Tuesday, January 12, 2016

Ravish Kumar मैं भारत माता की संतान हूं। अगर मेरी मां भारत माता नहीं है तो फिर कोई भारत माता नहीं है। फिर कोई मां पूजे जाने के लायक नहीं है।


मैं भारत माता की संतान हूं। अगर मेरी मां भारत माता नहीं है तो फिर कोई भारत माता नहीं है। फिर कोई मां पूजे जाने के लायक नहीं है। मैंने हमेशा भारत माता को अपनी माता समझा है और अपनी मां में भारत माता देखी है। क्या हम सभी सौ फीसदी माँ भारती की औलाद नहीं हैं ? सवाल मेरी मां का भी नहीं है। सवाल उन तमाम मांओं का है जिनके आगे बड़े बड़े नेता देवी कह कह कर गिड़गिड़ाते हैं और बाद में अपने वैचारिक समर्थकों से उन्हीं देवियो को किसी न किसी बहाने गाली पड़वाते हैं। गाली देने वाले की प्रोफाइल गलत हो सकती है मगर नकली नाम के पीछे किसी असली आदमी ने ही तो लिखा होगा। उसकी कुछ सोच होगी। वो किसी संगठन के लिए काम करता होगा। उसकी भलाई चाहता होगा। क्या उस संगठन में मांओं की यही इज़्ज़त है। अगर आप इस प्रवृत्ति को अब भी नहीं समझे और सतर्क नहीं हुए तो बहुत देर हो जाएगी। आखिर कौन लोग हैं जो पिछले कुछ दिनों धड़ाधड़ गालियां दिये जा रहे हैं।


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