Sunday, February 19, 2012

खुशीराम शिल्पकार और भूमित्र आर्य को दलितों के उत्थान के लिए सदैव याद किया जाता रहेगा। 1886 में हल्द्वानी के निकटवर्ती गाँव में जन्मे खुशीराम ने जब 1894 में मिशन स्कूल हल्द्वानी में प्रवेश लिया तो उन्हें सवर्ण छात्रों द्वारा अपमानित किया गया। 1906 में

खुशीराम शिल्पकार और भूमित्र आर्य को दलितों के उत्थान के लिए सदैव याद किया जाता रहेगा। 1886 में हल्द्वानी के निकटवर्ती गाँव में जन्मे खुशीराम ने जब 1894 में मिशन स्कूल हल्द्वानी में प्रवेश लिया तो उन्हें सवर्ण छात्रों द्वारा अपमानित किया गया। 1906 में दलितों को 'शिल्पकार' नाम देने का उन्होंने प्रयास किया और 1921 की जनगणना में उन्हें शिल्पकार लिखा गया।

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