Wednesday, December 7, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/12/7
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


मल्टीमीडिया में करिअर

Posted: 06 Dec 2011 07:30 AM PST

मल्टीमीडिया आज का एक अत्यंत आकर्षक करिअर है। यह एक ऐसी टैक्नीक है जिसमें विभिन्न माध्यमों से जैसे ऑडियों वीडियो टैक्स्ट, ग्राफिक्स एनीमेशन थ्रीडी व स्पेशल इफेक्ट मिलकर कम्प्यूटर को इनएक्टिव बनाते हैं।
सूचना क्रांति के इस दौर में ग्राफिक डिजाइनिंग का खूब बोलबाला है। कम्प्यूटर द्वारा की जाने वाली इस टैक्नीक को एनिमेशन कहते हैं। किसी भी टीवी चैनल पर आप स्पेशल इफैïकट्स, रंगारंग ग्राफिक्स तथा एनीमेशन की मनभावन मेस्मेराइज कर देने वाली छटाएं देख सकते हैं।
पिछले कुछ सालों में फिल्म, एडवरटाइजिंग, एजुकेशन, टी.वी., प्रिटिंग इंटरनेट के अलावा, होर्डिंग, रंगीन बैनर्स व पोस्टर्स पर भी इसका उपयोग हो रहा है। आज हर चीज ब्यूटीफाई करने का चलन है ऐसे में कलर्स व इलस्ट्रेशन ने डिजाइनिंग के लिए नए आयाम खोल दिए हैं।
ग्राफिक एनिमेशन फिल्म डिजाइन के साथ ही कैरीकेचर टैक्नीक का भी बहुत फास्ट डेवलपमेंट देखने में आता है। (कैड कम्प्यूटर एडेड डिजाइनिंग) 3 डी ग्राफिक्स आज के युवाओं को खूब लुभा रहे हैं।
कार्टून फिल्में अब सिर्फ बच्चे ही एंजॉय नहीं करते। बड़े भी इसे उतना ही एंजॉय कर रहे हैं। इस में अच्छी अर्निंग को देखते हुए कई लोग इसमें अपना करिअर बनाने में दिलचस्पी लेने लगे हैं।
इसमें सब से बड़ा फायदा यह है कि इसके लिए कोई उच्च शिक्षा की आवश्यकता नहीं है। इंग्लिश पर अच्छा कमांड होना काफी है लेकिन करिअर में आगे बढऩे, ऊंचाइयां नापने के लिये अच्छी पर्सनेलिटी, कम्प्यूटर की गहरी नॉलेज, काम के प्रति लगन और अच्छा पी आर तथा टीम फीलिंग होना भी काफी मायने रखता है। अच्छे खासे अनुभव के बाद तगड़ी कमाई आम बात है।
आईटी का सबसे अधिक प्रभावशाली माध्यम है इंटरनेट। इसमें वेबसाइट्स खास तरीके से डिजाइन की जाती है। इन्हें वेबपेज कहा जाता है। हाई स्टैंडर्ड की वेबसाइट्स मल्टीमीडिया को एक्सप्लॉयट कर विचारों को सजीव करती है।
मल्टीमीडिया टैक्नीक जैसे फ्रंटपेज, ड्रीमवीवर, पेजमील तथा फ्लैश की अच्छी जानकारी रखने वाले बहुत डिमांड में हैं। वे ग्राफिक डिजाइनर, वेब एनीमेटर, वेब डिजाइनर, वेब साइट कंस्ट्रक्टर, इंटरएक्टिव साइट डेवलपर, वेबसाइट एडमिनिस्ट्रेटर, ई बिजनेस, पोर्टल डिजाइनर तथा वेब डेटाबेस मैनेजर कुछ भी बन सकते हैं।

ग्राफिक डिजाइनिंग में एडमिशन के लिए 12वीं क्लास पास होना जरूरी है। चयन के लिए लिखित एग्जाम देना होता है। कमर्शियल आर्ट और मल्टीमीडिया के पाठ्यक्रमों में एडमिशन देते समय साइंस और मैथ्स के बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स को प्रिफरेंस दी जाती है। सैस ऑफ ह्यूमर, रिच इमेजिनेशन, क्रिएटिविटी तथा अच्छी ड्राइंग बनाने का आर्ट होना जरूरी है।
इसमें रोजगार की अनेक संभावनाएं हैं इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट दोनों पावरफुल मीडिया में ग्राफिक डिजाइनर या विजुअलाइजर आर्टिस्ट की डिमांड हैं।
मल्टीमीडिया की पढ़ाई करके टीवी, रेडियो, न्यूजपेपर, फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, ज्वेलरी, शिक्षा, उत्पादन और निर्माण में तो अच्छी संभावनाएं हैं ही, इसके अलावा गेमिंग विशेषज्ञों के लिए डिजिटल गेम बनाने वाली कंपनियों में अवसर हैं।

प्रमुख इंस्टीट्यूट :-
फ्लैश एंड मीडिया, प्रीत विहार, दिल्ली,
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
माया एकेडमी ऑफ एडवांस सिनेमेटिक्स, साउथ एक्स, नई दिल्ली
सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन एंड टेक्रॉलाजी ऑफ इंडिया, मोहाली, चंडीगढ़
एरिना मल्टीमीडिया, नयी दिल्ली
रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ग्राफिक कम्यूनिकेशन एंड टेक्नॉलाजी, पुणे।
ग्लोबल लेवल पर :- डिजाइन कौंसिल ऑक्सडेन स्ट्रीट,लंदन एसडब्ल्यू 1.4 ई, नेशनल कार्टूनिस्ट सोसायटी,पीओ बॉक्स 20267, कोलंबस सर्किल स्टेन, न्यूयॉर्क 10023 इत्यादि प्रेस्टीजियस ट्रेनिंग सेंटर है(ऊषा जैनि शीरी,दैनिक ट्रिब्यून,30.11.11)।

प्रबंधन संस्थानों में दाखिले को एकल प्रवेश परीक्षा फरवरी में

Posted: 06 Dec 2011 04:24 AM PST

देश के प्रबंधन शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए अगले साल फरवरी में पहली बार एक ही प्रवेश परीक्षा की नई इबारत लिखी जाएगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त लगभग चार हजार प्रबंधन शिक्षण संस्थानों के अगले सत्र (2012-13) के लिए दाखिले अब इसी प्रवेश परीक्षा से होंगे। देश के पांच दर्जन शहरों में नौ दिन तक दो पालियों में चलने वाली राष्ट्रीय स्तर की यह प्रवेश परीक्षा पूरी तरह ऑनलाइन होगी। गलत उत्तर पर निगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान किया गया है। विभिन्न राज्यों के प्रबंधन शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षा से छात्रों को निजात देने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) अगले साल 20 से 28 फरवरी तक एक ही प्रवेश परीक्षा कराने जा रहा है। यह परीक्षा इलाहाबाद, अमृतसर, देहरादून, दिल्ली, गाजियाबाद, जम्मू, कानपुर, नोएडा, पटना, पुणे, बरेली, चंडीगढ़, भोपाल, गुड़गांव, ग्वालियर, हरिद्वार, हिसार, इंदौर, कोलकाता, लुधियाना, लखनऊ, रांची समेत देश के 61 शहरों (स्थानों) पर होगी। जबकि, प्रवेश परीक्षा का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन आगामी नौ दिसंबर, 2011 से शुरू होकर अगले साल नौ जनवरी तक चलेगा। आवेदक 30 जनवरी तक हॉल टिकट का प्रिंट ले सकेंगे। उसी के आधार पर उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिलेगी। 11 मार्च से 11 अप्रैल के बीच प्रवेश परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिये जाएंगे। प्रवेश परीक्षा में चार अलग-अलग विषयों पर आधारित प्रश्न पत्र होंगे। हर प्रश्न पत्र सौ नंबर का होगा, जबकि हर प्रश्न पत्र में 25 सवाल होंगे। हर गलत जवाब के लिए एक नंबर कटेगा। राज्यों के प्रबंधन शिक्षण संस्थानों में दाखिले के इसी प्रवेश परीक्षा के आधार पर होंगे। यह प्रावधान छात्रों की समस्याओं को देखते हुए उठाया गया है। इससे प्रतियोगी छात्र को अतिरिक्त परेशानी नहीं होगी(दैनिक जागरण,दिल्ली,6.12.11)।

कठिन हिंदी शब्दों के स्थान 'हिंग्लिश' को तरजीह देने का निर्देश

Posted: 06 Dec 2011 04:20 AM PST

कठिन हिंदी शब्दों से आने वाली समस्याओं से पार पाने के लिए सरकार ने सेक्शन ऑफिसरों को निर्देश दिया है कि वे आसानी से समझ में आने और भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए वैसे शब्दों की जगह 'हिंग्लिश' शब्दों का प्रयोग करें। यह आदेश गृह मंत्रालय की राजभाषा इकाई ने जारी किया। इसेे हाल में विभिन्न दफ्तरों में फिर से भेजा गया है। इसमें आधिकारिक तौर पर उल्लेख किया गया है कि विशुद्ध हिंदी के इस्तेमाल से आम जनता में अरुचि पैदा होती है।
परिपत्र में अनुशंसा की गई है कि आधिकारिक कामों के लिए कठिन हिंदी शब्दों की जगह देवनागरी लिपि में अंग्रेजी के वैकल्पिक शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है। गृह मंत्रालय में आधिकारिक भाषा विभाग ने उदाहरण देते हुए कहा कि 'मिसिल' की जगह फाइल का इस्तेमाल किया जा सकता है। 'प्रत्याभूति' की जगह 'गारंटी', 'कुंजीपटल' की जगह कीबोर्ड और 'संगणक' की जगह 'कंप्यूटर' का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें लोकप्रिय हिंदी शब्दों और वैकल्पिक अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल करने की भी वकालत की गई है ताकि भाषा को और आकर्षक तथा दफ्तरों और आम जनता के बीच इसे लोकप्रिय बनाया जा सके। परिपत्र में कहा गया है, 'जब भी आधिकारिक काम के दौरान अनुवाद की भाषा के तौर पर हिंदी का इस्तेमाल किया जाता है तो यह कठिन और जटिल बन जाती है। अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद की प्रक्रिया में बदलाव करने की तत्काल आवश्यकता है। शब्दश: हिंदी करने की बजाय अनुवाद में मूल पाठ का भावानुवाद होना चाहिए।' आधिकारिक पत्राचार में उर्दू, अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के लोकप्रिय शब्दों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। हिंदी के शुद्ध शब्द साहित्यिक उद्देश्यों के लिए होने चाहिएं जबकि काम के लिए व्यावहारिक 'मिश्रित' शब्दों का इस्तेमाल होना चाहिए। इसमें कहा गया है कि शुद्ध हिंदी में अनुवाद करने की बजाय देवनागरी लिपि में अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर है(दैनिक ट्रिब्यून,दिल्ली,6.12.11)।

सुपर-30 के संस्थापक के सिर सज गया एक अनोखा 'ताज'!

Posted: 06 Dec 2011 12:52 AM PST

सुपर-30 के संस्थापक बिहार के आनंद कुमार दुनिया के 20 प्रमुख शिक्षकों में शामिल किए गए हैं। भारत से वे अकेले ही दावेदार थे। इंग्लैंड की पत्रिका मोनोक्ल में 20 शिक्षकों की यह सूची प्रकाशित की गई है।


उनके सुपर-30 प्रयोग को सूची में 20वें स्थान पर रखा गया है। सूची में आनंद के अलावा नील टूरोक, पेरियर केलर, मुनीर फ्लैश, सराह एलिजाबेथ आदि शामिल हैं।

आनंद कुमार बिहार में पिछले दस साल से गरीब बच्चों को आईआईटी -जेईई की परीक्षा की तैयारी करवा रहे हैं। आनंद कुमार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के तीस बच्चों का चयन करते हैं और इनके रहने खाने का खर्च भी वहन करते हैं। उनकी कोचिंग संस्था सुपर-30 से 20 से 30 बच्चे तक हर साल आईआईटी और जेईई में चयनित होते रहे हैं(दैनिक भास्कर,पटना,6.12.11)।

राजस्थान बोर्डःऑनलाइन होगा अंकतालिकाओं का सत्यापन

Posted: 06 Dec 2011 12:47 AM PST

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2006 से 2011 तक के परीक्षार्थियों का डाटा इंटरनेट पर लोड कर दिया है। अब परीक्षार्थियों को दस्तावेज सत्यापित कराने के लिए बोर्ड के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। परीक्षार्थी अथवा संस्था संबंधित दस्तावेज का ऑनलाइन ही सत्यापन कर सकेंगे।

यह जानकारी बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने सोमवार को पत्रकारों को दी। डॉ. गर्ग के मुताबिक बोर्ड की 2006 से 11 तक की सभी परीक्षाओं में बैठे परीक्षार्थियों का डाटा टेबुलेशन फॉर्म में बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। कोई भी परीक्षार्थी या संस्था द्वारा संबंधित परीक्षार्थी का परीक्षा वर्ष, रोल नंबर और परीक्षा का नाम भरने पर परीक्षार्थी के पूरे रिजल्ट का चार्ट सामने आ जाएगा।

डॉ. गर्ग ने बताया कि सेना और अन्य विभागों में भर्ती के दौरान दस्तावेज सत्यापित कराने के लिए बोर्ड में लंबी लाइन लग जाती है। संबंधित जिले से उन्हें अजमेर आना पड़ता है। यह सुविधा हो जाने से इंटरनेट पर ही परीक्षार्थी व संस्था डाटा सत्यापित कर सकेंगे।


डॉ. गर्ग ने पिछले दिनों बोर्ड की जानकारी में आए फर्जी पात्रता प्रमाण पत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह के जाली दस्तावेज के मामले रुक सकेंगे व संबंधित एजेंसी परीक्षार्थी का पूरा रिकॉर्ड जांच सकेगी।
बोर्ड को भी होगा फायदा

बोर्ड के इस कदम से बोर्ड अधिकारियों व कार्मिकों को भी फायदा होगा। दस्तावेज के सत्यापन के लिए जब परीक्षार्थी बोर्ड में आता है, तो उसका टीआर निकालना और संबंधित वर्ष का रिकॉर्ड खंगालना बड़ा मुश्किल होता है।

अब यह भी करेगा बोर्ड

डॉ. गर्ग ने बताया कि 1 जनवरी से बोर्ड 2001 से 2011 तक का रिकॉर्ड ऑन लाइन कर देगा। यह सुविधा विद्यार्थी सेवा केंद्रों पर भी मिल सकेगी। बोर्ड स्थित विद्यार्थी सेवा केंद्र पर फिलहाल प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत हो चुकी है। 15 दिसंबर से इसे यहां लागू कर दिया जाएगा।

नए वर्ष से सभी संभाग मुख्यालयों पर स्थित विद्यार्थी सेवा केंद्रों पर भी परीक्षार्थी दस साल का रिकॉर्ड देख सकेगा। इन केंद्रों से परीक्षार्थी 2001 से 2011 तक के डुप्लीकेट दस्तावेज को डाउन लोड भी कर सकेंगे।

सम्मानित होंगे भट्ट

डॉ.गर्ग ने बताया कि उपनिदेशक (कम्प्यूटर) ए आर भट्ट की उल्लेखनीय सेवाओं के लिए उन्हें सम्मानित किया जाएगा। संभवतया गणतंत्र दिवस पर उनका सम्मान किया जाएगा।

15 तकनीकी कार्मिक और मांगे हैं

बोर्ड ने राज्य सरकार से करीब 15 तकनीकी कार्मिक और मांगे हैं। इन कार्मिकों के आने के बाद बोर्ड में सूचना एवं प्रौद्योगिकी शाखा का काम और सुचारू हो सकेगा(दैनिक भास्कर,अजमेर,6.12.11)।

हरियाणाःजून में फिर एक लाख बैंक क्लर्को की भर्ती

Posted: 06 Dec 2011 12:44 AM PST

बैंक में नौकरी की चाह रखने वाले तैयार हो जाइए। नए साल में बैंकिंग क्षेत्र में करीब दो लाख नौकरियां निकलने वाली हैं। राष्ट्रीकृत 19 बैंकों की परीक्षा कराने वाला इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आईबीपीएस) जून में एक लाख क्लर्को की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर देगा। इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी जनवरी के प्रथम सप्ताह में 20 हजार से अधिक भर्ती पदों पर भर्ती का मन बनाया है।


हिसार में आईबीपीएस की परीक्षा का संचालन करने वाले पंजाब नेशनल बैंक के उप महाप्रबंधक एसके पोपली बताते हैं कि बैंकों की बढ़ती ब्रांच और सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों के चलते मानव संसाधन की आवश्यकता है। ऐसे में आईबीपीएस ने हर छह महीने बाद परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। 


ऐसा नहीं है कि इस परीक्षा से आप को तुरंत नौकरी मिल जाएगी। पीएनबी उपमहाप्रबंधक पोपली बताते हैं कि परीक्षा के बाद छात्रों को अंक पत्र मिलता है, जो उनके साक्षात्कार में अहम भूमिका अदा करेगा। ऐसे आवेदकों को लिखित परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। बैंक आवश्यकतानुसार आवेदन आमंत्रित कर भर्ती करेंगे। योग्यता निर्धारण का अधिकार बैंकों को होगा।

कैसे करें बैंकिंग परीक्षा की तैयारी?

महिंद्रा बैंकिंग इंस्टीट्यूट के स्थानीय निदेशक मृदुल शुक्ला बताते हैं कि परीक्षा से छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है। परीक्षा में विषयों की सामान्य जानकारी ही पूछी जाती है। इसकी तैयारी के लिए नियमित अभ्यास की जरूरत है। खासतौर पर आसपास की घटनाओं और रोजमर्रा की बैंकिंग प्रक्रिया पर ध्यान देना जरूरी है(आनंद मणि त्रिपाठी, दैनिक भास्कर,हिसार,6.12.11)।

डीयू के छात्र ऑनलाइन देख सकेंगे अटेंडेंस

Posted: 06 Dec 2011 12:40 AM PST

दिल्ली यूनिवर्सिटी में हाजिरी को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। डीयू ने इससे निपटने की योजना बना ली है। सूत्रों के मुताबिक , यूनिवर्सिटी चाहती है कि कॉलेज अपनी वेबसाइटों पर हर रोज स्टूडेंट्स की हाजिरी जारी करें। इसके लिए टीचर्स को स्टूडेंट्स की हाजिरी का रेकॉर्ड रोजाना कॉलेज ऑफिस में जमा कराना होगा।

इससे स्टूडेंट्स के साथ - साथ उनके पैरंट्स को भी हाजिरी के बारे में जानकारी मिल सकेगी। स्टूडेंट्स यह नहीं कह सकेंगे कि उन्हें कम हाजिरी के बारे में बताया नहीं गया। साथ ही , टीचर्स की भी जवाबदेही बढ़ेगी। मौजूदा तरीके में टीचर्स सेशन के आखिर में हाजिरी रिकॉर्ड जमा करवाते हैं। सेमेस्टर सिस्टम में हर सेमेस्टर के आखिर में हाजिरी की डिटेल कॉलेज को दी जाती है। यूनिवर्सिटी का मानना है कि हाजिरी को लेकर नया सिस्टम बनाया जाना जरूरी है , क्योंकि सेमेस्टर में एक - एक क्लास का महत्व बढ़ गया है(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,6.12.11)।

छत्तीसगढ़ःआईटीआई में प्रवेश के लिए आवेदन 27 तक

Posted: 06 Dec 2011 12:38 AM PST

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था बिल्हा में सत्र 2012 में ट्रेनिंग के लिए प्रवेश हेतु व्यवसाय ड्रायवर कम मैकेनिक (एन.सी.व्ही.टी.) के 16 फ्री सीट व 5 पेमेंट सीट एवं व्यवसाय वेल्डर एससीवीटी. के 12 स्थान फ्री सीट व 4 स्थान पेमेंट सीट रिक्त हैं। इन सीटों के लिए आवेदन 27 दिसंबर 2011 शाम 5 बजे तक लिए जाएंगे।


ड्रायवर कम मैकेनिक के लिए आवेदक की आयु 01 जनवरी 2012 को 18 से कम और 40 से अधिक नहीं होनी चाहिए। वेल्डर व्यवसाय के लिए आवेदक की आयु 14 वर्ष से कम एवं 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,6.12.11)।

राजस्थान ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती : परीक्षा से पहले हर वो बात, जो आप जानना चाहते हैं!

Posted: 06 Dec 2011 12:36 AM PST

ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती परीक्षा में सिर्फ एक दिन शेष रहा है। 33 हजार 500 अभ्यर्थी इसमें शामिल होंगे। परीक्षा में कम देखते हुए अभ्यर्थियों के दिल में कई सवाल उमड़ रहे हैं। चूंकी उनके पास तैयारी के लिए अब बिल्कुल भी समय नहीं रहा है।

एक्सपर्ट्स की राय है कि वे रिवीजन पर जोर दें। दैनिक भास्कर ने अभ्यर्थियों से बातचीत कर उनके दिल में उमड़ रहे कुछ सवालों को टटोला। यह सवाल लेकर हम एक्सपर्ट्स के पास गए। उनसे जाना कि वे अपनी जिज्ञासाओं को कैसे शांत कर सकते हैं।

परीक्षा से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

1. परीक्षा कक्ष में जाने से पहले ही घबराहट रहती है। क्या करूं?

: परीक्षा से पहले यानी मंगलवार रात्रि को अधिक समय तक नहीं जागें। नींद पर्याप्त मात्रा में लें। अपने आप पर पूरा विश्वास रखें कि आपने जो पढ़ा है, वह काफी अच्छा है। हमेशा विश्वास रखें कि आप औरों से बेहतर कर सकते हैं।


2. परीक्षा में कितने प्रतिशत तक प्रश्न हल करने चाहिए?
: प्रश्न-पत्र को पढ़ने पर यह मालूम चल जाता है कि प्रश्न किस स्तर का आया है। यदि सवाल आप पूरे विश्वास से सही-सही हल करते जा रहे हैं तो हल करते रहना चाहिए। अधिकतर परीक्षाओं की कट-ऑफ 60-70 प्रतिशत के बीच रहती है। अत: इतने प्रश्न सही हल हो जाने पर नेगेटिव मार्किग से बचना चाहिए। इससे अधिक रिस्क लेने की जरूरत नहीं है। सामान्य ज्ञान के प्रश्न-पत्र में 65-70 प्रश्न और संबंधित विषय में 100-110 प्रश्न यदि पूर्ण सही है तो आगे रिस्क उठाने की आवश्यकता नहीं है।

3. किस प्रकार के प्रश्नों को हल नहीं करना चाहिए?

: ऐसे प्रश्न जो तैयारी करते समय आपके सामने कभी नहीं आए, उन्हें हल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आपने अपने अनुसार अच्छी तैयारी की है, फिर भी वह प्रश्न आपके सामने नहीं आया तो अन्य अभ्यर्थियों ने भी उसे नहीं पढ़ा होगा। यह सोचकर उसे हल नहीं करना चाहिए।

4. कुछ प्रश्नों में दो विकल्प तो बिल्कुल गलत प्रतीत होते हैं, लेकिन दो विकल्पों में संदेह होने की स्थिति में क्या करें?

: यदि आप पहले राउंड में बिना किसी रिस्क के 60-70 प्रतिशत प्रश्न सही कर चुके हैं तो फिर ऐसे प्रश्नों में भी रिस्क लेने की आवश्यकता नहीं है। मगर पहले राउंड में आप 50-55 प्रतिशत तक ही पहुंच रहे हैं तो फिर थोड़ा सोच-विचार करके ऐसे प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना चाहिए। याद रखें, केबीसी में पांच करोड़ विजेता बिहार के सुशील कुमार ने भी अंतिम प्रश्न में डबल डीप लाइफ लाइन का प्रयोग करके ही पांच करोड़ रुपए हासिल किए थे।

5. कुछ सवाल डाउटफुल होते हैं, जिनके चार ऑप्शन गलत होते हैं, क्या करूं?

: ऐसे प्रश्नों को जवाब नहीं देना ही बेहतर होता है। आयोग ऐसे प्रश्नों को फैसला बाद में करता है। कभी बोनस अंक भी मिल जाते हैं।

6. परीक्षा पर और क्या महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखनी चाहिए?

: प्रवेश पत्र जरूर लेकर जाए। ओएमआर शीट भरने में नीला बॉल पेल का ही इस्तेमाल करें। याद रखें कि प्रश्न-पत्र व ओएमआर शीट का लिफाफा सील पैक है या नहीं। अगर नहीं है तो उसे लौटा दें। यह आपको पांच मिनट पहले मिलेगा। उत्तर पुस्तिका व ओएमआर सीट का क्रमांक एक ही हो, जरूर देख लें। अलग-अलग भरने पर आपका परिणाम रुक सकता है। वहीं परीक्षा के बाद प्रश्न-पत्र आप साथ ले जा सकेंगे।

कुछ खास बातें

-धैर्यपूर्वक आत्मविश्वास से प्रश्न-पत्र हल करें। तनावमुक्त रहें।

-परीक्षा कक्ष में बैठे अन्य अभ्यर्थी को देखकर कहीं नेगेटिव मार्किग नहीं कर बैठें, क्योंकि कई बार अपने आसपास बैठे अभ्यर्थी जोखिम उठाकर पूरी ओएमआर शीट भर देते हैं। उनको देखकर हमारे मन में भी रिस्क लेने की भावना उत्पन्न होती है। परंतु कभी भी पांच-सात प्रश्नों से अधिक रिस्क नहीं लेनी चाहिए।

-शुरुआती पांच-सात प्रश्न यदि कठिन प्रतीत हो रहे हो तो अंत से प्रश्न हल करना शुरू कर दें। अंत में कठिनता हो तो पांच-सात मिनट अच्छी तरह सोचकर बीच में से (प्रश्न सं. 51 से) धैर्यपूर्वक प्रश्न हल करना शुरू करें। 

-छह दिसंबर को केवल दोहराव में समय दें। शिक्षा मनोविज्ञान व सम-सामयिकी घटनाओं को एक बार फिर से अवश्य देख लें।

-संबंधित विषय की परीक्षा से पहले दिन महत्वपूर्ण तथ्यों का रिवीजन करें। शिक्षण विधियों को एक बार फिर से अवश्य देखें।

106 केंद्रों पर चार दिन का अवकाश घोषित

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिले के 106 परीक्षा केंद्रों पर सात से दस दिसंबर तक शैक्षणिक अवकाश घोषित किया है। उपनिदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इसके निर्देश सोमवार को भेज दिए हैं। डीईओ बिरदासिंह रावत ने बताया कि ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती परीक्षा के मद्देनजर सात से दस दिसंबर तक परीक्षा केंद्रों पर शैक्षणिक अवकाश रहेगा।

कॉलेज परीक्षा के यहां होंगे आवेदन पत्र जमा

शिक्षक भर्ती परीक्षा के कारण राजस्थान विश्वविद्यालय की ऑनलाइन एग्जाम के आवेदन जमा कराने की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। एसके कॉलेज प्राचार्य डा. बीएल जांगिड़ ने बताया कि सभी कक्षाओं के लिए आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी सात से दस दिसंबर तक कॉलेज के प्रशासनिक भवन में जमा होगी(दैनिक भास्कर,सीकर,6.12.11)।

देवी अहिल्या विवि में अब 190 दिन में 600 परीक्षा

Posted: 06 Dec 2011 12:34 AM PST

सेमेस्टर शुरू होने से पहले यूनिवर्सिटी सालभर (एक शैक्षणिक सत्र में करीब 190 कार्य दिवस) में आसानी से ढाई सौ परीक्षाएं करवाती थीं लेकिन अब उसे छह सौ परीक्षाएं करवाना पड़ रही हैं। यानी, औसतन हर दिन तीन परीक्षाएं।

इस व्यवस्था से ही निपटने में नाकाम यूनिवर्सिटी को अब प्राइवेट परीक्षाओं में भी इसे लागू करने का फरमान आ गया है। इससे यूनिवर्सिटी को 40 हजार अतिरिक्त विद्यार्थियों की साल में दो बार परीक्षाएं लेना पड़ेंगी। हालांकि इसको लेकर अलग-अलग मत आने के बाद शासन ने यूनिवर्सिटी को व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए कह दिया है। कुलसचिव आर.डी. मूसलगांवकर का कहना है कि कुलपति से चर्चा कर जल्द ही इस पर निर्णय लेंगे।

पहली बार 1976 में लागू हुआ था सेमेस्टर- प्रदेश में सबसे पहले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में 1976 में तत्कालीन कुलपति एम.एस. सोडा ने यूटीडी व सेल्फ फाइनेंस कोर्सेस में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया था लेकिन छह माह बाद इसे हटाना पड़ा था। यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में यह लागू नहीं था। लगभग तीन साल पहले इसे सभी कोर्सेस के लिए लागू किया गया।

एक्सपर्ट्स : आखिर कैसे सुधरे व्यवस्था

सरकार सेमेस्टर सिस्टम को पहले स्नातकोत्तर, फिर छोटी फैकल्टी वाले कोर्सेस और उसके बाद अन्य कोर्सेस में लागू करती। व्यवस्था को दोष देने के बजाय जिम्मेदार अधिकारी अपनी व्यवस्था सुधारें। जो स्टाफ व संसाधन हैं, उसमें यह काम हो सकता है।


- सुधाकर भारती, पूर्व रेक्टर, देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी 

सेमेस्टर सिस्टम छोटे स्तर पर ज्यादा कारगर ढंग से लागू किया जा सकता है। मसलन, होलकर साइंस कॉलेज या प्रेस्टीज कॉलेज, यहां सेमेस्टर सिस्टम को लेकर कोई शिकायत नहीं है। यूनिवर्सिटी को कॉलेजों को स्वायत्ता देना चाहिए और खुद मॉनिटरिंग करे।

- डॉ. वी.एस. भंडारी, पूर्व प्राचार्य 

सेमेस्टर सिस्टम पूछे बगैर लागू कर दिया गया। हम सेमेस्टर के विरोध में है लेकिन पहले सरकार संसाधन उपलब्ध करवाती और उसके बाद लागू करवाती तो अच्छा होता। 

- डॉ. डी.पी. मिश्रा, अध्यक्ष प्राचार्य मंच 

प्रदेश के विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने से पहले उच्च शिक्षा विभाग ने दो बैठकें की। उस समय सभी ने सहमति दी थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सेमेस्टर सिस्टम लागू करवाने का आदेश दिया। फिर यूजीसी ने अनुशंसा की, जिसके चलते ही इसे लागू किया गया था। हालांकि वर्तमान स्थितियों पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि मैं डेढ़ साल पहले ही इस विभाग से हट गया था।

- आशीष उपाध्याय, तत्कालीन प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा 

(इनके कार्यकाल के दौरान ही यह निर्णय लिया गया था) 

इस तरह होती हैं 600 परीक्षाएं

-50 कोर्स स्नातक स्तर पर संचालित 

-300 परीक्षाएं हर साल, छह सेमेस्टर (हर कोर्स तीन साल का)

-100 परीक्षाएं एटीकेटी की 

- 30 कोर्स स्नातकोत्तर स्तर पर संचालित 

-120 परीक्षाएं व 50 एटीकेटी (कोर्स दो साल का और कुल चार सेमेस्टर) 

- 25 से अधिक अन्य डिप्लोमा कोर्स, मेडिकल कोर्सेस की परीक्षाएं 

यूनिवर्सिटी के पास संसाधन

-1.30 लाख नियमित छात्र > 40 हजार प्राइवेट छात्र

- 20 परीक्षा केंद्र शहर में > 40 शहर के बाहर संभाग में

-1000 शिक्षक मूल्यांकन के लिए

- 20 लाख से अधिक उत्तर पुस्तिकाएं लगती हैं हर साल

व्यवस्थाएं सुधारेंगे

यह सही है सेमेस्टर सिस्टम के कारण परीक्षा लेने और परिणाम घोषित करने में देरी हो रही है लेकिन अगले सत्र से व्यवस्थाएं सुधर जाएंगी। प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए सेमेस्टर लागू करने से असर नहीं पड़ेगा। 

- वी.एस. निरंजन, आयुक्त, उच्च शिक्षा(दैनिक भास्कर,इन्दौर,6.12.11)

डीयूःपढ़ाई छोड़ी, तो भी मिलेगा डिप्लोमा

Posted: 06 Dec 2011 12:30 AM PST

डीयू ने चार साल के डिग्री कोर्स को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। वीसी प्रो. दिनेश सिंह के मुताबिक, इसकी शुरुआत 2013 में होगी। चार साल के ग्रैजुएशन कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के पास कई ऑप्शन होंगे। दो साल पढ़ाई के बाद वह कोर्स छोड़ना चाहे, तो उसे दो साल का डिप्लोमा दे दिया जाएगा। तीन साल बाद जनरल डिग्री और चार साल बाद ऑनर्स स्पेशलाइजेशन मिल सकेगा। दो साल बाद पढ़ाई छोड़ने वाले स्टूडेंट्स के पास बाद में कोर्स पूरा करने का मौका भी होगा।

वीसी ने बताया कि 2013 से स्टूडेंट्स को एक ही कोर्स में अलग-अलग सब्जेक्ट पढ़ने का मौका मिलेगा। मसलन, हिस्ट्री के स्टूडेंट्स अकाउंटिंगभी पढ़ सकेंगे और मैथ्स के साथ वोकेशनल सब्जेक्ट भी रहेंगे। स्किल बेस्ड कोर्सों को बढ़ावा दिया जाएगा। हर सब्जेक्ट में जॉब की संभावनाएं ध्यान में रखकर सिलेबस तैयार किए जाएंगे। यह इस तरह होगा कि स्टूडेंट दो साल बाद पढ़ाई छोड़े, तो डिप्लोमा ले सके। डीयू ने इसी साल बीटेक का चार साल का कोर्स शुरू किया है। इसी तर्ज पर बीएससी, बीएड, बीए-बीएड, बीएससी कोर्स भी शुरू किए जा सकते हैं(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,6.12.11)।

मध्यप्रदेशःसेमेस्टर प्रणाली में होगा संशोधन, ऑनलाइन होगा एडमिशन सिस्टम

Posted: 06 Dec 2011 12:19 AM PST

कॉलेजों की सेमेस्टर प्रणाली में संशोधन किया जाएगा, साथ ही अगले सत्र से एडमिशन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. वीएस निरंजन ने यूनिवर्सिटी के कुलसचिवों और कॉलेज के प्राचार्यो को निर्देश जारी कर दिए हैं।

डॉ. निरंजन के मुताबिक प्राइवेट परीक्षा देने वाले छात्रों पर वार्षिक सत्र की बजाय सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके लिए व्यावहारिक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। कार्ययोजना बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी बनाएगी। परीक्षाओं के नतीजे जल्दी घोषित हो सके, इसके लिए जिला मुख्यालयों पर स्थित लीड कॉलेज में मूल्यांकन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।


इन केन्द्रों में यूनिवर्सिटी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में मूल्यांकन कार्य किया जाएगा। प्राइवेट छात्रों के लिए शत प्रतिशत अंकों की विश्वविद्यालयीन परीक्षा आयोजित की जाएगी। केवल नियमित छात्रों के लिए ही आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा। इसके लिए अधिकतम पंद्रह अंक निर्धारित किए गए हैं। 

विश्वविद्यालय मैनेजमेंट सिस्टम और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर एडमिशन से लेकर रिजल्ट घोषित करने तक का काम समय पर करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही यूनिवर्सिटी को भी आपस में समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं, जिससे समय सारणी एक समान रहे(दैनिक भास्कर,भोपाल,6.12.11)।

डीयूःरामजस से बैरंग लौटे छात्र तो मिरांडा में नहीं हुई परीक्षा

Posted: 06 Dec 2011 12:18 AM PST

एनवायरमेंटल स्टडीज की परीक्षा को लेकर बने असमंजस से सोमवार को पर्दा उठ गया। परीक्षा के लिए रामजस कॉलेज में जहां प्रथम वर्ष के छात्रों को बैरंग लौटा दिया गया, वहीं मिरांडा हाउस में परीक्षा आयोजित ही नहीं की गई। दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में द्वितीय वर्ष के उन छात्रों के लिए परीक्षा हुई जो पिछले सेमेस्टर में परीक्षा के रद्द हो जाने से चूक गए थे। परीक्षा को लेकर कॉलेजों में बने असमंजस के माहौल से विपरीत परीक्षा विभाग लगातार यही दोहराता रहा कि परीक्षा का आयोजन सफलतापूर्वक हुआ है। किसी भी कॉलेज से लिखित तौर पर कोई परेशानी की सूचना नहीं मिली। हालांकि जिस तरह से कॉलेज में इस परीक्षा को लेकर छात्रों को परेशान होना पड़ा उसे देखकर इसे फ्लाप शो कहना गलत न होगा। गौरतलब है कि रविवार तक इसके परीक्षा कार्यक्रम को लेकर स्थिति साफ नहीं होने से छात्र परेशान थे।

दरअसल, एनवायरमेंटल स्टडीज की परीक्षा को लेकर रविवार देर रात तक स्थिति स्पष्ट न होने के चलते छात्र परेशान थे। बीएससी प्रोग्राम व बीएससी ऑनर्स पाठ्यक्रमों के लिए होने वाली इस क्वालिफाइंग परीक्षा के तहत प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राएं हैरान परेशान थे। वजह, मिरांडा हाउस में परीक्षा आयोजित न करने की घोषणा कर दिया जाना थी। रामजस कॉलेज के परीक्षा अधीक्षक डॉ.तनवीर एजाज ने बताया कि सोमवार सुबह उन्हें प्रिंसिपल कार्यालय से निर्देश मिला का परीक्षा का आयोजन द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए है और प्रथम वर्ष के छात्रों को अगले साल यह परीक्षा देनी होगी। डॉ.एजाज ने बताया कि स्थिति स्पष्ट न होने के चलते भारी संख्या में परीक्षा देने पहुंचे प्रथम वर्ष के छात्रों को बैरंग लौटा दिया गया।


इसी तरह मिरांडा हाउस कॉलेज में किसी भी वर्ष के लिए यह परीक्षा आयोजित नहीं की गई। दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.एस के गर्ग से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके कॉलेज में एनवायरमेंटल स्टडीज को लेकर पहले ही स्थिति स्पष्ट थी। हमारे कॉलेज में पांच दिसंबर को हुई परीक्षा में द्वितीय वर्ष के छात्र बैठे थे। उन्होंने बताया कि निर्धारित व्यवस्था के तहत इस साल दाखिला पाने वाले छात्रों को भी अगले सत्र में यह परीक्षा देनी होगी। परीक्षा विभाग के आलाधिकारियों की मानें तो सभी छात्रों को एडमिट कॉर्ड के साथ डेटशीट सौंप दी गई थी, इसलिए जिनके लिए परीक्षा थी, उन्होंने उसमें हिस्सा लिया। 

परीक्षा विभाग की मानें तो परीक्षा को लेकर किसी तरह की परेशानी की सूचना देर रात तक उन्हें नहीं मिली(दैनिक भास्कर,नई दिल्ली,6.12.11)।

राजस्थानःग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती परीक्षा में पहली बार शामिल होंगे 33 हजार 500 अभ्यर्थी

Posted: 06 Dec 2011 12:15 AM PST

ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती परीक्षा। शामिल होंगे 33 हजार 500 अभ्यर्थी। इससे पहले इतने विद्यार्थी किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं। यह जितनी बड़ी परीक्षा है, उतनी ही बड़ी तैयारी की जरूरत।

कुल 5040 घंटे की पढ़ाई के बाद कहीं जाकर ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल होने की संभावना बनती है। सीकर में छात्रावास में रहकर दिनरात तैयारी कर रहे रतनगढ़ के छात्र वेदप्रकाश जांगिड़ तो इसे आरएएस से भी बड़ी परीक्षा मानते हैं।

वे हर दिन 10 घंटे तक पढ़ाई के जरिए अंग्रेजी और सामाजिक ज्ञान की तैयारी में जुटे हैं। सुबह चार बजे उठकर तैयारी में लगते हैं। सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, हिंदी, गणित तथा अंग्रेजी पदों के लिए यह भर्ती होगी। करीब 12365 पदों के लिए हो रही भर्ती परीक्षा में अकेले सीकर जिले से तीन गुना अभ्यर्थी शामिल होना बेहद मायने रखता है।


आरपीएससी 2008 की परीक्षा पिछले साल हुई थी। जिसमें 13750 अभ्यर्थी शामिल हुए। अब तक की बड़ी परीक्षा मानी गई टेट में भी 33 हजार 400 ही पंजीकृत थे और 95 केंद्रों पर परीक्षा आसानी से हो गई थी। जबकि सात दिसंबर से शुरू होने वाली परीक्षा में 106 केंद्रों पर साढ़े 33 हजार अभ्यर्थी बैठेंगे। 

अब तक आरपीएससी के जरिए दो बार ग्रेड थर्ड की भर्ती हुई है। वर्ष 2005 में 41 हजार पदों के लिए भर्ती की गई थी, जिसके जरिए 36 हजार पद भरे गए थे। इसके बाद वर्ष 2007 में 33 हजार पदों के लिए हुई परीक्षा के जरिए 30 हजार फार्म भरे गए थे। जबकि हम यहां अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं जिनमें आरपीईटी, सीए, बैंक जैसी परीक्षाओं के आंकड़े तो यह आंकड़ा छह हजार पर पहुंचता है। 

-एक्सपर्ट द्वारा तैयार सामान्य ज्ञान का मॉडल पेपर

हजारों घंटों की कड़ी मेहनत के बाद होता है सलेक्शन

ग्रेड सैकंड शिक्षक बनने का सपना पूरा करना इतना आसान नहीं है। इसके लिए जरूरी है करीब 5040 घंटों की तैयारी।

पीटीईटी : 1200 घंटे 

करीब चार महीने की लगातार तैयारी, जिसमें शामिल होते हैं दिन के दस घंटे।

बीएड : 1540 घंटे
एक साल की बीएड पीरियड। 180 दिन के पीरियड, जिनमें होती है आठ घंटे की पढ़ाई। इसके बाद घर पर दो महीने की तैयारी, जिसमें होती है करीब दस घंटे की ताबड़तोड़ तैयारी।

ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती परीक्षा : 1800 घंटे

कोचिंग में करीब छह महीने की तैयारी। जिसमें करीब दस घंटे तक कोचिंग और घर की तैयारी के शामिल होते हैं।

(कोचिंग एक्सपर्ट्स और बीएड कॉलेज प्राचार्यो से बातचीत के आधार पर)

15 हजार विद्यार्थी, 20 कोचिंग, नौ करोड़ रुपए

सीकर शहर में इन दिनों 15 हजार विद्यार्थी कोचिंग संस्थानों के जरिए तैयारी कर रहे हैं। 20 छोटे-बड़े कोचिंग संस्थान है। तीन महीने की कोचिंग का कुल कारोबार करीब नौ करोड़ तक पहुंच जाता है। चूंकी कोचिंग संस्थान पांच से आठ हजार रुपए प्रति विद्यार्थी वसूलते हैं।
ग्रेड सैकंड अब तक की बड़ी परीक्षा क्यों?

आरटेट : अभ्यर्थी-33 हजार 400 केंद्र : 95

आरपीईटी : अभ्यर्थी : 5000

सीए : अभ्यर्थी : 1000 केंद्र : 01

बैंक : 700
आईआईटी की तैयारी : 6,000

ग्रेड सैकंड शिक्षक : अभ्यर्थी-33,500 केंद्र : 106

"शिक्षक बनना अब आसान नहीं रहा है। पांच हजार घंटे से अधिक की पढ़ाई किसी भी परीक्षा में नहीं होती है। बात आरएसएस एग्जाम की हो या फिर बैंक भर्ती की। शिक्षक बनने के लिए कई स्टेज पार करने पड़ते हैं जो अन्य किसी परीक्षा में नहीं है। जाहिर है, इसमें भी प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। सबकुछ पहले की तरह आसान नहीं है।"

ओपी बंसिया, रिटायर्ड प्राचार्य
(दैनिक भास्कर,सीकर,6.12.11)

यूपीःशिक्षक पा सकेंगे मनचाहा तबादला

Posted: 06 Dec 2011 12:50 AM PST

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री मायावती ने प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को भी लुभाने की कोशिश की है। उन्होंने शिक्षकों विशेषकर महिलाओं को उनके मन चाहे जनपद में तैनाती व इस सम्बंध में उनके स्थानांतरण के आदेश जारी किए हैं। उनके इस निर्देश के बाद एक तरफ जहां अपने स्थानांतरण को लेकर सम्बंधित विभागों के चक्कर लगाने वाले शिक्षकों की परेशानियां दूर हो जाएंगी, वहीं दूसरी ओर आसानी से उनका स्थानांतरण हो सकेगा।


मायावती ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन कार्यरत प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों, विशेषकर महिलाओं का एक जनपद से दूसरे जनपद में स्थानानंतरण करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के बाद प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को उनके द्वारा दिए गए विकल्प के अनुसार जनपदों में तैनाती होगी, जिससे भारी संख्या में महिला शिक्षकों को राहत मिलेगी।

इस निर्णय के बाद शिक्षकों का एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण वरीयताक्रम के आधार पर विचार किया जाएगा। वर्तमान में बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी अपने गृह जनपद या भिन्न जनपदों में कार्यरत हैं। महिला तथा पुरूष अभ्यथिर्यों ने बड़ी संख्या में बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में पहले ही आवेदन कर चुके हैं।

अभी तक एक जनपद से दूसरे जनपद में स्थानांतरण हेतु शिक्षकों द्वारा आवेदन करने पर इसकी व्यवस्था थी लेकिन शिक्षकों की अत्यधिक कमी की वजह से ऐसा सम्भव नहीं हो पाता था, जिसके कारण अनेक महिला शिक्षिका अपने गृह जनपदों में तैनात नहीं हो पाती थी। शिक्षकों को अपना स्थानांतरण सम्बंधी आवेदन पत्र 31 दिसम्बर 2011 तक सम्बंधित विभाग में जमा करना होगा।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री मायावती ने शिक्षकों विशेषकर महिलाओं को उनके मन चाहे जनपद में तैनाती व इस सम्बंध में उनके स्थानांतरण सम्बंधी कठिनाईयों के मददेनजर यह फैसला किया है। मायावती के इस फैसले के बाद अब शिक्षकों द्वारा अपने स्थानांतरण के लिए वर्ष भर किए जाने वाले भागदौड़ से मुक्ति मिलेगी।

वर्ष 1999 में लगभग 23000, वर्ष 2004-05 में लगभग 39000 तथा वर्ष 2007 से लेकर अब तक कुल 76,000 अभ्यर्थियों का चयन किया गया तथा प्रशिक्षण के बाद सहायक शिक्षकों के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई।

गौरतलब है कि 31 दिसम्बर 2011 से पूर्व लगभग 72,825 शिक्षकों की नई तैनाती की जा रही है, जिन्होंने हाल ही में टीईटी परीक्षा पास की है। इन शिक्षकों की तैनाती के परिणामस्वरूप जहां एक ओर शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं दूसरी ओर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने से शिक्षकों को लाभ मिलेगा(दैनिक भास्कर,लखनऊ,4.12.11)।
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Palash Biswas
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http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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