Friday, March 9, 2012

राहुल द्रविड़ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

राहुल द्रविड़ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

Friday, 09 March 2012 13:20

बेंगलूर, नौ मार्च (एजेंसी) द्रविड टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं। और कई वर्षों से भारतीय मध्यक्रम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। राहुल द्रविड़ ने आज टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय कैरियर को अलविदा कहा । 
उन्नतीस वर्षीय द्रविड़ आस्ट्रेलिया के निराशाजनक टेस्ट दौरे के बाद भारतीय क्रिकेट के तीन उम्रदराज खिलाड़ियों -सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण- में संन्यास लेने वाले पहले खिलाड़ी बन गये । 
द्रविड़ ने यहां विशेष रूपस से बुलाई गयी प्रेस कांफ्रेस में कहा, ''मैं अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करता हूं । मैंने भारत के लिये 16 साल पहले अपना पहला टेस्ट खेला था और आज मुझे लगता है कि आगे बढ़ने का समय आ गया है । मैं भारत में एक ऐसे लड़के की तरह ही था जो अपने देश की ओर से खेलने का सपना देखता है । मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी यात्रा इतनी लंबी और इतनी परिपूर्ण रहेगी । ''
द्रविड़ के साथ बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले भी मौजूद थे । उन्होंने कहा, ''कोई भी सपना अकेले पूरा नहीं हो सकता । मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जिन्होंने मुझे क्रिकेट सिखाया और मुझ पर भरोसा रखा । बेंगलूर में मेरे जूनियर कोचों और विभिन्न जूनियर राष्ट्रीय शिविरों ने मुझे क्रिकेट के प्रति इतना जुनूनी बनाया । ''
द्रविड़ ने कहा, ''अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेरे कोचों ने मेरी क्रिकेट में सुधार किया और जिससे मेरे व्यक्तित्व को निखरने में मदद मिली । फिजियो और ट्रेनरों ने मुझे फिट बनने के लिये काफी मेहनत की जो आसान काम नहीं है जिसकी बदौलत मैं 39 की उम्र के अंतिम पड़ाव में भी खेलता रहा । ''
उन्होंने कहा, ''भारत में चयनकर्ताओं को कभी भी कोई श्रेय नहीं मिलता लेकिन उन्होंने कई बार मुझ पर भरोसा जताया बल्कि इतना भरोसा मुझे खुद पर नहीं था और म इसके लिये उनका शुक्रगुजार हूं । मैं जितने भी कप्तानों की अगुवाई में खेला, उन्होंने मेरा नेतृत्व किया और मुझे प्रेरित किया । सबसे ज्यादा मैं उन टीमों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जिनके साथ मैं खेला । ''
द्रविड़ ने कहा कि उनकी टीम के साथियों के साथ कई शानदार यादें जुड़ी हैं जिसमें खेल के कुछ महान खिलाड़ी भी शामिल हैं । 
उन्होंने कहा, ''मैं कैरियर के शुरू के दिनों में कर्नाटक की टीम से खेला और वे साल मेरे लिये काफी मनोरंजक और सीख हासिल करने वाले रहे । ''
उन्होंने कहा, ''भारतीय टीम में मैं उस शानदार युग का हिस्सा होकर भाग्यशाली रहा जिसमें भारत ने घरेलू और विदेशी सरजमीं पर कुछ बेहतरीन क्रिकेट खेला । टीम के कई साथी महान बन गये, भारत में ही नहीं बल्कि पूरी क्रिकेट दुनिया में । मैं उनकी काफी प्रशंसा करता हूं, मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है और मैं क्रिकेट को उनके साथ बिताये गये समय की शानदार यादों और मजबूत दोस्ती के साथ अलविदा कह रहा हूं । यह शानदार भेंट है । ''
द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने हमेशा क्रिकेट की खेल भावना को बरकरार रखने की कोशिश की है । उन्होंने कहा, ''क्रिकेट के लिये मेरा रवैया हमेशा सरल रहा है - टीम के लिये सर्वस्व दो, सम्मान से खेलो और खेल भावना को हमेशा बरकरार रखो । मुझे उम्मीद है कि मैंने इसमें से कुछ चीजें की हैं । मैं कई बार असफल रहा लेकिन मैंने कोशिश करना नहीं छोड़ा । इसलिये मैं थोड़े दुख के साथ इसे छोड़ रहा हूं लेकिन साथ ही मुझे गर्व भी है । ''

उन्होंने अपने लंबे कैरियर के दौरान मिले समर्थन के लिये क्रिकेट प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया । 
द्रविड़ ने कहा, ''मैं यहां और दुनिया भर के भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों का भी शुक्रिया करना चाहूंगा । क्रिकेट भाग्यशाली है कि आप लोग इसके प्रशंसक हैं और मैं इसलिये भाग्यशाली हूं कि मैं आपके सामने खेल पाया । भारत का प्रतिनिधित्व करना और खुद का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है और इस चीज को मैंने हमेशा ही गंभीरता से लिया है । ''
आस्ट्रेलिया का दौरा काफी निराशाजनक रहा जिसमें उन्होंने 24.25 के औसत से आठ पारियों में केवल 194 रन बनाये । इससे भी हताशापूर्ण रहा कि अपनी मजबूत तकनीक के लिये मशहूर द्रविड़ आठ में से छह बार बोल्ड हुए । 
आस्ट्रेलियाई दौरे के बाद द्रविड़ के भविष्य पर अटकलें लगायी जा रही थी और अब उनके संन्यास लेने के फैसले से निगाहें एक अन्य महान बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण पर लग गयी हैं जिनके लिये भी यह दौरा निराशाजनक रहा । 
द्रवड़ि ने पिछले साल इंग्लैंड में वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दौरान उनके शानदार प्रदर्शन :तीन शतक: को देखते हुए उन्हें हैरानी भरा फैसला करते हुए वनडे टीम में चुना गया था । 
'द वाल' के नाम से मशहूर द्रविड़ ने जून 1996 में आगाज किया था, हालांकि वह इंडियन प्रीमियर लीग के पांचवें चरण में जयपुर की फे्रंचाइजी राजस्थान रायल्स की अगुवाई करेंगे । 
द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों में 13,288 रन बनाये हैं और वह तेंदुलकर :188 टेस्ट में 15,470 रन: के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले दूसरे क्रिकेटर हैं । उन्होंने 52.31 के औसत से 36 शतक और 63 अर्धशतक जड़े हैं । पाकिस्तान के लिये 270 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा । 
उन्हांने अप्रैल 1996 से सितंबर 2011 तक वनडे क्रिकेट खेला और 344 वनडे में 12 शतक, 83 अर्धशतक के साथ 39.16 के औसत से 10,889 रन बनाये । 
द्रविड़ के नाम टेस्ट मैचों में सर्वाधिक 210 कैच लपकने का विश्व रिकार्ड भी है । उन्होंने स्लिप कैचों में मार्क वा को पछाड़ा था । इसके अतिरिक्त उनके वनडे में 196 कैच हैं । 
यह पूछने पर कि उन्होंने संन्यास पर फैसला करने पर कितना समय लिया तो द्रविड़ ने कहा, ''पिछले एक साल से मैं प्रत्येक श्रृंखला के बाद आकलन कर रहा हूं । जब मंै आस्ट्रेलिया से आया तो इसमें भावनाओं को दूर रखना चाहता था । मैंने सचिन से और टीम के साथियों से बात की और सभी इसके समर्थन में थे । ''
द्रविड़ ने इस बात से इंकार किया कि आस्ट्रेलिया में खराब फार्म उनके संन्यास का कारण थी । उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि मेरा यह फैसला श्रृंखला पर आधारित था । यह काफी चीजों पर विचार के बाद किया गया । ये फैसले काफी चीजों पर आधारित होते हैं । ''

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