Friday, 17 February 2012 13:48 |
मुंबई, 17 फरवरी (एजेंसी) बॉलीवुड के मशहूर कलाकार दिलीप कुमार को लगता है कि वर्तमान सिनेमा और दर्शकों के बीच उस तरह का भावनात्मक जुड़ाव नहीं रहा जैसा पुराने दौर में नजर आता था। उन्होंने कहा, ''मैं देवदास में उनके लिखे बेहतरीन और संक्षिप्त संवादों के लिए उनकी सराहना करता हूं।'' 'देवदास' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले दिलीप कुमार ने अपने पत्र में कहा कि विमल रॉय के संपर्क करने के पहले तक उन्होंने इस उपन्यास को नहीं पढ़ा था। उन्होंने कहा, ''जब विमल दा ने देवदास के विचार के साथ मुझसे संपर्क किया तब न तो मैंने पहले की फिल्में देखीं थी और न ही शरत बाबू का मशहूर उपन्यास पढ़ा था। उन्होंने मुझसे यह नहीं कहा कि उनका उद्देश्य फिल्म पर चर्चा करना है। कुछ समय बातचीत के बाद उन्होंने अपने साथ मौजूद हम दोनों के मित्र हितेन चौधरी से विषय रखने को कहा। यह मेरे लिए अप्रत्याशित था इसलिए मैंने सोचने के लिए कुछ समय मांगा।'' उपन्यास में मौजूद दर्द को याद करते हुए दिलीप कुमार ने कहा, ''उपन्यास की मार्मिकता और देवदास के चरित्र के प्रस्तुतीकरण में गहन संभावनाओं ने मुझे हां करने के लिए प्रेरित किया।'' |
Friday, February 17, 2012
दर्शकों और सिनेमा के बीच पहले जैसा जुड़ाव नहीं रहा: दिलीप कुमार
दर्शकों और सिनेमा के बीच पहले जैसा जुड़ाव नहीं रहा: दिलीप कुमार
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