Monday, May 7, 2012

Fwd: ...संघर्ष के शीर्षक से



---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2012/5/7
Subject: ...संघर्ष के शीर्षक से
To: ajay kumar <ajayhindustan@yahoo.co.in>


यह दण्डकारण्य है, माओवादियों की जनताना सरकार. मनमोहन सिंह के लिये देश का सबसे बड़ा खतरा और एक महिला के लिए खतरे की सबसे बेखौफ जगह. मैं रुक्मिणी, रूपा, हेमा अक्का, सरोज, नर्मदा जैसी महिलाओं के विस्थापन से अपनी बात शुरू करना चाहूंगा. मैं चाहूंगा कि जो नाम मुझसे छूट गये हैं उन्हें जोड़ लिया जाए. जबकि यहाँ मैं अपनी प्रस्तुति दे रहा हूं, शायद वे अपना नाम बदल रही होंगी, शायद उन्हें पकड़ लिया गया हो, शायद वे किसी मुठभेड़ में मारी गयी हों. या बगैर मुठभेड़ के मुठभेड़ में मारी गयी हों. या शायद... कल भी यह शायद शायद ही बना रहेगा, हर बार की तरह. क्योंकि उनके मौत की खबरें अखबारों तक नहीं आयेंगी, कोई टीवी. उनकी तस्वीरें नहीं दिखायेगा.

चंद्रिका का एक आलेख, हाशिया पर.

...संघर्ष के शीर्षक से


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...जो हुआ उसे 'मंगलाचरण' कहने पर तथ्यपरकता का सवाल उठाने वालों के लिए एक फुटनोट

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