Saturday, 17 March 2012 11:06 |
जनसत्ता संवाददाता नई दिल्ली, 17 मार्च। केंद्र सरकार के आम बजट की शुक्रवार को चारों ओर से निंदा की गई है। इसे आम आदमी विरोधी बताया गया है। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रो विजय कुमार मल्होत्रा ने केंद्र सरकार के आम बजट को गरीब विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सहित पूरा देश जहां आसमान छूती महंगाई की मार से बुरी तरह जूझ रहा है, वहीं बजट में सर्विस टैक्स और एक्साइज ड््यूटी की दर में भारी बढ़ोतरी ने देश के हर नागरिक की कमर तोड़कर रख दी है। सर्विस टैक्स और एक्साईज ड््यूटी की दरों में बढ़ोतरी से करीब सभी वस्तुओं की कीमतें आसमान को छूएंगी। सीमेंट और स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कच्चे मकानों में रहने वाले गरीब लोगों का जो पक्का घर बनाने का सपना था, वह पूरा होता नजर नहीं आता है। आयकर अदा करने वालों के लिए करमुक्त आय की न्यूनतम सीमा जो पिछले साल 1 लाख 80 हजार थी, उसे बढ़ाकर दो लाख कर दिया गया है, जोकि बहुत ही कम है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं सांसद जयप्रकाश अग्रवाल ने 2012-13 के केंद्रीय बजट को शानदार बताते हुए कहा कि बजट में गांवों के विकास पर जोर दिया गया है और बजट से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। किसान, मजदूर, मध्यमवर्गीय, निम्न आय वर्ग को राहत मिली है। आयकर में छूट देकर आम आदमी खासकर मध्यमवर्गीय परिवारों को अच्छी राहत दी गई है। प्रदेशाध्यक्ष अग्रवाल ने इसे आम आदमी का बजट बताया है, जिससे किसानों को काफी लाभ होगा, एड््स व कैंसर की दवाओं को सस्ता किया गया है। साबुन, माचिस, आयोडीन नमक व होमलोन भी सस्ता किया गया है। जिसका लाभ सीधे तौर पर गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों को होगा। |
Friday, March 16, 2012
बजट को विभिन्न संगठनों ने जन विरोधी बताया
बजट को विभिन्न संगठनों ने जन विरोधी बताया
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