Tuesday, June 30, 2015

जमीनौ कार्यकर्ता , जमीनौक कार्यकर्ता अर जमींदस्त राजनीति

 जमीनौ कार्यकर्ता , जमीनौक कार्यकर्ता अर जमींदस्त राजनीति   


                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती 


                      उन तो रजनीतिग्य अपण पार्टीक कमियुं बड़ा मा कमि बुल्दन पर अजकाल लालकृष्ण आडवाणी पर यु जौर -च्यार ज्यादा इ लग्युं च।  मुलायम सिंग पर बि यु जौर लगदु च।  पर ब्याळि उत्तरप्रेदसौ मुख्यमंत्रीन एक बात बोली बल जमीनी कार्यकर्ता और जमीनका कार्यकर्ताओं मा भौत फरक हूंद।  

             पर दिखे जावो तो राजनीती तो जमीनी कार्यकर्ताओं का  ना जमीनका दल्ला कार्यकर्ताओं का जिबळु , जाळ  , फंदा मा इ फंसी रौंदी।  दुर्योधनन एक इंच जमीन पांडवुं तै नि दे तो कुरुक्षेत्र ह्वे ग्ये।  कर्ण बि राजनैतिक कार्यकर्ता बणणो आई पर जमीनी हकीकत या छे कि कर्ण माँ जमीन नि छे तो दुर्योधनन डिस्क्रिमिनेसन पावर प्रयोग करिक कर्ण तै लैंड दे दे।  हरियाणा का भूतपूर्व , अभूतपूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा अर रजस्थान का ब्याळो सूबेदार गहलौतन बि डिस्क्रिमिनेसन प्रयोग कर दे अर रॉबर्ट बाड्रा तैं  जमीन अलॉट कर दे।  दुर्योधन कु डिस्क्रिमिनेसन सही माने ग्ये  पर हुड्डा अर गहलौत का डिस्क्रिमिनेसन गलत माने गे।  जमीन का मसला राजनीति मा महत्वपूर्ण हूंदी तबि तो द्रोणाचार्य तै राजकीय युद्धगुरु बणन छौ तो द्रुपद की जमीन छीन  दे या ह्वे सकद च राजकीय युद्ध गुरु बणनो बाद द्रोणाचार्यन  यदुरप्पा पुत्र जन  करतूत कर दे हो।  जमीन ही तो रजनीति की गूंद हूंदी । 

    

             देहरादून मा जावो जरा ! तो आप तै आधा से जादा नेताऊं परिचय इन पैल्या -

    जी यी उत्तराखंड भ्रान्ति दल का नेता छन अर फलैटों दलाली बि करदन। 

     यदि कॉंग्रेस की सरकार हो तो - जी यी भाजपा का भारीभरकम नेता छन अर इस्टेट एजेंसी का काम बि करदन। 

       अर भाजपा की सरकार हो तो - जी यी कॉंग्रेस का भारीभरकम नेता छन अर इस्टेट एजेंसी का काम बि करदन। 

       अब जब कि कॉंग्रेस की सरकार च तो परिचय इन हूंद -  यी कॉंग्रेसी छन अर चुनाव की तयारी करणा छन अर फलण लैंड माफिया का सड्डू भाई छन। 


           गढ़वळि माँ मिसाल च कि बड़ गोर घास खालु अर बछुर थुंतुर चाटल।  अब राजनीति मा छूट पार्टीका नेता दल्ला का नाम से भट्याए जांद तो बड़ी पार्टी का नेता भूमाफिया का समधी या साड्डू भाई से ख्याति पांदु। 

  मुंबई मा यदि ब्वालो कि यी नेता याने सामाजिक कार्यकर्ता छन तो बुलणो  जरूरत नि हूंदी कि यी लैंड ग्रैबरों रिस्तेदार छन।  लैंड ग्रैबिंग/जमीन हथियाओ अर राजनीति अब एक हैंकाक पर्याय ह्वे गे। झूट बुलणु हूँ त बसुन्धरा राजे बौ अर दुष्यंत भतीजो तै पुछि ल्यावदी निथर चचा जी  शरद पवार या भतीजो अजित पंवार नि बताला तो भुजबल का ड्यार पड्यां छापा तो अवश्य ही बताला।  हाँ महराष्ट्र का महान कॉंग्रेसी अशोक चौहाण तो अबि बि बुल्दन कि आदर्श सोसाइटी से म्यार क्वी लीण दीण नी च । 

 अर तब बि सच नि आणि हो तो क्रिकेटर सुरेश रैना , रविन्द्र जडेजा अर वेस्ट इंडियन ब्रावो त  गवाही दे ही द्याला कि इण्डिया मा लैंड ग्रैबिंग अर राजनीती एक हैंकाक पर्याय ह्वे गे । या अलग बात च कि BCCI का मुखिया राजीव शुक्ला , अमित शाह , अरुण जेटली , अनुराह ठाकुर , शरद पवार का बयान तो यो हि ह्वाला  कि सब बकबास च।  क्रिकेट की जमीनी हकीकत बि या ही च कि क्रिकेट की जमीन बि अब भूमाफिया तयार करदो। 


  अर तब बि सच नि आणि हो तो जरा डा रमेश निशंक का पॉलिटिकल ग्राफ देखि ल्यावदी बिचारा जमीन का बदौलत ही  निशंक से राजनैतिक  रंक बणिन । अर जमीन खिसकण से ही तो विजय बहुगुणा की जमीन खिसक ! जमीन राजनीती मा महत्वपूर्ण खेल खेल्दी। 

अर एक जमीनी हकीकत बि या च कि जमीनी राजनितिक कार्यकर्ता कबि बि मंत्री नि बण सकदन।  मंत्री बणनो बाण तुमतै जमीनक सौदागर अवश्य बणन पोड़ल।  झूट बुलणु हो तो जोगेश्वरी , मुंबई का भूतपूर्व जमीनी सौदागर पुरषोत्तम सोलंकी से पुछि ल्यावदी जु अब गुजरात का मंत्री छन। 

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