Thursday, March 15, 2012

बसपा ने सरकार पर खास लोगों के लिए काम करने का आरोप लगाया

बसपा ने सरकार पर खास लोगों के लिए काम करने का आरोप लगाया 

Thursday, 15 March 2012 19:34

नयी दिल्ली, 15 मार्च (एजेंसी) कांग्रेस नीत संप्रग को आड़े हाथों लेते हुए बसपा ने आज आरोप लगाया कि आम आदमी की बात कर सत्ता में आने वाली सरकार खास आदमी के लिए काम कर रही है तथा विकास के मामले में देश भारत एवं इंडिया दो हिस्सों में बंटा दिख रहा है। 
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए बसपा के प्रमोद कुरील ने कहा कि एक ओर इंडिया में सात आठ प्रतिशत की दर से प्रगति होने की बात की जा रही है वहीं भारत की 85 से 90 प्रतिशत लोगों की स्थिति खराब बनी हुयी है। वहां गरीबी और कुपोषण है तथा वहां मानवाधिकारों का पालन नहीं हो रहा है।
कुरील ने कहा कि संप्रग सात साल से सत्ता में है और कांग्रेस 50 साल तक सत्ता में रही है। लेकिन देश की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि सरकार गरीबों के लिए बल्कि धनी लोगों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल में एक बैंक ने विज्ञापन प्रकाशित कर तीन बकाएदारों का जिक्र किया जिनके यहां कोई बड़ी राशि नहीं थी। लेकिन सरकार पूछने पर भी बड़े बड़े बकाएदारों का नाम उजागर नहीं कर रही। 

कुरील ने कहा कि देश में नक्सली गतिविधियों में वृद्धि का एक बड़ा कारण गरीबी है और निर्धनता एवं रोजगार के अभाव में लोग नक्सलवाद की ओर बढ़ने के लिए बाध्य हो जाते हैं। उन्होेंने कहा कि सरकार को गरीबी और भेदभाव खत्म करने के लिए गंभीरता से प्रयास करने चाहिए। 
बसपा सदस्य ने मनरेगा का जिक्र करते हुए कहा कि इससे कोई रोजगार सृजित नहीं हो रहा है और यह राशि का दुरूपयोग है। उन्होंने कहा कि सरकार को मानव संसाधन के विकास पर जोर देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दलित वर्ग के लोगों के प्रति संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति के शिक्षकों की संख्या काफी कम है और सरकार आरक्षण के प्रावधानों का पालन करे। 
कुरील ने कहा कि लोगों को आर्थिक भेदभाव के अलावा सामाजिक भेदभाव का भी शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 50 साल पहले भारत और चीन कहां थे लेकिन आज चीन भारत से काफी आगे चला गया है क्योंकि उसने मानव संसाधन में विकास किया। 
उन्होंने कहा कि कृषि के साथ साथ लघु उद्योगों की स्थिति भी खराब है और सरकार को उन्हें सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर देना चाहिए।


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