Thursday, 16 February 2012 15:54 |
नयी दिल्ली, 16 फरवरी (एजेंसी) समझौता एक्सप्रेस धमाका मामले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी पर माकपा ने संघ की कड़ी आलोचना करते हुए इसे संगठन और आतंक के बीच 'एक और' कड़ी बताया है। माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया, ''समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट में कथित भूमिका के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा कमल चौहान की गिरफ्तारी के साथ ही आतंक का जाल बुनने के लिए संघ और उसके संबद्ध संगठनों के बीच संबंध सिद्ध होता है।'' माकपा ने 2003 और 2008 के बीच महाराष्ट्र के जलगांव, नांदेड़, परबनी, जालना उत्तर प्रदेश के कानपुर और मउच्च् और तमिलनाडु के तीनकाशी में कुछ घटनाओं की भी निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। ऐसे देश विरोधी कृत्यों को कतई बर्दाश्त न किए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि संघ एक बार फिर यह घोषणा करेगा कि इस तरह की आतंकी घटनाओं को गुमराह तत्वों ने अंजाम दिया और पूरे संगठन को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।इस संबंध में उन्होंने कहा 'इस तरह के दावों में बिल्कुल दम नहीं है। महात्मा गांधी की हत्या के बाद नाथूराम गोडसे के बारे में भी ऐसा ही कहा गया था। हालांकि गोडसे के भाई ने एक मीडिया साक्षात्कार में कहा था कि उसके परिवार में सभी भाई संघ के सक्रिय सदस्य थे।' माकपा नेता ने जिन्ना से भी दो साल पहले सावरकर के द्वि-राष्ट्र सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा कि इससे संघ के संस्थापक डा. हेडगेवार के सलाहकार बीएस मुंजे इससे प्रभावित होकर मुसोलनी से मिलने के लिए इटली गए थे। 19 मार्च 1931 को उनकी मुलाकात हुयी थी। उन्होंने कहा कि मुंजे की निजी डायरी के 20 मार्च के नोट में उन्होंने इस बारे में अपनी चाहत को भी बयां किया है जिसमें इतालवी फासीवादी तानाशाह द्वारा अपने युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देने की बात कही गयी है। भारत लौटकर मुंजे ने 1935 में सेंट्रल हिंदू मिलिट्री एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की थी। |
Thursday, February 16, 2012
समझौता एक्सप्रेस मामले को लेकर माकपा का आरएसएस पर निशाना
समझौता एक्सप्रेस मामले को लेकर माकपा का आरएसएस पर निशाना
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