Wednesday, April 11, 2012

मिनाक्षी ने मिथक और मछली को आधार बनाकर इन चित्रों के माध्यम से देश की बहु संस्कृति के आयामों को समेटने की कोशिश की है। मधुबनी शैली में प्रमुखता से रचे मिनाक्षी के इन चित्रों में भारत के इतिहास को एक नए कोण से देखा जा सकता है...

मिनाक्षी ने मिथक और मछली को आधार बनाकर इन चित्रों के माध्यम से देश की बहु संस्कृति के आयामों को समेटने की कोशिश की है। मधुबनी शैली में प्रमुखता से रचे मिनाक्षी के इन चित्रों में भारत के इतिहास को एक नए कोण से देखा जा सकता है...

जनज्वारः नई दिल्ली के हौजखास गांव में स्थित लोकायत मुल्क राज आनंद गैलरी में युवा चित्रकार मिनाक्षी झा के चित्रों की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इसका शुभारंभ 12 अप्रैल 2012 को होगा। प्रदर्शनी 19 अप्रैल तक चलेगी और सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। मिनाक्षी नई दिल्ली स्थित आंबेडकर विश्वविद्यालय में इतिहास की छात्रा हैं। मिनाक्षी ने चित्रकला का कहीं से प्रशिक्षण तो नहीं लिया है लेकिन उसे स्वश्रम से साधा है। उनके चित्रों में भारत की बहुधार्मिक और उदार संस्कृति की झलक दिखती है। मिनाक्षी ने मिथक और मछली को आधार बनाकर इन चित्रों के माध्यम से देश की बहु संस्कृति के आयामों को समेटने की कोशिश की है। मधुबनी शैली में प्रमुखता से रचे मिनाक्षी के इन चित्रों में भारत के इतिहास को एक नए कोण से देखा जा सकता है। यह उनकी पहली प्रदर्शनी है। इसमे उनके 17 चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे।

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