Wednesday, March 14, 2012

श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव पर सभी की भावनाएं ध्यान में रख कर फैसला करेगा भारत

श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव पर सभी की भावनाएं ध्यान में रख कर फैसला करेगा भारत 

Wednesday, 14 March 2012 16:27

नयी दिल्ली, 14 मार्च (एजेंसी) श्रीलंका के खिलाफ संरा मानवाधिकार परिषद में लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए पड़ रहे दबावों के बीच सरकार ने आज स्पष्ट किया कि वह इस मामले में कोई भी रूख अपनाते समय संसद में विभिन्न दलों द्वारा व्यक्त की गई भावनाओं को ध्यान में रखेगी। सरकार ने यह भी कहा कि वह कोई भी कदम उठाने से पहले सुलह प्रक्रिया के नतीजों को ध्यान में रखेगी क्योंकि वह पड़ोसी देश के साथ टकराव नहीं चाहती।
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने आज संसद के दोनों सदनों में दिए गए एक बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा संवेदनशील है और इसके परिणामों पर सतर्कतापूर्वक विचार करना होगा। 
राज्यसभा में कृष्णा के बयान से असंतुष्ट हो कर अन्ना्रदमुक सदस्यों ने उनके बयान की प्रतियां फाड़ दीं और सदन से वाकआउट कर गए। बाद में विदेश मंत्री द्वारा स्पष्टीकरणों का जवाब दिए जाने के बाद भाकपा नेता डी राजा ने भी कहा कि वह सदन से वाकआउट कर रहे हैं। हालांकि तब तक सदन को भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दिया गया। 

कृष्णा ने बयान में कहा ''हमारी ओर से किसी भी प्रकार के वक्तव्य से पड़ोसी देश के साथ हमारे ऐतिहासिक रूप से मैत्रीपूर्ण संबंध प्रभावित हो सकते हैं। ''
जिनीवा में होने वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में लाए जाने वाले संभावित प्रस्ताव पर सरकार के रूख की चर्चा करते हुए कृष्णा ने कहा ''जहां तक संकल्प पर हमारी स्थिति का संबंध है, हम अग्रगामी परिणाम प्राप्त करने के प्रयासों में सभी पक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैं। यह बातचीत संबंधित पक्षों के बीच बढ़ते संघर्ष एवं अविश्वास के स्थान पर सुलह एवं जवाबदेही पर आधारित है।''

No comments: