Sunday, February 19, 2012

असम में माओवादियों के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं चिदंबरम

असम में माओवादियों के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं चिदंबरम

Sunday, 19 February 2012 14:10

गुवाहाटी, 19 फरवरी (एजेंसी) माओवादियों के लगातार बढ़ते प्रभाव पर केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने चिंता जताई।

चिदंबरम ने असम में माओवादियों के बढ़ते प्रभाव तथा राज्य के उग्रवादी संगठनों के साथ ही पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई से उनके संबंधों को लेकर आज चिंता जतायी। असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने संवाददाताओं को बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के दौरे पर आये चिदंबरम ने यहां राजभवन में आयोजित शीर्ष स्तरीय समीक्षा बैठक में माओवादियों की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता जताते हुए उसका मुकाबले करने की रणनीतियां रेखांकित की। 
उन्होंने कहा, ''उग्रवादी समस्या और उसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा हुई । इस दौरान आईएसआई से सक्रिय मदद तथा उल्फा, एनडीएफबी और केएनएलएफ से संबंध बैठक के मुख्य एजेंडे में थे। बैठक में इसका मुकाबले की रणनीतियों पर चर्चा हुई।''
चिदंबरम ने इसके साथ ही सीमा पर गश्त बढ़ाने पर जोर दिया क्योंकि म्यामां पूर्वोत्तर आधारित उग्रवादियों के केंद्र के रूप में उभरा है क्योंकि क्षेत्र के अधिकतर उग्रवादी संगठनों के उस देश में ठिकाने हैं। 

गोगोई ने कहा, ''केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उल्फा के वार्ता विरोधी धड़े सहित सभी प्रमुख संगठनों के साथ बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं।''
बैठक में पुलिस, सेना, अर्द्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में उल्फा के वार्ता विरोधी धड़े और पश्चिम बंगाल के जीएनएलएफ बीच स्थापित नवीनतम संबंधों की पहचान की गई। 
गोगोई ने कहा, ''बैठक में इससे मुकाबले की योजना के साथ ही इस पहलू पर भी चर्चा हुई।''
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य में और सुरक्षा बलों की मांग की है। इसमें वर्तमान में तैनात अद्धसैनिक बलों की 86 कंपनियों के मुकाबले 125 कंपनियां शामिल हैं। 
उन्होंने कहा, ''हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री का मानना था कि असम में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति सुधर रही है लेकिन कोई भी संभावित हिंसा से बचने के लिए हमने और सुरक्षा बलों पर जोर दिया।''

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