Monday, 13 February 2012 19:44 |
अहमदाबाद, 13 फरवरी (एजेंसी) एसआईटी ने वर्ष 2002 के दंगों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने के आरोपों पर अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट को कार्यकर्ताओं से साझा करने पर आज विरोध जताया। अदालत ने इस अहम दस्तावेज को मांगने संबंधी कार्यकर्ताओं की अर्जी पर अपना फैसला बुधवार तक के लिए सुरक्षित रखा। मेट्रोपॉलिटन मजिस्टेट्र एम एस भट्ट की अदालत में सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल :एसआईटी: ने तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य कार्यकर्ताओं की अर्जियों का विरोध किया। एसआईटी ने कहा कि कुछ याचिकाकर्ताओं को प्रति हासिल करने का कोई अधिकार नहीं है। एसआईटी ने पिछले हफ्ते अदालत को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी थी। जम्बुआर ने कहा कि दस्तावेज महत्वपूर्ण हैं और उन्हें कड़ी सुरक्षा मेें रखा जाना चाहिए। उन्होंने स्वीकार किया कि एसआईटी ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्याय मित्र राजू रामचन््रदन की रपट हासिल की और अपनी रपट को अंतिम रूप में सौंपने से पहले उस पर विचार किया था। जाकिया के वकील एस एम वोहरा ने कहा कि मूल शिकायतकर्ता होने के नाते उनकी मुवक्किल को उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत प्रति मिलनी चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने फैसला 15 फरवरी तक के लिए टाल दिया। उधर सीतलवाड़ ने कहा, ''हम केवल दो दिन के भीतर फैसला सुनाने के अदालत के निर्णय का स्वागत करते हैं।'' |
Monday, February 13, 2012
गुलबर्ग दंगा: एसआईटी ने मोदी की भूमिका की जांच रिपोर्ट साझा करने से मना कर दिया
गुलबर्ग दंगा: एसआईटी ने मोदी की भूमिका की जांच रिपोर्ट साझा करने से मना कर दिया
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