Thursday, February 16, 2012

यूरो जोन में गहराती मंदी के बीच टाटा मोटर्स की वैश्विक बिक्री 21 फीसदी बढ़ी


यूरो जोन में गहराती मंदी के बीच टाटा मोटर्स की वैश्विक बिक्री 21 फीसदी बढ़ी
उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से इस बात का जवाब मांगा कि राडिया टेप लीकेज पर उसकी जांच रिपोर्ट क्या रतन टाटा और अन्य को दी जा सकती है।

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


टाटा मोटर्स ने कहा है कि जनवरी में उसकी वैश्विक बिक्री पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 21 प्रतिशत बढ़कर 1,19,799 इकाई की हो गई है। टाटा मोटर्स ने एक बयान में कहा कि लक्जरी ब्रांड में जगुआर लैंड रोवर की बिक्री जनवरी में 29,293 इकाई की हुई जो पिछले वर्ष के समान महीने के मुकाबले 44 प्रतिशत अधिक है।इसमें कहा गया है कि जबकि जगुआर ब्रांड के लक्जरी सेडान की बिक्री 49 प्रतिशत बढ़कर 4,547 इकाई हो गई। जबकि लैंड रोवर की बिक्री 43 प्रतिशत बढ़कर 24,746 इकाई हो गया।अंतरराष्ट्रीयबाजार तेल की राजनीति से प्रभावित होता है।

टाटा मोटर्स ने अपनी नई सशक्त एसयूवी टाटा सूमो गोल्ड प्रस्तुत की है। नई सीआर 4 टबरे इंजन के साथ यह 2956 सीसी क्षमता के साथ प्रस्तुत की गई है। तीन हजार आरपीएम और 250 एनएम टार्क देता है।

14.7 किलोमीटर के माइलेज के साथ यह अपने वर्ग में बेहतर प्रदर्शन करती है। आशेष धर, हैड, यूवीपी, टाटा मोटर्स ने बताया कि टाटा सूमो गोल्ड अपनी स्टाइलिश बॉडी ग्राफिक्स, नई हैडलाइट, मजबूत ग्रिल, बड़े व्हील्स आदि ढेरों फीचर्स के साथ शानदार एसयूवी है।

लेदर स्टेयरिंग व्हील, सेंटर सिल्वर कंसोल, एचवीएसी, म्यूजिक सिस्टम, पॉवर विंडो और चाबी के साथ इंजिन इमोबिलाइजर इसकी ड्राइविंग को अधिक आराम, सुरक्षा व मनोरंजन प्रदान करता है। करीब 5.35 लाख रुपये से शुरू होने वाली टाटा सूमो गोल्ड रेंज में चार मॉडल हैं।


टाटा मोटर्स भारत में व्यावसायिक वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। इसका पुराना नाम टेल्को (टाटा इंजिनीयरिंग ऐंड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड) था। यह टाटा समूह की प्रमुख कंपनियों मे से एक है। इसकी उत्पादन इकाइयाँ भारत में जमशेदपुर (झारखंड), पुणे (महाराष्ट्र) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) सहित अन्य कई देशों में हैं। जैसा कि नाम से स्पष्ट है टाटा घराने द्वा्रा इस कारखाने की शुरुआत अभियांत्रिकी और रेल इंजन के लिये हुआ था। किन्तु अब यह कम्पनी मुख्य रूप से भारी एवं हल्के वाहनों का निर्माण करती है। इसने ब्रिटेन के प्रसिद्ध ब्रांडों जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया है।

टाटा मोटर्स का शेयर 288-292 रुपए का टारगेट हासिल कर चुका है। शेयर के लिए नया टारगेट 310-320 रुपए हो सकता है।  विदेशी बाजार में जगुआर लैंडरोवर की शानदार बिक्री से दिसंबर तिमाही में टाटा मोटर्स का मुनाफा उम्मीद से बेहतर रहा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 40.51 फीसदी बढ़कर 3,406 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) सीआर रामकृष्णन ने कहा कि चीन और रूस में एसयूवी की नई श्रेणी की कार रेंज रोवर इवोक सहित जगुआर लैंड रोवर ब्रांड की बिक्री में शानदार वृद्धि हुई है। इस तिमाही में जगुआर लैंड रोवर की कुल आय 41 फीसदी बढ़कर 3.75 अरब पाउंड हो गई। जबकि कंपनी का मुनाफा 57.4 फीसदी बढ़कर 44 करोड़ पाउंड हो गया।

देश के शेयर बाजारों में गुरुवार को गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 48.42 अंकों की गिरावट के साथ 18,153.99 पर और निफ्टी 10.00 अंकों की गिरावट के साथ 5,521.95 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 39.36 अंकों की गिरावट के साथ 18,163.05 पर खुला। सेंसेक्स ने 18,182.78 के ऊपरी और 18,043.32 के निचले स्तर को छुआ।

सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयरों में तेजी रही। जिंदल स्टील (4.94 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (4.57 फीसदी), एसबीआई (4.38 फीसदी), मारुति सुजुकी (4.10 फीसदी) और बजाज ऑटो (3.81 फीसदी) में सबसे ज्यादा तेजी रही। सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे कोल इंडिया (5.44 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (4.71 फीसदी), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (4.16 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.67 फीसदी) और टाटा स्टील (3.23 फीसदी)।

कच्चे माल और विपणन लागत बढ़ने से कंपनी के मुनाफे में कमी आई। जिंसों की कीमत में नरमी आने पर निकट भविष्य में मुनाफे में सुधार होगा। हालांकि देश में ऊंची ब्याज दरों और बढ़ती ईधन लागत के चलते कारों की बिक्री में 10 साल में पहली बार आई गिरावट और  अर्थव्यवस्था के विस्तृत स्वरूप को लेकर चिंता बनी हुई है। वाणिज्यि और यात्री गाडि़यों की बिक्री पर इन सबका असर पड़ रहा है।

यूरोजोन में मंदी के अलावा ईरान को लेकर खेमेबंदी भी बाजार के लिए सरदर्द है।ऐसे में आटो क्षेत्र में ऴैश्वक बाजार में टोट मोटर्स की बढ़त काफी सकारात्मक माना जा रहा है।गौरतलब है कि परमाणु ताकत की नुमाइश से पहले ही ईरान के पक्ष में और ईरान के खिलाफ दुनिया भर में खेमेबाजी हो रही है। अमेरिका और उसके साथी देश ईरान के खिलाफ हैं, जबकि चीन, रूस, उत्तर कोरिया, ब्राजील उसके साथ हैं। ईरान के खिलाफ खड़े हुए देशों में अमेरिका, इजरायल, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्पेन, तुर्की, पुर्तगाल, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा हैं। भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और पाकिस्तान इस मामले में किसी भी गुट के साथ खड़े नहीं हैं। आपूर्ति घटने की आशंका में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल एक बार फिर 118 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया। दक्षिणी सूडान में जारी हिंसक संघर्ष और ईरान व पश्चिमी देशों के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर गहराते संकट से आपूर्ति बाधित होने की आशंका बढ़ रही है।


इस बीच घरेलू  मोरचा पर भी टाटा के हालात बेहतर होते नजर आ रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से इस बात का जवाब मांगा कि राडिया टेप लीकेज पर उसकी जांच रिपोर्ट क्या रतन टाटा और अन्य को दी जा सकती है।


कंपनी ने कहा कि कुल यात्री वाहनों की बिक्री जनवरी 2012 में 66,785 इकाइयों की हुई जो पिछले वर्ष के समान महीने के मुकाबले 26 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इसमें कहा गया है कि वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले जनवरी में 15 प्रतिशत बढ़कर 53,014 इकाई हो गई। टाटा मोटर्स समूह के वैश्विक बिक्री में टाटा, टाटा देवू और हिस्पानो कारोसेरा रेंज के वाणिज्यिक वाहन, टाटा यात्री वाहन तथा भारत में वितरित होने वाले जगुआर और लैंड रोवर गाड़ियां भी शामिल हैं।

टाटा मोटर्स ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 दिसंबर, 2011 को खत्म तीसरी तिमाही में 41 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 3,405 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ अर्जित किया है। कंपनी ने बाजार के अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए मुनाफे में बढ़ोतरी दर्ज की। कंपनी ने बीते वित्त वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,424 करोड़ रुपये शुद्ध लाभ अर्जित किया था।

टाटा मोटर्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी सी रामाकृष्णन ने कहा, 'मुनाफे में बढ़ोतरी की मुख्य वजह जगुआर ऐंड लैंड रोवर (जेएलआर) के प्रदर्शन में खासा सुधार रहा, जिसको अच्छे उत्पाद, मिश्रित कारोबार और विनिमय दरों से खासा फायदा मिला।' जहां जेएलआर को चीन और अन्य विकासशील देशों से अच्छी मांग मिली, वहीं चुनौतीपूर्ण माहौल और प्रतिस्पर्धा के कारण टाटा मोटर्स के घरेलू कारोबार में कमी आई। इस तिमाही में कंपनी का स्टैंड-अलोन शुद्ध मुनाफा आधे से भी ज्यादा गिरकर 173 करोड़ रुपये रह गया, जबकि बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में मुनाफा 410 करोड़ रुपये रहा था। बिक्री में 15 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद कच्चे माल की ऊंची लागत के कारण कंपनी के मार्जिन पर खासा असर पड़ा, जो 10.8 फीसदी से गिरकर 6.7 फीसदी रह गया। तीसरी तिमाही में समेकित आधार पर कंपनी की कुल बिक्री 46,199 करोड़ रुपये रही, जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में हुई 31,262 करोड़ रुपये की बिक्री की तुलना में 48 फीसदी ज्यादा है। इस तिमाही में जेएलआर का शुद्ध मुनाफा 57 फीसदी बढ़कर 44 करोड़ पाउंड तक पहुंच गया।

केंद्र ने एक महत्वपूर्ण खुलासे में 31 जनवरी को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि मीडिया संगठनों द्वारा प्रसारित राडिया के टेप्स के साथ छेड़छाड़ की गई है। केंद्र ने तब यह भी कहा था कि इन टेप्स के लीक होने के लिए सरकारी एजेंसियां जिम्मेदार नहीं हैं।

सरकार ने कहा था कि पूर्व कॉर्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया की टेलिफोन पर हुई बातचीत को टेप करने में सेवा प्रदाताओं सहित आठ से दस एजेंसियां शामिल थीं। न्यायमूर्ति सिंघवी ने रिपोर्ट का संदर्भ देते हुए कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक, बातचीत का शुरुआती और अंतिम भाग मूल टेप्स से मेल नहीं खाते। उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच करने वाले अधिकारियों को यह जानकारी नहीं है कि ये टेप्स किसने लीक की थीं।

वर्ष 2010 की शुरुआत में सरकार ने कहा था कि टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा ने अपनी याचिका में राडिया की बातचीत वाले टेप्स लीक होने का मामला उठाया जिसकी जांच करने की जरूरत है। सरकार ने टाटा का, बातचीत के लीक हुए अंशों का समाचार पत्रों में प्रकाशन रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह ठुकरा दिया था।

पिछले साल फरवरी में सरकार ने उच्चतम न्यायालय को उस शिकायत की एक प्रति दी थी जिसके आधार पर उसने राडिया की राजनीतिक नेताओं, कॉर्पोरेट प्रमुखों और मीडिया से जुड़े लोगों के साथ हुई बातचीत टैप करना शुरू किया था।

यह शिकायत न्यायालय को उसके 13 दिसंबर 2010 के आदेश के अनुपालन के सिलसिले में दी गई थी। न्यायालय ने 13 दिसंबर 2010 को टाटा के उस आग्रह पर आदेश दिया था जिसमें टाटा ने राडिया के साथ अपनी निजी बातचीत वाले टेप्स लीक होने की जांच करने और बातचीत के अंशों का प्रकाशन रोकने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया था।

दूसरी  ओर यूरो जोन की तीसरी सबसे मजबूत इकॉनमी इटली में मंदी आ गई है। इकॉनमी में चौथी तिमाही में 0.7 फीसदी की गिरावट आई, जबकि इससे पहले की तिमाही में इटली की इकॉनमी में 0.2 फीसदी की गिरावट आई थी।यही नहीं,  अंतरराष्ट्रीय साख निर्धारक संस्था 'मूडीज' ने फ्रांस, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की शीर्ष 'ट्रिपल ए' क्रेडिट रेटिंग (ऋण साख) घटाने की चेतावनी जारी की है। संस्था ने कहा है कि उसे कर्ज संकट से निबटने के इन देशों के प्रयासों पर भरोसा नहीं रह गया है।एजेंसी ने इसके साथ इटली, स्पेन और पुर्तगाल समेत यूरोप के छह देशों की रेटिंग एक पायदान नीचे करने का भी ऐलान किया। जर्मनी की क्रेडिट रेटिंग को पूर्ववत बनाए रखा गया है। फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया की क्रेडिट रेटिंग कम करने के मसले पर मूडीज ने कहा कि इन देशों पर कर्ज का भार इतना अधिक है कि इनके लिए बजट खर्चों में कटौती कर पाना मुमकिन नहीं लगता।


अर्थशास्त्री मंदी को लगातार दो तिमाहियों में आर्थिक गिरावट के रूप में पारिभाषित करते हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी आईस्टैट ने बुधवार को प्राथमिक आंकड़ों से संबंधित एक बयान में यह जानकारी दी। सरकारी और कारोबारी समूहों ने अनुमान जताया था कि आर्थिक संकट के कारण इटली की इकॉनमी मंदी में पहुंच चुकी है, जबकि उप वित्त मंत्री विट्टोरियो ग्रिल्ली ने दिसंबर में अनुमान जताया था कि इस साल आर्थिक गिरावट रहेगी जबकि 2013 में इसमें कोई विकास नहीं होगा।

कर्ज संकट और बदनामी के कारण सिल्वियो बर्लुस्कोनी के कंजर्वेटिव गठबंधन की सरकार के गिरने और यूरो के लिए एक चुनौती सामने आने के बाद नए प्रधानमंत्री मारियो मोंटी ने नवंबर में गैर राजनीतिक जानकारों के साथ सरकार की कमान संभाली थी। मोंटी ने तब से कई कठोर सुधार किए हैं। इन सुधारों में टैक्स में बढ़ोतरी और पेंशन के लिए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने जैसे कदम शामिल हैं। इससे इटली के लोगों की बचत पर असर होगा। जिसका मतलब है कि इटली में विकास के वापस लौटने से पहले आर्थिक स्थिति और खराब होगी।


लैंको इंफ्रा की बुनियाद कमजोर बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनी लैंको इंफ्राटेक का शुद्ध लाभ 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में 63 फीसदी घटकर 60.92 करोड़ रुपये रह गया। कच्चे माल के दामों में वृद्धि और और ऊंची ब्याज दरों की वजह से कंपनी के मुनाफे यह कमी आई है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 164.02 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। लैंको ने समीक्षाधीन अवधि में 1,985 करोड़ रुपये मूल्य के कच्चे माल का उपयोग किया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी की यह लागत 738 करोड़ रुपये रही थी। इस तिमाही में कंपनी की सकल परिचालन आय बढ़कर 4,596 करोड़ रुपये हो गई। ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) और निर्माण कारोबार से कंपनी की कुल आय 55.8 फीसदी और ऊर्जा कारोबार से कुल आय 27 फीसदी बढ़ी।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह अपनी 4,500 मेगावाट की मौजूदा क्षमता विस्तार योजनाओं की फंडिंग के लिए कुल 75 करोड़ डॉलर की रकम जुटाएगी।

यूटीवी को 96 करोड़ का घाटा मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र की कंपनी यूटीवी सॉफ्टवेयर एंड कम्युनिकेशंस को इस तिमाही में 96.19 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 39.98 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। समीक्षाधीन तिमाही में यूटीवी की एकीकृत बिक्री 38 फीसदी घटकर 158.43 करोड़ रुपये रह गई। पिछले वित्त की समान तिमाही में यह बिक्री 255.14 करोड़ रुपये थी। अमेरिकी कंपनी वॉल्ट डिज्नी यूटीवी सॉफ्टवेयर एंड कम्युनिकेशंस में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया में है।

जेपी एसोसिएट्स का लाभ घटा जयप्रकाश एसोसिएट्स का शुद्ध लाभ इस तिमाही में 12 प्रतिशत घटकर 205 करोड़ रुपये रह गया। ब्याज पर अधिक खर्च की वजह से कंपनी के मुनाफे में यह कमी आई। विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत जयप्रकाश एसोसिएट्स ने बंबई शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 233 करोड़ रुपये रहा था। इस तिमाही में कंपनी की ब्याज अदायगी बढ़कर 449 करोड़ रुपये हो गई। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी की यह लागत 338 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी की कुल आय बढ़कर 3,305 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,949 करोड़ रुपये थी।

रिलायंस इंफ्रा का मुनाफा बढ़ा अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शुद्ध लाभ दिसंबर तिमाही में मामूली रूप से बढ़कर 408 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 405 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। इस तिमाही में कंपनी को ठेकों और इंफ्रास्ट्रक्चर कारोबार से पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले ज्यादा आय और मुनाफा हुआ। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय 20 फीसदी बढ़कर 3,1103 करोड़ रुपये हो गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह आय 2,580 करोड़ रुपये थी। वहीं कंपनी की अन्य संचालन आय 57.8 फीसदी घटकर 1.60 करोड़ रुपये रह गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह आय 3.80 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी के कुल कारोबार में बिजली क्षेत्र का हिस्सा 3,105 करोड़ रुपये और ठेका इंजीनियरिंग, खरीद और विनिर्माण (ईपीसी) कारोबार का हिस्सा 2,940 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के पास करीब 1000 करोड़ रुपये की कुल 11 सड़क परियोजनाएं मौजूद हैं, जिनमें से पांच पर संचालन शुरू हो चुका है जबकि बाकी पांच परियोजनाओं से अगले तीन महीने में आय शुरू हो जाएगी।

कंपनी मुंबई और दिल्ली में 67 किलोमीटर की लंबाई वाली मेट्रो रेल परियोजनाओं पर काम कर रही है।

रिलायंस मीडियाव‌र्क्स को घाटा

मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र की कंपनी रिलायंस मीडियाव‌र्क्स (आरएमडब्ल्यू) को दिसंबर तिमाही में 151.11 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 57.04 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस तिमाही में कंपनी की बिक्री 3.69 फीसदी घटकर 207.34 करोड़ रुपये रह गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह बिक्री 215.30 करोड़ रुपये रही थी। इस तिमाही में घरेलू फिल्म वितरण एवं प्रसारण कारोबार में मामूली गिरावट दर्ज की गई।

यूनिटेक का लाभ घटा

देश की प्रमुख रियल्टी कंपनी यूनिटेक का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2011-12 की दिसंबर तिमाही में 50 प्रतिशत घटकर 55.22 करोड़ रुपये रहा। बिक्री में कमी के कारण कंपनी का मुनाफा घटा है। इससे पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी को 111.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। यूनिटेक ने एक बयान में बताया है कितीसरी तिमाही में कंपनी की शुद्ध बिक्री 22 प्रतिशत घटकर 513.90 करोड़ रुपये रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 659.79 करोड़ रुपये थी।
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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