Saturday, 05 May 2012 16:15 |
नयी दिल्ली, पांच मई (एजेंसी) गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों की ओर से केंद्र को एनसीटीसी पर आज कडे़ विरोध का सामना करना पडा़। इन मुख्यमंत्रियों ने एनसीटीसी को राज्यों के अधिकारों का हनन करार दिया। उन्होंने कहा कि केन््रद ने ऐसे मामले में इस तरह का एकतरफा फैसला किया, जो राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है । इससे केन््रद और राज्यों के बीच भरोसे की और कमी ही आएगी । छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि यदि राज्य सरकारों के सुझाव शामिल किये जाते हैं और प्रस्तावित एनसीटीसी में संशोधन होता है तो हम उसका समर्थन कर सकते हैं । सिंह ने यहां एनसीटीसी पर मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद संवाददाताओं से अलग से कहा, '' हमने एनसीटीसी में संशोधन के लिए कुछ सुझाव दिये हैं । यदि उचित संशोधन होता है तो हम उसका समर्थन करने के लिए राजी हो सकते हैं । '' एनसीटीसी के गठन का विरोध करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह प्रस्ताव संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन करता है । आपातकाल के दिनों की याद दिलाते हुए नीतीश ने कहा कि यदि केन््रद सरकार की किसी खुफिया एजेंसी को इस तरह के अधिकार दिये गये तो पूरी संभावना है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उसका दुरूपयोग हो । उन्होंने कहा कि यह स्मरण करने के लिए इतिहास में ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं है कि प्रख्यात राजनेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था और 1975 से 1977 के बीच आपातकाल में उन लोगों को सीखचों के पीछे भेज दिया गया था । उम्मीद के मुताबिक कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एनसीटीसी के गठन का जोरदार समर्थन किया । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने कहा कि प्रस्तावित केन््रद का गठन राज्यों के अधिकारों का हनन नहीं करता । गहलौत ने कुछ सुझाव भी दिये । उन्होंने कहा कि एनसीटीसी और राज्यों के बीच दोतरफा संवाद होना चाहिए । एनसीटीसी तभी अधिक प्रभावशाली बनेगा, जब वह राज्यों के साथ सूचनाएं साझा करे । आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरन कुमार रेडडी ने कहा कि प्रस्तावित एनसीटीसी सुनियोजित पहल है । एनसीटीसी से आतंकवाद के खिलाफ हमारी लडाई को लेकर हो रहे प्रयास और मजबूत होंगे । खुफिया जानकारी को एकत्र करने, उनका विश्लेषण करने और उनके आदान प्रदान के लिए एनसीटीसी साझा मंच होगा । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केन््रद और राज्यों को साथ मिलकर आतंकवाद से निपटना चाहिए । उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एनसीटीसी की मानक कार्रवाई प्रक्रिया : एसओपी : राज्य सरकारों के अधिकारों उल्लंघन करती है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि कोई भी लोकतांत्रिक देश अपनी खुफिया एजेंसियों को व्यापक अधिकार नहीं देता इसलिए एनसीटीसी को खुफिया ब्यूरो के तहत नहीं रखना चाहिए । पटनायक ने कहा कि एनसीटीसी उन्हें उसके मौजूदा स्वरूप में स्वीकार्य नहीं है । कांग्रेस के सहयोगी दल नेशनल कांफ्रेंस नेता और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एनसीटीसी को लेकर यह कहते हुए आपत्ति जतायी कि इसका मौजूदा स्वरूप इसे विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून : एएफएसपीए : जैसा कठोर बनाता है । |
Saturday, May 5, 2012
एनसीटीसी पर गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों का पुरज़ोर विरोध
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