Thursday, February 16, 2012

भोपाल गैस कांड में डाउ जिम्मेदार नहीं: आईओसी

Thursday, 16 February 2012 14:22

नयी दिल्ली, 16 फरवरी (एजेंसी) अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की 1984 के भोपाल गैस पीड़ितों के लिये चिंता को स्वीकार किया है।

साथ ही साफ किया है कि डाउ कैमीकल का 2000 तक यूनियन कार्बाइड में कोई मालिकाना हक नहीं था।
आईओसी ने इसके साथ ही कहा कि उसका डाउ कैमीकल के साथ पिछले 30 साल से अधिक समय से रिश्ता है और '' हमने जब डाउ के साथ भागीदारी पर चर्चा की तो हम भोपाल कांड से वाकिफ थे। ''
भारतीय ओलंपिक संघ : आईओए : ने लंदन ओलंपिक खेलों के एक प्रायोजक के रूप में डाउ कैमीकल का शुरू से विरोध किया है क्योंकि यूनियन कार्बाइड का मालिकाना हक उसके पास है। यूनियन कार्बाइड भारत के सबसे दर्दनाक औद्योगिक हादसे के लिये जिम्मेदार रही है। 
आईओए न आईओसी और लंदन ओलंपिक खेलों की आयोजन समिति से डाउ को खेलों के प्रायोजक से हटाने का आग्रह किया था। 
आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा को भेजे गये पत्र में आईओसी प्रमुख जाक रोगे ने कहा है, '' आईओसी मानती है कि 1984 में भोपाल कांड भारत और दुनिया के लिये भयावह था। ओलंपिक आंदोलन पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना रखता है। ''

रोगे ने लिखा है, ''आईओसी और लंदन ओलंपिक आयोजन समिति ने जब डाउ के साथ भागीदारी पर चर्चा की तो वह भोपाल कांड से वाकिफ थे। डाउ का भोपाल कांड से कोई संबंध नहीं था। डाउ का उस घटना के 16 साल बाद और भारतीय उच्चतम न्यायालय द्वारा 470 मिलियन डालर के मुआवजे को मंजूरी देने के 12 साल बाद तक डाउ का यूनियन कार्बाइड में कोई मालिकाना हक नहीं था। ''
इस पत्र पर मल्होत्रा ने कहा कि आईओए आईओसी के रवैये से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा, '' हम चाहते हैं कि आईओसी को हमारी भावनाओं को समझकर डाउ को प्रायोजक से हटाना चाहिए। ''
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि केंद्र सरकार को इस मसले पर अपना रवैया साफ करना चाहिए। मल्होत्रा ने कहा, '' हमें अभी सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है जबकि आईओसी ने हमें जवाब दे दिया है। ''
मल्होत्रा ने कहा कि जबकि डाउ कैमीकल सरकार की जानकारी और अनुमति से भारत में अपना काम कर रहा है तब प्रायोजन मसला उठने पर उसने आईओए के पाले में गेंद फेंक दी। उन्होंने कहा '' सरकार को इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। ''

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