Wednesday, March 21, 2012

सिख विरोधी दंगे: 21 मामलों में आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं

सिख विरोधी दंगे: 21 मामलों में आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं

Wednesday, 21 March 2012 18:02

नयी दिल्ली, 21 मार्च (एजेंसी) सिख विरोधी दंगों के संबंध में दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के पुलिस थानों में दर्ज 21 मामलों में जांचकर्ताओं को आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। पुलिस ने आज बताया कि दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के पांच पुलिस थानों में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज 56 मामलों में से तीन का परिणाम दोषसिद्धि के रूप में निकला, दो में मुकदमा लंबित है और 30 मामलों में आरोपी बरी कर दिए गए ।
शेष 21 मामलों में कोई साक्ष्य नहीं मिला ।
''साक्ष्य रहित'' एक मामला नारायणा पुलिस थाने में एक नवम्बर 1984 को दर्ज किया गया था जिसमें ''तीन अज्ञात लोगों को जलाकर मार दिया गया था ।''


यह मामला 10 मार्च 1985 को साक्ष्य रहित घोषित कर दिया गया था ।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि साक्ष्यरहित मामलों का मतलब यह है कि इनमें मुकदमा आगे बढ़ाने के लिए कोई पर्याप्त सबूत नहीं है ।
राष्ट्रीय राजधानी के नजफगढ़, डाबरी, नारायणा, इंद्रपुरी और दिल्ली छावनी थानों में दर्ज मामले कथित रूप से भीड़ को उकसाने तथा लोगों को मारने से संबंधित थे ।
सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित न्यायमूर्ति जीटी नानावती आयोग ने कुछ बड़े नेताओं को आरोपी बनाया था ।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को हत्या के बाद दिल्ली और देश के कुछ अन्य हिस्सों में दंगे भड़क उठे थे ।


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