नई दिल्ली : ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि जातिआधारित जनगणना का काम जुलाई के अंत तक ही पूरी हो पाएगा। इस प्रकार की जनगणना प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून समेत सामाजिक कल्याण की विभिन्न योजनाओं में लाभ के पात्र नागरिकों की पहचान के लिए की जा रही है।

 

खाद्य मंत्री केवी थामस ने पिछले महीने ग्रामीण विकास मंत्री को एक पत्र लिखा कर सामाजिक आर्थिक और जाति आधारित जनगणना (सेक) 2011 के आंकड़ों की मांग की थी ताकि खाद्य कानून लागू करने में सुविधा हो। जवाब में रमेश ने खाद्य मंत्री को लिखा कि ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे सेक 2011 को जून 2012 के अंत तक पूरा किया जा सके। हमें उम्मीद है कि इस साल जुलाई तक ही यह पूरा हो पाएगा। इस तरह की जनगणना की शुरूआत गत जून में हुई थी। कुछ राज्यों में अभी इसका काम शुरू ही नहीं हुआ है।

 

ग्रामीण विकास मंत्रालय इस प्रक्रिया में ग्रामीण इलाकों में परिवारों की आर्थिक सामाजिक स्थिति पर ध्यान दे रहा है और उनके आंकणों को संयोजित करने में लगा है जबकि शहरी क्षेत्रों के ऐसा काम आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन विभाग के जिम्मे है। खाद्य सुरक्षा विधेयक का उद्देश्य है ग्रामीण इलाके में 75 फीसद लोगों और शहरी इलाकों में 50 फीसद तक लोगों को बहुत सस्ती दर पर अनाज उपलब्ध कराना है।