Tuesday, January 17, 2012

Fwd: [Social Equality] BY PRDEEP NAGDEO मै अम्बेडकर कि बुराई करने वाले...



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Date: 2012/1/17
Subject: [Social Equality] BY PRDEEP NAGDEO मै अम्बेडकर कि बुराई करने वाले...
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Yogesh Yogeshwar posted in Social Equality.
BY PRDEEP NAGDEO मै अम्बेडकर कि बुराई करने...
Yogesh Yogeshwar 5:07pm Jan 17
BY
PRDEEP NAGDEO
मै अम्बेडकर कि बुराई करने वाले मनुवादियो से पूछना चाहता हू कि उनके खानदान में अथवा समाज में पिछले पांच हजार साल में क्या कोई भी ऐसा धुरंधर महापुरुष पैदा हुआ है जो डा, अम्बेडकर जैसा प्रखंड विद्धवान हो , जिनके पास विदेशी यूनिवर्सिटियो से हासिल M.A. ,PHD ,.D.S.C., L.L.B , L.L.D., D.Lit , Bar-at-low जैसी सर्वोच्च डीग्रियाँ हो या विद्धवता बुद्धिमता में कोई भी डा. अम्बेडकर कि बराबरी कर सके ....???? सही मायने में डा. अम्बेडकर एक स्वतंत्रता सेनानी थे , जब देश के तमाम राजनेता भारत को आजाद करने कि लड़ाई लड़ रहे थे ,ठीक उसी समय डा. अम्बेडकर गोलमेज सम्मलेन में पूना पेक्ट में, संविधान निर्माण में दलितो के हितार्थ उनका पक्ष बड़ी मजबूती से रख रह...े थे .12नवम्बर 1930 को लन्दन के गोलमेज सम्मलेन में उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर रमसे मैकडोनाल्ड के मुह पर अपने भाषण में कहा था कि " मै इस सच को जोर देकर कहना चाहता हू कि ब्रटिश भारत कि आबादी का पांचवां हिस्सा अछूत गुलामों व जानवरों से भी बदतर जीवन जीने को मजबुर है |वही मै यह भी कहना चाहता हू कि भारत के अछूत भारत में मौजूद ब्रिटिश सरकार को बदलना चाहते है जहाँ आम जनता कि सरकार हो | डा. अम्बेडकर ने कहा "मेरे समाज के लोगों को आजादी से पहले रोटी, कपड़ा, मकान कि जरुरत है |दलितो को देश के सवर्णों के जुल्म -अत्याचार,जातिभेद शोषण और उत्पीडन से मुक्ति दिलाने कि महती आवश्यकता है |इन्हें सामाजिक आजादी और आत्म -सम्मान कि जरुरत है " हम गुलामो के गुलाम बनकर रहना नही चाहते ??? हभी भी पूर्ण आजादी चाहिये |अछूतो कि समस्याए उठाने वाला उस समय कोई नही था डा,अम्बेडकर पुना पेक्ट में प्रथक निर्वाचन कि मांग न करते तो दलितो को आरक्षण कभी नही मिलाता |

क्या सिर्फ अंग्रेजो से लडने वाले ही स्वतंत्रता सेनानी कहे जा सकते है ..?? जिन्होंने देश के भीतर दलितो कि मुक्ति ,उनकी आजादी ,उनके हकों के लिए लड़ाई लड़ी, क्या वे स्वतंत्रता सेनानी नही है ..??? डा, अम्बेडकर ने दलितो का सामाजिक , शैक्षणिक ,राजनैतिक आजादी ,सामान अधिकार कि लड़ाई लड़ी , वे देश में व्याप्त छुआछूत ,ब्राहमण वादी व्यवस्था के खिलाप लड़े , क्या उन्हें महज इसलिए स्वतंत्रता सेनानी नही कहाँ जा सकता...???? या फिर वे कांग्रेस में शामिल नही हुए इसलिए स्वतंत्रता सेनानी नही कहाँ जा सकता ????
डा. अम्बेडकर एक प्रखर राष्ट्रवादी थे | पूना पैक्ट और राष्ट्र -विभाजन के समय यदि आम्बेडकर चाहते तो प्रथक दलितस्थान कि मांग कर सकते थे | पर उन्होंने ऐसा नही किया , पूना पेक्ट पर हस्ताक्षर कर के न सिर्फ गांधी को जीवनदान दिया बल्कि करोडो को सुख -शांति दी |
डा.अम्बेडकर कि हिंदू धरम त्यागने कि घोषणा के बाद उन्हें ईस्लाम धर्म ग्रहण करने के लिए अरबो- खरबो रुपयों कि पेशकश कि गई |जिसे उन्होंने तुरंत ठुकरा दिया , क्या यह उनकी परम देश भक्ति नही थी , उन्होंने ईस्लाम धर्म अपनाने के बजाय भारत के मौलिक ,पौराणिक.सांस्कृतिक धर्म बौद्ध धर्म को ही स्वीकार किया तथा भारत कि अक्शुन्नता , राष्ट्रीय -अखंडता को भारत कि संस्कृति., उसकी अस्मिता को कायम रखा | इससे बदकर देशभक्ति ,राष्ट्रवादिता और क्या हो सकती है पाखंडियों .........????

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Palash Biswas
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http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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