान संघर्ष की महागाथा : 'नंदीग्राम डायरी' अरूण कुमार त्रिपाठी / पुस्तक चर्चा /जमीन से उठी नंदीग्राम की कथाइस डायरी को लिखने के लिए यायावरी लेखक ने न सिर्फ अपनी जान जोखिम में डाल कर तथ्य जुटाए हैं बल्कि स्थानीय इतिहास, कला और संस्कृति की जानकारी इकट्ठा करने के लिए विधिवत शोध भी किए हैं। इसीलिए १६ मार्च 2007 से ...
Posted on October 5 2010 Read more...

साहित्यिक पत्रकारिता की दुनिया में पांडुलिपि त्रैमासिक

साहित्यिक पत्रकारिता की दुनिया में पांडुलिपि त्रैमासिक डॉ. बलदेव । पुस्तक चर्चा । प्रमोद वर्मा देश के प्रखर मार्क्सवादी चिंतक, आलोचक, नाटककार और मुक्तिबोध, हरिशंकर परसाई व श्रीकांत वर्मा के प्रिय मित्रों में थे । उनके निधन के कई साल बाद उनकी स्मृति को नाम पर पिछले 2 सालों से सक्रिय प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान ने अपने अन्य उपक्रमों के साथ हाल ...

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Palash Biswas
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