Thursday, April 19, 2012

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From: hindimedia.in - मुख पृष्ठ <sanjaybengani@gmail.com>
Date: 2012/4/19
Subject: Hindimedia
To: palashbiswaskl@gmail.com


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शिक्षा से लेकर उद्योगों की स्थापना में कितना शिखर पर था भारत

Posted:

Rajiv Dixitहम आए दिन विदेशियों के कुत्सित प्रचार और मीडिया के पाखंडपर्ण रवैये की वजह से अपने गौरवशाली अतीत को कोसते रहते हैं। हमारी मानसिकता ही ऐसी बनादी गई है कि भारत का अतीत यानि हमारे लिए शर्म का विषय।

चार महीने में 'टेलीविजन की भाषा' का दूसरा संस्करण

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national releaseवरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार हरीश चंद्र बर्णवाल की किताब 'टेलीविजन की भाषा' ने कामयाबी की नई मिसाल कायम की है। टेलीविजन जगत के दिग्गज पत्रकारों, पेशेवर मीडियाकर्मियों और पत्रकारिता के छात्रों की मांग की वजह से किताब का पहला संस्करण हाथों हाथ बिक गया।

सबको लूटने की छूट दे रखी है सरकार ने!

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आरबीआई ने बाजार की उम्मीद से ज्यादा रेपो रेट में कटौती की है। रेपो रेट 0.5 फीसदी घटकर 8 फीसदी हो गया है। आगे भी आरबीआई की ओर से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

गिरिराज किशोर लौटाएंगे पद्मश्री

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चौतरफ उठ रही मांग के बावजूद सरकार महात्मा गाँधी से जुड़ी ऐतिहासिक वस्तुओं की नीलामी नहीं रोक सकी। इसके खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ गया है।

राजनीति को कितना घटिया बना दिया है इन नेताओं ने

Posted:

rani'राज करने अथवा राज चलाने स बन्धी नीति को ही राजनीति कहा जाता है। लिहाज़ा स्पष्ट है कि राज करने या चलाने जैसी अति संवेदनशील एवं ग भीर जिम्मेदारी को अंजाम देने के लिए इस पेशे में शामिल व्यक्ति को अत्याधिक...

भारत के गौरवशाली अतीत को जानना है तो ये जरुर पढ़ें....

Posted:

Rajiv Dixitहम आए दिन विदेशियों के कुत्सित प्रचार और मीडिया के पाखंडपर्ण रवैये की वजह से अपने गौरवशाली अतीत को कोसते रहते हैं। हमारी मानसिकता ही ऐसी बनादी गई है कि भारत का अतीत यानि हमारे लिए शर्म का विषय।

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