दवाओं के दाम बढ़ने की आशंका
बिजनेस भास्कर नई द��Tuesday, February 17, 2009 02:12 [IST]
नई दिल्ली । अंतरिम बजट के दौरान दवाओं पर उत्पाद शुल्क से संबंधित कोई घोषणा नहीं किए जाने से दवाओं के दाम बढ़ने की आशंका गहराने लगी है। इससे आम आदमी पर बोझ पड़ सकता है। भारतीय दवा उत्पादक संघ (आईडीएमए) के निदेशक गजानन वाकंकर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि दवा उद्योग के प्रतिनिधि जल्द ही सरकार से इस विषय पर बातचीत करेंगे। उनका कहना है कि सरकार भले ही उत्पाद शुल्क और कम न करें लेकिन इसे 4 फीसदी के स्तर पर आगे भी बनाए रखे। अगर मार्च 2009 के बाद उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी होती है तो दवाओं के दाम भी उसी अनुपात में बढ़ सकते हैं।
निकोलस पीरामल इंडिया लिमिटेड के वाइस प्रेसीडेंट हरेंदर सिंह ने कहा कि सरकार के अंतरिम बजट में दवा उद्योग के लिए कुछ भी नहीं है। दवा की अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाने के लिए इस पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिए। कैंसर की दवाओं पर लगने वाले 7 फीसदी शुल्क को भी खत्म किया जाना चाहिए।
सरकार ने 7 दिसंबर 2008 को उत्पाद शुल्क में 4 फीसदी की कटौती की घोषणा की थी जिससे दवाओं पर उत्पाद शुल्क 8 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो गया था। सरकार के आदेश पर सभी टैक्स फ्री क्षेत्र के बाहर मौजूद दवा संयंत्रों के उत्पादों पर भी घटाए गए उत्पाद शुल्क के मुताबिक अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कमी की गई थी। दवा कंपनियों ने दवा के एमआरपी पर करीब 2 से 3 फीसदी की कमी की थी लेकिन उत्पाद शुल्क पर यह छूट 31 मार्च 2009 तक ही है।
Wednesday, March 4, 2009
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