Tuesday, 21 February 2012 20:23 |
नयी दिल्ली, 21 फरवरी (एजेंसी) राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र के गठन के केंद्र सरकार के फैसले पर हमला जारी रखते हुए विपक्षी दलों ने आज एक संसदीय समिति से इस पर रोक लगाने की सिफारिश करने के लिए कहा। वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने की योजना बनाई है। भाजपा, बीजद, अन्नाद्रमुक और वाम दलों के सदस्यों की राय है कि एनसीटीसी राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप करेगा और संघीय ढांचे पर असर डालेगा। दर्जन भर राज्यों के मुख्यमंत्री पहले ही एनसीटीसी के निर्माण पर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। उनका कहना है कि इससे राज्यों के अधिकारों से समझौता होगा। आज की बैठक में सदस्यों ने सिंह से कहा कि इकाई के गठन के फैसले से पहले राज्यों के साथ सलाह मशविरा होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक कुछ सदस्यों ने कहा कि केंद्र की स्थापना से संघीय ढांचे के सिद्धांतों पर हमला होगा और केंद्र तथा राज्यों के बीच रिश्ते प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में मौजूद कांग्रेसी सदस्यों ने इस मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श की वकालत की। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि शासकीय आदेश के माध्यम से एनसीटीसी का गठन करना संघीय ढांचे का उल्लंघन है। उन्होंने इस फैसले पर राज्यों के बीच आम सहमति होने तक रोक लगाने की मांग की। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बिना राज्यों की सलाह के संस्था बनाने का फैसला किया। उधर केन््रदीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि इस विषय को लेकर किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए सरकार इसका विरोध कर रहे राज्यों से बातचीत करने को तैयार है। सिब्बल ने लखनउच्च् में संवाददाताओं से कहा, ''यदि उन्हें कोई चिंता है तो बातचीत में कोई दिक्कत नहीं है। यदि कोई संदेह है तो कोई समस्या नहीं है, हम बातचीत कर सकते हैं। लेकिन केंद्र सरकार यह सब आतंकवाद निरोधक कार्रवाइयों के लिए कर रही है।'' उन्होंने कहा कि आतंकवाद रोधी कार्रवाइयों के लिए जो अधिकार पहले केंद्र सरकार के पास थे उन्हें एनसीटीसी को दिया जा रहा है। |
Tuesday, February 21, 2012
एनसीटीसी पर विपक्ष का हमला जारी, प्रधानमंत्री लिखेंगे मुख्यमंत्रियों को
एनसीटीसी पर विपक्ष का हमला जारी, प्रधानमंत्री लिखेंगे मुख्यमंत्रियों को
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