Saturday, January 14, 2012

Fwd: [Dafodwam - Chetana Lahar] ब्राहमणों की गुलामी से आझाद हो जावो.........



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Date: 2012/1/14
Subject: [Dafodwam - Chetana Lahar] ब्राहमणों की गुलामी से आझाद हो जावो.........
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ब्राहमणों की गुलामी से आझाद हो जावो............
Pratap Chatse 6:59pm Jan 14
ब्राहमणों की गुलामी से आझाद हो जावो.........

इतिहास गवाह है- बुद्ध के काल में भी ब्राहमण बदल गए थे और उन्होंने बुद्ध से शरण लेके बुद्ध धम्म को बढाया और मौका देखते ही चौका मार दिया मतलब समय की राह देखते रहे तब तक माथेपर लेके (सर के ऊपर बिठाके) नचाया और समय मिलते ही उसे पूरा बर्बाद किया ब्राहमण किसीको भी माथे के ऊपर लेके नाचता है, लेकिन सर के अन्धर नहीं इसलिए तो ओ चोंटी रखता है और ......समय मिलते ही उसको ऐसे पटक देता है की ओ हजारो साल उठ भी नहीं सकता. इसलिए बुद्ध को जीवित करने के लिए २००० हजारो साल लग गए नहीं बाबासाहब को बुद्ध को पुनर्जीवित करने के लिए जन्म लेना पड़ा, अभी बुद्ध धम्म सही तरह से पुनर्जीवित कहाँ हुवा है उसके लिए दुबारा क्रांति करना पड़ेगी.
आज लोग कहते है, ब्राहमण बदल गया तो दुबारा इतिहास होने जा राह है जिसको सबक लेना है लेले और जिसको सबक नहीं लेना ओ ब्राहमण के इशारे पर काम करे या उनको माथे पर ले या ब्राहमण के माथे पर बैठ लो हमें कोई ऐतराज नहीं. हम हमारा काम करेंगे. यूरेशियन ब्राहमण को एस देश से भगायेंगे.

लोग कहते है चुनाव से हम उनके ऊपर (ब्राहमण) मतलब देश के ऊपर राज कर सकते है. अगर मेरा बाप भी चुनाव लड़ने के लिए खड़ा रहा तो मै उनको वोट कर दूंगा, मेरा बाप तहसील या जिल्हा लेवल के पक्ष को सपोर्ट करेगा, जिल्हा लेवल का पक्ष राज्य लेवल के पक्ष को सपोर्ट करेगा, राज्य लेवल का पक्ष केंद्र में कांग्रेस गठबंधन नहीं तो बीजेपी गठबंधन को न मंगाते हुए मजबूर होके सपोर्ट करेगा और ये दोनों भी दल सापनाथ और नागनाथ है मतलब ब्राहमणों के पक्ष है. इस देश पर ब्राहमण ही हजारो सालोसे राज्य कर रहा है. इस देश में लोकशाही नहीं ब्रहामानोक्रोसी (ब्रहामनशाही) है, आप किसीको भी वोट दे ओ वोट ब्राहमणों को ही जायेगा. जो भी दल है ब्राहमणों के इशारे पर चलते है. किसीको लगता है की, नहीं हम हमारे बल बूते पर राज कर रहे है, तो एक भ्रम है, क्योंकि ब्राहमणों के हात में प्रिंट मिडिया, इलेक्ट्रोनिक मिडिया, न्यायपालिका, अभ्यासक्रम तय करना और बच्चो ने क्या पढ़ना चाहिए ये सब कुछ उनके कब्जे में है. तामिलनाडू में कांग्रेस का बिज भी नहीं रहा था फिर भी वहां के पक्ष कुछ नहीं कर सके, आखिर ब्राहमण जयललिता राज कर रही.

आखिर चुनाव हमारा रास्ता नहीं और जिस संघटन या पक्ष में ब्राहमण ने प्रवेश किया ओ पक्ष हमारा होनेवाला नहीं क्योंकि ब्राहमण वैसा करने नहीं देंगा ये हमें इतिहास बताता है, बाबासाहब ने वोट का नकाराधिकार भी हमें दे दिया है. राष्ट्रपिता जोतीराव फुलेजिने हमें सकत आदेश दिया है की ब्राहमणों की गुलामी से आझाद हो जावो, इसलिए अभी इस देश आझाद करना है तो सिर्फ एक ही पर्याय है ओ छे लाख गाँवो से एक साथ उठाव, जन आन्दोलन. यह आझादी का आंदोलन "भारत मुक्ती मोर्चा" के माध्यम से पुरे भारत भर मे शुरू है तो आप सभी मूलनिवासी बहुजन भाई - बहन इस आझादी के आंदोलन को साथ सहयोग करे.

Written by: SambhajiBrigade Baramati.

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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