Friday, May 18, 2012

Fwd: अभिव्यक्ति की आजादी और नाक का सवाल



---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2012/5/18
Subject: अभिव्यक्ति की आजादी और नाक का सवाल
To: abhinav.upadhyaya@gmail.com


मई दिवस के दिन जेएनयू में लाल बैंड की प्रस्तुति के दौरान जो कुछ हुआ, उस पर अलग-अलग तरह के नजरिए और टिप्पणियां सामने आई हैं. विभिन्न पहलुओं के साथ कुल मिला कर यह बहस अभी खत्म नहीं हुई है और फेसबुक से लेकर जेएनयू तक में यह बहस अब भी चल रही है. कवितेन्द्र इन्दु ने इस पूरे मुद्दे पर और त्रिथा को गणपति की वंदना गाने से रोक दिए जाने के विरोध में लिखे गए लेखों विस्तार से नजर डाली है. वे इस पूरे प्रसंग में अब तक बड़ी सुविधा के साथ अनदेखे किए जाते रहे कुछ जरूरी सवाल उठाए हैं और अभिव्यक्ति की आजादी के वर्ग चरित्र पर भी गौर किया है.

अभिव्यक्ति की आजादी और नाक का सवाल



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