Sunday, March 18, 2012

भाजपा संकट में, येदियुरप्पा ने दिया अल्टीमेटम

भाजपा संकट में, येदियुरप्पा ने दिया अल्टीमेटम

Monday, 19 March 2012 09:20

बंगलूर, 19 मार्च (एजेंसी)। आधे विधायकों का समर्थन प्राप्त होने का दावा करने के साथ पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पार्टी आलाकमान से 48 घंटे के अंदर पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की है। इस तरह येदियुरप्पा की ओर से अपना सत्ता संघर्ष तेज करने के साथ ही कर्नाटक की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार संकट में फंस गई है। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उन्हें फिर से आसीन करने के लिए येदियुरप्पा ने पार्टी आलाकमान के लिए तीसरी बार समय सीमा तय की है। इससे पहले उन्होंने 14 जनवरी और 27 फरवरी तक की समय सीमा तय की थी जिसे भाजपा ने नजरअंदाज कर दिया था। 
फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए दबाव डाल रहे येदियुरप्पा ने कहा- आज 55 विधायक यहां हैं। सोमवार को 15 और जुड़ जाएंगे। मुझे विश्वास है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व इस घटनाक्रम का संज्ञान लेगा और यथासंभव उपयुक्त फैसला करेगा। कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास अध्यक्ष समेत 120 विधायक हैं। उन्होंने कहा- 48 घंटे तक इंतजार कीजिए। यह समय सीमा नहीं है। लेकिन मैं सुनिश्चित हूं कि पार्टी नेतृत्व फैसला करेगा। उन्होंने संकेत दिया कि भाजपा नेतृत्व को उनके उत्तराधिकारी डीवी सदानंद गौड़ा को 21 मार्च को विधानसभा में अपना पहला बजट पेश करने से पहले उन्हें फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नियुक्त करने की उनकी मांग पर कुछ फैसला करना पड़ेगा।
येदियुरप्पा ने अपने निवास पर अपने समर्थकों के साथ बैठक करने के बाद संवाददाताओं के साथ बातचीत कर रहे थे। बैठक में येदियुरप्पा समर्थकों ने पार्टी विधायक दल की बैठक की मांग करते हुए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को एक ज्ञापन सौंपने का फैसला किया। खुद बजट पेश करने को इच्छुक कर्नाटक भाजपा के इस प्रभावशाली नेता ने अपनी गंवाई कुर्सी फिर से हासिल करने की आस में नई समय सीमा तय की । लेकिन प्रदेश अध्यक्ष केएस ईश्वरप्पा ने नेतृत्व परिवर्तन से साफ इनकार किया है।
इस संकट के बीच मुख्यमंत्री गौड़ा ने रविवार को बहुत ही सामान्य तरीके से अपना 59वां जन्मदिन मनाया और घोषणा की कि बजट पेश करेंगे। अपने जन्मदिन पर तुमकुर के सिद्दंगा मठ के शिवकुमार स्वामी का आशीर्वाद लेने पहुंचे गौड़Þा ने नेतृत्व परिवर्तन के सवाल को यह कहकर टाल दिया कि यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। येदियुरप्पा के शक्ति प्रदर्शन का संज्ञान लेने से इनकार करते हुए गौड़ा ने कहा कि उन्होंने पहले भी कई राजनीतिक संकट देखे हैं। मैं सुनिश्चित हूं कि मैं मौजूदा राजनीतिक संकट का सफलता से सामना करूंगा। 

इसी बीच नगर प्रशासन मंत्री भालचंद्र जरकीहोली ने पार्टी में जारी कलह पर नाखुशी जताई और 19 अन्य विधायकों के साथ विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की धमकी दी। उन्होंने कहा- पार्टी को बजट के बाद राज्य विधानसभा भंग करने दीजिए। हम येदियुरप्पा की ओर से खड़ी की जा रही समस्याओं को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
येदियुरप्पा दलील दे रहे हैं कि भाजपा नेतृत्व को उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए। उसने उन्हें आश्वासन दिया था कि अगर हाई कोर्ट अवैध खनन मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी खारिज कर देता है तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन कर दिया जाएगा। आठ मार्च को हाई कोर्ट ने उन्हें इस मामले में दोषमुक्त कर दिया था। अवैध खनन के मुद्दे पर लोकायुक्त की रिपोर्ट में येदियुरप्पा का नाम आने पर काफी राजनीतिक शोर शराबा हुआ था और केंद्रीय नेतृत्व को उन्हें जुलाई, 2011 में मुख्यमंत्री की कुर्सी से इस्तीफा देने के लिए बाध्य करना पड़ा था। 
जब भाजपा ने कर्नाटक के विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के लिए 24 फरवरी को चिंतन बैठक आयोजित की थी, तब येदियुरप्पा ने पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के समक्ष अपने समर्थक विधायकों की परेड कराने की योजना बनाई थी लेकिन पार्टी अध्यक्ष की चेतावनी के बाद उन्हें अपनी यह योजना टालनी पड़ी।
हाई कोर्ट से उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले निरस्त करने के बाद येदियुरप्पा ने उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बढ़ा दिया है। लेकिन इसी बीच सुप्रीम कोर्ट की ओर से निुयक्त केंद्रीय उच्चाधिकार समिति ने अवैध खनन की जांच के सिलसिले में उन्हें उसके समक्ष पेश होने का शनिवार को समन दिया जो उनके लिए एक बहुत बड़ा झटका है।

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