Saturday, 18 February 2012 10:52 |
अंबरीश कुमार मगर अब लालजी टंडन को पुत्र और पार्टी दोनों की साख बचानी है। इसके साथ ही कलराज मिश्र का चुनाव भी है। कलराज की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर तो है ही पर इसमें टंडन की भूमिका भी मानी जाती है। इन चुनाव में भितरघात भी हो रहा है और हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। तभी जो मिला उसे साथ लिया जाए की तर्ज पर आडवाणी के साथ मंच पर उन लोगों को भी जगह दी जा रही है, जिनके खिलाफ पार्टी ने अपना नया नारा गढ़ा है। लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रमेश श्रीवास्तव जो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, उनके समर्थन में दर्जनों छात्र नेता जुटे हैं, जिससे शहरी वोटों वाली भाजपा को भी चुनौती मिल रही है। इसी तरह दो और सीटों पर शहरी वोटों के बंटवारे के कारण समाजवादी पार्टी को भी काफी उम्मीद नजर आ रही है और मुकाबला तिकोना होता नजर आ रहा है। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में कई जगह दौरा किया और सभाएं कीं। पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा-लखनऊ में सपा को इस बार ज्यादा फायदा होने जा रहा है, क्योंकि यहां पर हमारा संघर्ष भी ज्यादा हुआ है। ऐसे में भाजपा के लिए इस बार रास्ता बहुत आसान नजर नहीं आता। |
Friday, February 17, 2012
‘न उगाही, न गुंडई’ का नारा और भाजपा के मंच पर मुजरिम!
'न उगाही, न गुंडई' का नारा और भाजपा के मंच पर मुजरिम!
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