चिल्ला जाड़े से ठिठुर रहे उत्तराखंड में वोट डालने कौन जाएगा?
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Details Category: [LINK=/vividh.html]यूपी-यूके इलेक्शन 2012[/LINK] Published on Friday, 13 January 2012 19:54 Written by प्रयाग पाण्डे
नैनीताल। उत्तराखण्ड में तीस जनवरी को चुनाव कराये जाने के चुनाव आयोग के फैसले को लेकर गंम्भीर सवाल उठने लगे हैं। उत्तराखण्ड के पहाडी़ इलाकों में हो रही भारी बर्फबारी और हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने चुनाव आयोग के इस फैसले को बेतुका साबित कर दिया है। राज्य की चुनावी मशीनरी तथा चुनाव आयोग को सम्भवतः यह मालूम होगा कि जनवरी-फरवरी में उत्तराखण्ड में जबरदस्त ठंड पड़ने से यहां के पहाडी़ इलाकों का पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
कडा़के की इस ठंड के मौसम में यहां उच्च न्यायालय समेत सभी स्कूल-कालेज बंद हो जाते हैं। अधिक ऊंचाई वाले इलाकों के लोग ठंड से बचने के लिए मैदानी क्षेत्रों को पलायन कर जाते हैं। इसके बावजूद उत्तराखण्ड में तीस जनवरी को चुनाव कराये जाने का चुनाव आयोग का निर्णय किसी को समझ नहीं आ रहा है।
इन दिनों उत्तराखण्ड के ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्र भारी बर्फबारी की चपेट में हैं। समूचा पहाड़ चिल्ला जाडे़ से ठिठुर रहा है। बर्फबारी वाले कई ईलाकों में यातायात बाधित है। इन क्षेत्रों के लोग बिजली, पानी समेत दूसरी जरूरी चीजों के लिए तरस रहे हैं। ऐसी सूरत में चुनावी मशीनरी के साथ-साथ उम्मीदवारों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह है कि अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूडी को कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पडी़।
प्रत्याशियों के लिए गांव-गांव जाकर मतदाताओं से मिलना मुश्किल हो रहा है। मतदान के रोज तीस जनवरी तक मौसम ने करवट नहीं बदली तो मतदाता वोट देने के लिए शायद ही घर से बाहर निकलें। इस सूरत में मतदान का प्रतिशत कम होना लाजमी है। चुनावी मशीनरी ने मौसम खराब होने की स्थिति में पोलिंग पार्टियों को हैलीकाप्टर के जरिये मतदान केन्द्रों तक पहुंचाने का इरादा जताया है। पर असल सवाल यह है कि मतदाताओं को मतदान स्थलों तक पहुंचाने की व्यवस्था क्या होगी और कौन करेगा।
[B]नैनीताल से प्रयाग पाण्डे की रिपोर्ट[/B]
The Protocol Division of the External Affairs Ministry of the Government of India procures gifts for dignitaries like the President, Prime Minister and External Affairs Minister to be given to the foreign dignitaries inside and out of India. S M Krishna, the External Affairs Minister visited Malaysia in May 2011 and when he came back, it came into notice that substandard and poor quality gifts had been procured by the Protocol Division at an inflated rate. An enquiry by the Vigilance wing of the External Affairs Ministry was ordered. This matter came into public notice when media brought up this story.
Read more... : नाकारा तंत्र और असहाय बच्चे : चाचा नेहरू बच्चों को भगवान का स्वरूप मानते थे बच्चे होते भी भगवान का रूप ही हैं। प्रधानमंत्री के एक बयान ने लोगों को शर्मिंदगी और सदमे में डाल दिया है। प्रधानमंत्री ने कई दलों के सांसदों और समाज के विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों की संस्था हंगामा की तरफ से आये गये सर्वेक्षण से लोगों को अवगत कराते हुए बताया कि दुनिया में कुपोषण का शिकार हर तीसरा बच्चा भारतीय है। उन्होंने इस पर चिंता जतायी। चिंता जताना हर नेता का नैतिक अधिकार होता है। अच्छा होता कि वह इस बात के लिए शर्मिंदा होते कि वे उस पार्टी की सरकार के प्रधानमंत्री हैं जिसने देश में सबसे लम्बे समय तक शासन किया है और इस शासन ने बदले में अगर सबसे बेहतर कोई चीज दी है तो वह यह है कि दुनिया का हर तीसरा बच्चा इस नाकारा तंत्र के कारण कुपोषण का शिकार है।
Read more... बदायूं। वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य के साथ रविवार को हुई घटना को अधिवक्ताओं ने अब प्रतिष्ठा का प्रश्र बना लिया है। दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई न होने के कारण बैठक कर अधिवक्ताओं ने गुरूवार से हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है। उल्लेखनीय है कि शनिवार रात को एसटीएफ टीम द्वारा मारे गये बेकसूर ब्रजपाल के परिजनों को पोस्ट मार्टम हाउस पर वरिष्ठ अधिवक्ता व डीसीबी के पूर्व चेयरमैन अशोक कुमार सिंह रविवार को सांत्वना देने गये थे।
Read more... Friends, I wish to thank Dr. Gauhar Raza for inviting me to this International Conference organized by CISR on Science Communication for Scientific Temper. When we discuss science we must ask: What is the purpose of science? The answer, to my mind, is that its purpose is to make our lives better and happier. Science is that knowledge by which we understand nature and harness it for our benefit.
Read more... लखनऊ। नेशनल इलेक्शन वॉच (एनइडब्लू) ने चुनाव आयोग में चुनाव वाले पांच राज्यों के मुख्यमत्रियों के शपथपत्रों के आधार पर दावा किया है कि उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के पास पांच राज्यों के मुख्यमत्रियों में सर्वाधिक 87.27 करोड रुपए की संपत्ति है। मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के पास सबसे कम केवल 6.09 लाख की संपत्ति है।
Read more... : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली : नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए टल गई है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि शशांक शेकर आईएएस अधिकारी नहीं हैं बावजूद इसके इन्हें मायावती सरकार ने कैबिनेट सचिव बना दिया गया जो नियमों के खिलाफ है. याचिका में शशांक शेखर को तुरंत कैबिनेट सचिव के पद से हटाने की मांग की गई है.
Read more... लखनऊ : इंस्टीट्यूट फार रिसर्च एंड डोक्युमेंटेशन इन सोशल साइंसेज की डॉ नूतन ठाकुर एवं उर्मिला पाण्डेय द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में एक रिट याचिका दायर की गयी. इस याचिका में याचीगण ने यह प्रार्थना की है कि हाई कोर्ट महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार को महिलाओं के लिए अंडरगारमेंट्स बेचने वाले सभी दुकानों के लिए एक ऐसी शासकीय नीति बना कर उसके अनुरूप शासकीय आदेश पारित करने हेतु निर्देशित करे जिससे ऐसे सभी दुकानों में कम से कम एक महिला सेल्सगर्ल एवं एक ट्रायल रूम होने की व्यवस्था अनिवार्यतया हो.
Read more... गत 23 दिसम्बर को एक समाचार पढने में आया कि जिला शिक्षा अधिकारी इन्दौर के कार्यालय में कार्यरत एक महिला लिपिक ने रिश्वत ली और वह रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ी भी गयी. इस प्रकार की खबरें आये दिन हर समाचार-पत्र में पढने को मिलती रहती हैं. इसलिये यह कोई नयी या बड़ी खबर भी नहीं है, लेकिन मेरा ध्यान इस खबर की ओर इस कारण से गया, क्योंकि इस खबर से कुछ ऐसे मुद्दे सामने आये जो हर एक संवेदनशील व्यक्ति को सोचने का विवश करते हैं. पहली बात तो यह कि एक महिला द्वारा एक दृष्टिबाधित शिक्षक से उसके भविष्य निधि खाते से राशि निकालने के एवज में रिश्वत की मांग की गयी. शिक्षक ने भविष्य निधि से निकासी का स्पष्ट कारण लिखा था कि वह उसके चार वर्षीय पुत्र का इलाज करवाना चाहता है, जो कि लम्बे समय से किडनी की तकलीफ झेल रहा है.
Read more... बदायूं : उझानी कोतवाली क्षेत्र में आगरा की बेलगाम एसटीएफ टीम ने पहचान किये बिना ही बेकसूर ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया, साथ ही केस को मोड़ देने के लिए ग्रामीण के शव को जला दिया. एसटीएफ की हैवानियत पर मृतक के परिजनों ने ग्रामीणों के सहयोग से बरेली मथुरा हाइवे जाम कर दिया. उनकी मांग थी कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. मामला बिगड़ता देख एसएसपी ने परिजनों को दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखने का आश्वासन दिया, तब जाकर जाम खुल सका. पुलिस ने शव का पीएम करवाया है.
Read more... जब हम सभी छोटे से थे तब हमने पढ़ाई के दौरान विज्ञान को एक विषय के तौर पर पढ़ा था और जब भी हम विज्ञान में कोई नया अध्याय पढ़ते थे तब उस अध्याय के अंत में एक लाइन में लिखा रहता था आओ कर के सीखें या आओ करके देखें और हम उसे जाकर तब प्रयोगशाला में करके देखते भी थे और अधिक से अधिक जानकारी भी प्राप्त करते थे उसी तरह आज 3 जी युग में आज के युवा भी ऐसे ही हो गए हैं वो सब काम आज उन लाइन पर करते हैं कि आओ कर के देखें.
Read more... चौमू: बहन रक्षाबन्धन पर भाई की कलाई पर इसी आशा से राखी बांधती है कि संकट के समय वह उसकी सहायता करेगा, हिम्मत बढ़ाएगा, लेकिन वही भाई दुःख की घड़ी में अपनी बहन को दर-दर की ठोकरें खाने को छोड़ दे तो बहन भाई के पवित्र रिश्ते पर कौन विश्वास करे? यही घटना घटी सुशीला शर्मा के साथ. वह आज चौमू के सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मानसिक रूप से परेशान होकर एक बिस्तर पर पड़ी है. वाकया है ए.एन.एम सुशीला देवी का जो कभी दूसरों को इलाज करती थी लेकिन आज वह खुद इलाज के लिए दूसरों पर मोहताज है.
Read more... चर्चा उत्तर प्रदेश की है, जहाँ मायावती के नेतृत्व में चल रही बहुजन समाज पार्टी ने लोकपाल द्वारा जाँच में भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में लिप्त पाए जाने पर बसपा के २१ मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है. यूँ तो मायावती और उनकी सरकार सदैव ही किसी न किसी कारण से विवादों में रही हैं, परन्तु जब भी उन पर या उनकी सरकार पर विपक्षी दलों ने किसी भी प्रकार के आरोपों के घेरे में लेने का प्रयत्न किया उन्होंने दलित महिला का कवच ओढ़ कर उन आरोपों को हवा में उड़ाते हुए सत्ता के मद में अपनी राह चलती रहीं. ऐसा नहीं कि विपक्षी दलों ने मात्र मीडिया में आरोप लगाने के अतिरिक्त कुछ नहीं किया. प्रदेश के उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे तमाम मुकद्दमे इस बात के गवाह हैं कि चाहे वह चौक-चौराहे पर मूर्तियों लगाने का काम हो या पत्थर के हाथियों से सुसज्जित उद्यानों के निर्माण का, या पार्टी की रैलियों में लाखों-करोड़ों के नोटों के हार पहनने के मामले हों, उनको विधान सभा में घेरने में असफल दल उन्हें कानून के रास्ते शिकश्त देने का प्रयास भी करते रहे हैं. अभी हाल में ही सीबीआई द्वारा एनएचआरएम में भ्रष्टाचार के मामलों पर चल रही जाँच भी उसी प्रक्रिया का एक अंग है, ऐसा मायावती का मानना है.
Read more... भारत की आजादी के बाद जम्मू और कश्मीर पर पाकिस्तान की सेना ने कबायलियों के वेश में आक्रमण किया था, जिससे बचाव के लिये वहां के तत्कालीन शासक राजा हरिसिंह ने भारत से मदद मांगी. मदद के बदले में भारत की ओर से राजा हरिसिंह के समक्ष कश्मीर का भारत में विलय करने की शर्त रखी गयी, जिसे थोड़ी नानुकर के बाद परिस्थितियों की बाध्यता के चलते कुछ शर्तों के आधार पर स्वीकार कर लिया गया. जिसके चलते भारत में जम्मू एवं कश्मीर के लिये विशेष उपबन्ध किये गये, जिन्हें लेकर आज भी विवाद जारी है, जिस पर चर्चा करना इस आलेख का उद्देश्य नहीं है.
Read more... बिग बॉस का पाँचवाँ सीजन जूही परमार की जीत के साथ ही खत्म हो चुका है, लेकिन शो अभी भी विवादों में घिरा है. दर्शकों के साथ साथ तमाम मशहूर हस्तियों ने भी जूही को विजेता घोषित किए जाने पर असहमति और आश्चर्य जताया है. ट्वीटर के जरिए लोग इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं. मशहूर पत्रकार और एक प्रोडक्शन हाउस के मालिक प्रीतिश नंदी ने ट्विटर पर लिखा है कि हर साल सबसे उबाउ प्रतिभागी को विजेता बनाया जा रहा है, इसलिए वह अब इस शो को नहीं देखेंगे.
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