Thursday, February 9, 2012

जाकिया जाफरी मामले में नयी याचिकाएं दाखिल

जाकिया जाफरी मामले में नयी याचिकाएं दाखिल

Thursday, 09 February 2012 13:28

अहमदाबाद, नौ फरवरी (एजेंसी) जाकिया जाफरी मामले में दाखिल एसआईटी की रिपोर्ट की प्रतियां मांगने संबंधी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और मुकुल सिन्हा की याचिकाओं पर एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने आज उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एसआईटी को नोटिस जारी किये। 
मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट एम एस भट्ट की अदालत ने एसआईटी को नोटिस जारी किये और सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तारीख मुकर्रर की।
विशेष जांच दल :एसआईटी: ने कल पूर्व कांगे्रस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया की शिकायत पर सीलबंद लिफाफे में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी।
हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि क्लोजर रिपोर्ट में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी गयी है या नहीं।
जाफरी ने अपनी शिकायत में मांग की थी कि सांप्रदायिक दंगों को भड़काने और उनमें मदद करने के मामले में 57 अन्य लोगों के साथ मोदी पर मुकदमा चलाया जाए।
दंगों के दौरान गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी कांड में एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की मौत हो गयी थी। दंगों में करीब 1200 लोग मारे गये थे।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 12 सितंबर को वर्ष 2002 के दंगों के मामले में मोदी की कथित निष्क्रियता पर कोई आदेश देने से इनकार कर दिया था और एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला संबंधित मजिस्ट्रेटी अदालत पर छोड़ा था।   जाकिया ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि मोदी और सरकार के 62 आला अधिकारियों ने जानबूझकर प्रदेशभर में भड़के दंगों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। फरवरी, 2002 में गोधरा ट्रेन कांड के बाद दंगे भड़के थे।

उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि यदि मजिस्ट्रेट मोदी और अन्य के खिलाफ कार्यवाही रोकने का फैसला करते हैं तब भी उन्हें जाकिया की अर्जी सुननी होगी, जिसने मुख्यमंत्री और अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दाखिल की थी।
जाकिया जाफरी ने शीर्ष अदालत से कहा था कि मोदी तथा अन्य पर कार्रवाई नहीं करने के आरोपों के मामले में सीबीआई के पूर्व प्रमुख आरके राघवन की अध्यक्षता वाली समिति को समुचित जांच करनी चाहिए। 
शीर्ष अदालत ने 2009 में मामले में जांच का काम एसआईटी को सौंप दिया था जिसने 2011 में अपनी रिपोर्ट सौंपी।


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