Wednesday, 25 January 2012 14:40 |
नयी दिल्ली, 25 जनवरी (एजेंसी) बिहार के फोर्बिसगंज में विवादास्पद पुलिस गोलीबारी को लेकर राज्य सरकार और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है। पिछले साल जून में हुई इस घटना में चार मुस्लिम युवक मारे गए थे । खान ने पूर्व में लिखा था ्र ''घटना में कुछ नहीं है ्र इसकी व्याख्या कतई इस तरह नहीं की जा सकती कि अल्पसंख्यकों से अनुचित व्यवहार किया गया जिसकी वजह से घटना हुई ।'' हबीबुल्ला ने खान के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि राज्य सरकार को मुआवजे पर अंतिम फैसला करने से पहले जांच आयोग की रिपोर्ट की प्रतीक्षा करनी होगी और कहा कि खान का पत्र जिले में विकास कार्यों को तेज गति देने की एनसीएम की सिफारिशों से संबंधित ''किसी भी संदर्भ को पूरी तरह नजरअंदाज करता है ।'' राजस्थान की सांप्रदायिक हिंसा के बारे में बिहार की चिंता से हबीबुल्ला को अवगत कराए जाने की बात पर एनसीएम अध्यक्ष ने कहा ्र ''राजस्थान सरकार ने निष्क्रियता को छिपाने के लिए न्यायिक या सीबीआई जांच का सहारा नहीं लिया ्र बल्कि कानून के हिसाब से कार्रवाई करने के लिए आगे बढ़ी ।'' प्रेट्र से बात करते हुए हबीबुल्ला ने खान के पत्र को ''अविवेकपूर्ण जवाब'' करार दिया । पत्र में बिहार सरकार को उन्होंने यह भी याद दिलाया कि मुद्दे पर किसी भी टिप्पणी से बचने के लिए एनसीएम की सिफारिशों में पहले ही सावधानी बरती गई है । एनसीएम ने अपनी सिफारिशों पर तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए 10 जनवरी को बिहार के मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा है । जून में गोलीबारी की घटना के तुरंत बाद हबीबुल्ला और एनसीएम सदस्य सईदा बिलग्रामी इमाम ने फोर्बिसगंज का दौरा किया था और रिपोर्ट सौंपी थी । इसमें सिफारिश की गई थी कि पीड़ित परिवारों को प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक के निर्देशों के अनुरूप मुआवजा दिया जाए । |
Wednesday, January 25, 2012
फोर्बिसगंज गोलीबारी के मुद्दे पर बिहार सरकार, अल्पसंख्यक आयोग में टकराव
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