Tuesday, December 13, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/12/13
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


उत्तराखंडःसंविदा प्रवक्ताओं को लगा झटका

Posted: 12 Dec 2011 03:30 AM PST

राज्य के राजकीय डिग्री कॉलेजों में वर्षो से संविदा प्रवक्ताओं के रूप में काम कर रहे शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देने का मामला पहले ही लटका हुआ था, अब आयु में छूट भी मिली तो भी शायद ही कोई संविदा प्रवक्ता नियमावली के तहत आवेदन कर पाए। डिग्री कॉलेजों में प्रवक्ताओं की नियुक्ति के लिए शासन ने जो नियमावली राज्य लोक सेवा आयोग को भेजी है, उसके तहत केवल नेट व यूजीसी रेगुलेशन एक्ट-09 के तहत पीएचडी करने वाले ही अर्ह होंगे। ऐसे में संविदा प्रवक्ता अगर पुराने मानकों के तहत की गई पीएचडी के आधार पर आवेदन करते हैं भी तो वे स्वत: ही रद्द हो जाएंगे। राज्य के पीएचडी धारकों के साथ ही नियमित होने का ख्वाब देख रहे संविदा प्रवक्ताओं को भी शासन ने करारा झटका दे दिया है। राज्य के राजकीय डिग्री कॉलेजों में लगभग 550 संविदा प्रवक्ता तैनात है। दो माह से ये तमाम प्रवक्ता तदर्थीकरण की मांग को लेकर सड़कों पर थे। राज्य सरकार ने इस मामले में संविदा प्रवक्ताओं को आयु में छूट देने की बात कही थी, लेकिन अब राज्य लोक सेवा ने नियक्ति के लिए जो मानक जारी किए हैं, उनके अनुसार शायद ही कोई संविदा प्रवक्ता आवेदन कर सके। शासन द्वारा आयोग को भेजे गए नियमों के तहत केवल नेट क्वालीफाई अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते हैं, हालांकि यूजीसी रेगुलेशन अधिनियम-09 के तहत पीएचडी करने वालों को छूट दी गई है। सवाल वही है कि वर्षो से डिग्री कॉलेजों में पढ़ा रहे अधिकांश संविदा प्रवक्ता नेट पास नहीं हैं और उनकी पीएचडी भी पुराने मानकों के अनुसार है। ऐसे में आयु में छूट किस काम की। बात तदर्थीकरण की करें तो उस पर ही यही नियमावली लागू होगी। स्पष्ट है कि पुराने मानकों पर पीएचडी मान्य नहीं होगी और तदर्थीकरण का ख्वाब अधूरा ही रहेगा। इस मामले में राजकीय महाविद्यालय संविदा प्रवक्ता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डीसी बेबनी का कहना है कि राज्य सरकार उनके साथ ही नहीं राज्य के युवाओं के साथ भी छलावा कर रही है। अन्य राज्य जहां 2009 तक पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को अर्ह मान रहे हैं, वहीं उत्तराखंड में शासनादेश होने के बाद इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस छलावे का जवाब राज्य के युवा व संविदा प्रवक्ता सरकार को देंगे। उधर, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. डीपी जोशी पहले ही कह चुके हैं कि नियम उत्तराखंड शासन ने तय किए हैं, आयोग इनके अनुसार ही नियुक्ति करेगा(दैनिक जागरण,देहरादून,12.12.11)।

सभी विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठाएगा राजस्थान बोर्ड !

Posted: 12 Dec 2011 03:26 AM PST

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ऑन लाइन आवेदन से वंचित रहे परीक्षार्थियों का शुल्क जमा करने का निर्णय किया है। इन परीक्षार्थियों को बोर्ड की ओर से पेनल्टी व परीक्षा शुल्क जमा कराने के लिए सूचित किया जाएगा। बोर्ड एक सप्ताह का समय इन परीक्षार्थियों को देगा।

बोर्ड सचिव मिरजूराम शर्मा ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से बोर्ड को पेनल्टी शुल्क के साथ परीक्षा आवेदन पत्र जमा कराने के लिए 400 से अधिक परीक्षार्थियों ने आवेदन किए। बोर्ड की उच्चस्तरीय समिति ने इन सभी परीक्षार्थियों का पेनल्टी सहित शुल्क जमा करने का निर्णय किया है।


बोर्ड को प्राप्त हुए आवेदन पत्रों के अनुसार सभी परीक्षार्थियों को शुल्क जमा करने के लिए सूचित किया जाएगा। शुल्क जमा कराने के लिए उन्हें एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। शुल्क बैंक ड्राफ्ट के द्वारा ही जमा किया जाएगा। 

गौरतलब है कि बोर्ड ने इस बार सभी परीक्षाओं के आवेदन पत्र ऑन लाइन जमा किए हैं। ऑन लाइन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश में जारी विद्युत कटौती के चलते प्रदेश के विभिन्न जिलों में अनेक परीक्षार्थी आवेदन पत्र जमा नहीं कर सके थे। बोर्ड ने छात्र हित में ही यह निर्णय किया है।पेनल्टी राशि भी स्कूल प्रबंधन को जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं(दैनिक भास्कर,अजमेर,12.12.11)।

बीई, मैनेजमेंट व अन्य टेक्निकल कॉलेजों की जानकारी ऑनलाईन करने का निर्णय

Posted: 12 Dec 2011 02:36 AM PST

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने बीई, मैनेजमेंट व अन्य टेक्निकल कोर्सेस संचालित कर रहे कॉलेजों की सारी जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालने का निर्णय लिया है।

इससे छात्रों के पास शैक्षणिक सत्र 2012-13 में प्रवेश लेने से पहले संबंधित कॉलेज में उपलब्ध फैकल्टी, रिसर्च सुविधा, लाइब्रेरी, प्लेसमेंट व अन्य जानकारी सामने रहेगी। साथ ही काउंसिल द्वारा कॉलेजों से मांगे जा रहे ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है।


इसके अनुसार आवेदन में फैकल्टी, जमीन की आवश्यकता या अन्य किसी मानक में कमी होने पर कॉलेज का आवेदन स्वीकार ही नहीं होगा। इसलिए कॉलेज संचालकों को भी अनिवार्य हो गया है कि उन्हें कॉलेज की मान्यता लेने के लिए कमियां दूर करनी ही होगी। कॉलेज संचालकों को 31 दिसंबर तक आवेदन ऑनलाइन भरने के साथ ही हार्डकॉपी में भी काउंसिल के दिल्ली स्थित ऑफिस में आवेदन पहुंचाना है। 

गुणवत्ता के लिए है यह सब-24 नवंबर को भोपाल में नए सॉफ्टेवयर की जानकारी के लिए वर्कशॉप हुई थी। इसमें एआईसीटीई के चेयरमैन डॉ. एसएस मंथा ने कहा था यह गुणवत्ता व पारदर्शिता के लिए किया जा रहा है।

इससे एक सिस्टम काम करेगा और कोई शिकायत नहीं रहेगी। आईपीएस एकेडमी के मैनेजमेंट कोर्स के डायरेक्टर डॉ. विवेक कुशवाहा ने कहा काउंसिल के इस कदम से गुणवत्ता पर काफी नियंत्रण होगा। छात्रों के पास प्रवेश से पहले सारी जानकारी होने से वह कॉलेज का चयन सोचकर करेंगे। मैनेजमेंट के वरिष्ठ प्रोफेसर पीके गुप्ता ने कहा नए बदलाव से कॉलेजों के पास अब गुणवत्ता प्रबंधन के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है।

एआईसीटीई ने यह किए बदलाव

- छात्रों को कॉलेज में फैकल्टी की गुणवत्ता व संख्या, कॉलेज का पूरा नक्शा व अन्य सभी जानकारी मिल जाएगी

- कॉलेज में फैकल्टी को मिल रहे वेतन व अन्य सुविधाओं के आधार पर ही काउंसिल कॉलेजों को फीस व सीट बढ़ाने की मंजूरी देगी

- गत वर्ष काउंसिल ने ऑनलाइन आवेदन मांगने की शुरुआत की थी लेकिन इनमें कमियां होने पर भी आवेदन मंजूर हो जाते थे 

- फैकल्टी की संख्या व नाम, छात्रों की पूरी जानकारी, जमीन का लेआउट आदि सभी कुछ ऑनलाइन देना है 

- फॉर्म मंजूर नहीं होने पर कॉलेज संचालक के पास दिल्ली ऑफिस जाकर अपनी सफाई देने व काउंसिल को मनाने का एक अंतिम अवसर रहेगा 

- नए परिवर्तन से कॉलेज को भी सामने दिख जाएगा कि उसे फैकल्टी, जमीन या अन्य किस मानक में कमी आ रही है, इसे वह समय रहते दूर कर सकता है।

डिजिटल लाइब्रेरी भी जरूरी 

एआईसीटीई ने सभी कॉलेजों में रिसर्च बढ़ाने के उद्देश्य से डिजिटल लाइब्रेरी भी अनिवार्य कर दी है। कॉलेज संचालक को 31 दिसंबर तक लाइब्रेरी स्थापित कर ई-जनरल्स लेने होंगे(संजय गुप्ता,दैनिक भास्कर,इन्दौर,12.12.11)।

महाराष्ट्रःसाल में दो बार होगा स्कूलों का सर्वेक्षण

Posted: 12 Dec 2011 02:32 AM PST

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और उसका स्तर सुधारने के मकसद से राज्य सरकार अब स्कूलों का साल में दो बार सर्वे कराएगी। इसके अलावा प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के तबादले की सरकारी नीति में बदलाव करने के जानकारी ग्राम विकास मंत्री जयंत पाटील ने दी है।


कुछ महीने पहले राज्यभर में कराये गए स्कूलों के सर्वेक्षण में सफलता हाथ लगी। कई स्कूल फर्जी पाये गए या फर्जी छात्रों के नाम पर सरकारी अनुदान बटोरे जा रहे थे। हाल में रत्नागिरी में आयोजित शिक्षकों के अधिवेशन में श्री पाटील ने स्कूलों का सर्वे साल में दो बार कराने की जानकारी दी। इसे लेकर शिक्षा संस्थानों में हलचल देखी जा रही है। श्री पाटील ने कहा कि यह जांच 200 क्रमांक की होगी। 

नंबरों के अधार पर स्कूलों का दर्जा तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के तबादले को लेकर अक्सर शिकायतें रहती हैं। लिहाजा तबादले नीति में थोड़ा सा बदलाव किया जाएगा ताकि शिकायतों को दूर किया जा सके। इससे पहले शिक्षकों ने अपनी विभिन्न 20 मांगों का ब्यौरा पेश किया था। शिक्षकों के सम्मेलन में ग्राम विकास राज्यमंत्री सतेज पाटील और नगर विकास राज्यमंत्री भास्कर जाधव आदि मौजूद थे(दैनिक भास्कर,मुंबई,12.12.11)।

हिमाचलःबीपीएड के नाम पर लाखों की ठगी

Posted: 12 Dec 2011 02:31 AM PST

पांवटा साहिब में एक साल से चल रहे एक कोचिंग सेंटर संचालकों ने पांवटा और शिलाई के करीब दो दर्जन से अधिक युवक-युवतियों से बेचलर ऑफ फिजिकल एजूकेशन बीपीएड का डिप्लोमा कराने के नाम पर लाखों ठग लिए हैं। मामला पुलिस में पहुंचने के बाद संचालक रातों रात बोरिया-बिस्तर समेट कर फरार हो गए हैं। इस कोचिंग सेंटर को एक स्थानीय व शिमला जिले का युवक चलाता था।


शिलाई और पांवटा के अरुण कुमार, आशा देवी, संतोष, कुलदीप, ध्यान सिंह, संदीप और कल्याण सिंह ने शिकायत में बताया कि पांवटा के बांगरन रोड पर स्थित मां रेणुका कोचिंग सेंटर के संचालकों ने बीपीएड कराने के लिए पिछले दिनों इश्तहार दिए और कोचिंग सेंटर में बुलाया गया। राजकीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय नागपुर से बीपीएड कराने का वादा किया। इसके लिए 15 हजार रुपए फीस, दसवीं और जमा दो की असली अंकतालिका और कागजात जमा कराने को कहा। इसके बाद शिलाई और पांवटा के करीब दो दर्जन से अधिक युवक-युवतियों ने फीस और कागजात जमा कर दिए।

संचालकों ने कहा कि उनकी फीस व कागजात जमा हो गए हैं। ओरिजनल कागजात वापस किए जाएंगे। अब केवल उनको परीक्षा देने वहां जाना है। जब वे परीक्षा देने कोचिंग सेंटर में तो वहां पर कोई नहीं था। संचालक बोरिया बिस्तर लेकर फरार हो गए।

मामला दर्ज कर लिया है। कोचिंग सेंटर कार्यालय में पुलिस गई थी। मगर वहां पर कोई नहीं मिला। अब संचालकों के मोबाइल नंबरों के माध्यम से उनका पता किया जा रहा है।

निश्चित सिंह नेगी, डीएसपी(दैनिक भास्कर,12.12.11)

पंजाब सरकार की करनी से छात्रवृत्ति रूकी

Posted: 12 Dec 2011 02:29 AM PST

पंजाब सरकार की ओर से यूटिलाइज सर्टिफिकेट उपलब्ध न कराने के चलते केंद्र सरकार ने साल 2011-12 के लिए जरूरतमंद छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप पर अस्थाई रोक लगा दी है। इसके चलते इन स्टूडेंट्स के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।


केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले विभाग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिए केंद्र ने पंजाब सरकार को तीन लाख छात्रों के लिए 40 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप राशि भेजी थी। केंद्र की ओर से यह राशि प्रदेश सरकार के खाते में ट्रांसफर होने के बावजूद बांटी नहीं गई। इसलिए सरकार की ओर से केंद्र को इस राशि का यूटिलाइज सर्टिफिकेट नहीं भेजा गया। 

इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए 2.37 लाख छात्रों को बांटी जाने वाली करीब इतनी ही राशि पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है। नतीजतन जरूरतमंद छात्रों को आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा प्राप्त करने में दिक्कत झेलनी पड़ रही है। अल्पसंख्यक स्टेयरिंग कमेटी ऑफ एंपावरमेंट के सदस्य और 84 दंगों के केस की पैरवी कर रहे एचएस फूलका ने सीएम परकाश सिंह बादल को पत्र लिखकर केंद्र सरकार को तुरंत यूटिलाइज सर्टिफिकेट भेजने की अपील की है(दैनिक भास्कर,अमृतसर,12.12.11)।

उज्जैनः50 देशों के 5500 प्रतियोगियों को पछाड़ 'पलक' बनी विश्व विजेता

Posted: 12 Dec 2011 02:28 AM PST

उज्जैन की राजस्व कॉलोनी में रहने वाली पलक ने 4 दिसंबर को विश्व चैंपियनशिप में 50 देशों के 5500 के करीब प्रतिस्पर्धियों को मात देकर विश्व विजेता का गौरव हासिल किया।

पलक ने बताया जुलाई में राष्ट्रीय चैंपियन का खिताब मिलने के बाद ही आत्मविश्वास से भर गई थी कि विश्व विजेता भी बनूंगी। यही हुआ भी। ट्रॉफी हाथों में आई तो यूं लगा कि बादलों में परी की तरह उड़ रही हूं, जिसका हर सपना पूरा हो रहा है। जीत की खुशियां मम्मी-पापा के साथ मलेशिया व सिंगापुर का भ्रमण कर मनाई। घर आने के बाद से लगातार मुझे व मम्मी-पापा को मोबाइल से बधाई संदेश मिल रहे हैं।

सात मिनट में हल किए 200 सवाल : यूसीमास (युनिवर्सल कंसेप्ट मेंटल अर्थमेटिक सिस्टम) द्वारा आयोजित मेंटल मैथ्स विश्व चैंपियनशिप में पलक ने जोड़, घटाव, भाग, गुणा के 200 सवाल 7 मिनट में हल कर विजेता का खिताब पाया। इन सवालों को हल करने के लिए 8 मिनट का समय निर्धारित था।



शहर की शान पलक :

हाफ कॉलम

नाम : पलक मकवाणा

शिक्षा : सेंट मेरी स्कूल में चौथी की छात्रा

पिता : प्रो. सुरेश मकवाणा, माधव कॉलेज

माता : शिल्पा मकवाणा, गृहिणी

शौक : किताबें पढ़ना और क्लासिकल नृत्य

लक्ष्य : साइंटिस्ट बनना

इनका कहना-

पलक ने जो विश्व कीर्तिमान रचा है इससे समाज में मैसेज जाता है कि वाकई प्रतिभा की उम्र छोटी हो चली है। बच्चों पर भरोसा कर बेहतर प्लेटफार्म मुहैया कराया जाए तो वे एक से बढकर एक कीर्तिमान रचते रहेंगे।

-वरुण गुप्ता, शिक्षाविद्(दैनिक भास्कर,उज्जैन-भोपाल,12.12.11)

राजीव गांधी प्राद्योगिकी विश्र्वविद्यालयःजनवरी में होगी पीएचडी परीक्षा

Posted: 12 Dec 2011 02:24 AM PST

राजीव गांधी प्राद्योगिकी विश्र्वविद्यालय से पीएचडी करने करीब ढाई सौ आवेदकों ने आवेदन किया हैं। इनकी चयन परीक्षा जनवरी के दूसरे सप्ताह में आयोजित होगी। वहीं 2011 में परीक्षा देने वाले आवेदक एक जनवरी से अपने कोर्स वर्क पर कार्य शुरू कर सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 2009 की नई गाइड लाइन के तहत आरजीपीवी पीएचडी करा रहा है। इसके चलते वर्तमान सत्र में पीएचडी करने करीब 241 आवेदकों ने चयन परीक्षा में शामिल होने आवेदन किया है। आरजीपीवी इनकी परीक्षा जनवरी के दूसरे सप्ताह में लेगा। वहीं पिछले साल हुई परीक्षा में 200 से ज्यादा आवेदक शामिल हुए थे, जिनमें महज 100 आवेदक कोर्स वर्क तक पहुंच पाए हैं। एक साल तक चलने वाला यह कोर्स वर्क एक जनवरी से शुरू होगा। इसमें आवेदक के गाइडछात्रों की तैयारियां कराएंगे, जिसके आधार पर हर छह माह में दो टेस्ट लिए जाएंगे। इसमें उन्हें अंक भी दिए जाएंगे, जिन्हें रिसर्च डिग्री समिति आरडीसी में रखा जाएगा। इसके बाद वह पीएचडी के लिए पंजीकृत होंगे(दैनिक जागरण,भोपाल,12.12.11)।

दिल्ली के स्कूलों में लागू रहेंगे दो तरह के शिक्षा कानून

Posted: 12 Dec 2011 01:51 AM PST

राजधानी के सभी स्कूलों में दो तरह के शिक्षा के कानून लागू रहेंगे। इनमें से एक दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट- 73(डीएसईएआर) व दूसरा राइट टू एजुकेशन एक्ट-2009 होगा। स्कूलों में राइट टू एजुकेशन एक्ट पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक लागू रहेगा। जबकि 9वीं से 12वीं तक स्कूलों में डीएसईएआर लागू रहेगा। शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी के अनुसार दिल्ली में यदि स्कूलों को इसे लेकर कोई भ्रम है तो वह इसे दूर कर लें। अधिकारी के अनुसार यदि दोनों ही कानून के नियम कहीं आपस में टकरा रहे हैं या कोई इससे संबंधित अन्य बात स्कूलों की तरफ से निदेशालय की जानकारी में लाया जाता है, तो इस पर निदेशालय अपना स्पष्टीकरण देगा। राजधानी में दो तरह के शिक्षा के कानून को लेकर स्कूलों में भ्रम की स्थिति है। सोशल जूरिस्ट संस्था के संयोजक अशोक अग्रवाल ने बताया कि डीएसईएआर के तहत दाखिले के वक्त प्रमाणपत्रों के न होने पर हलफनामा लेने की बात कही गई है। जबकि राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत 8वीं तक के दाखिले में किसी तरह का हलफनामा लेने से मना किया गया है। इसी प्रकार, डीएसईएआर में दाखिले 31 अगस्त तक करने का नियम है, जबकि आरटीई में सारे साल दाखिले का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा डीएसईएआर में 14 साल तक की आयु के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का नियम बनाया गया है। जबकि आरटीई में 6 से 14 साल तक की आयु के विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा देने की बात कही गई है। इसी प्रकार, सहायता प्राप्त स्कूलों में डीएसईएआर के नियमानुसार 12वीं तक के स्कूल के लिए प्रबंध समिति के गठन का प्रावधान है। जबकि आरटीई में 8वीं कक्षा तक के स्कूल में प्रबंध समिति के गठन का प्रावधान है। पीतमपुरा स्थित एमएम पब्लिक स्कूल के निदेशक सोमेश पाठक ने कहा कि निदेशालय द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि दिल्ली में कौन सा कानून लागू रहेगा। दो तरह के अलग-अलग कानून के लागू होने से भ्रम की स्थिति बनी रहती है। दोनों कानून के नियम कुछ जगहों पर आपस में टकरा रहे हैं। स्कूल की प्राचार्यरूमा पाठक ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा के कानून को लेकर काफी असमंजस की स्थिति है कि वर्तमान में शिक्षा का कौन का कानून चल रहा है। यदि दोनों कानून चल रहे हैं तो इसके बारे में निदेशालय को कोई स्पष्टीकरण देना चाहिए। सोशल जूरिस्ट संस्था के संयोजक अशोक अग्रवाल ने कहा कि सरकार को पहली से बारहवीं कक्षा तक के लिए एक ही कानून लागू करना चाहिए। पूरा स्कूल एजुकेशन निशुल्क होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो बच्चा 8वीं तक फीस नहीं दे सकता है, वह 9वीं में फीस देने के लिए कहां से रुपये लाएगा। नेशनल स्कूल प्रोग्रेसिव कान्फ्रेंस के चेयरमैन एलवी सहगल ने कहा कि निदेशालय को शिक्षा के दो कानूनों को लेकर असमंजस दूर करते हुए स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए(राकेश नाथ,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,12.12.11)।

हरियाणाःपंचायत सदस्यों का मानदेय बढ़ा

Posted: 12 Dec 2011 01:58 AM PST

प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों का मानदेय बढ़ा दिया है। सफाई कर्मचारियों का मासिक पारिश्रमिक 4348 रुपये से बढ़ाकर 4848 रुपये कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी पहली नवंबर 2011 से लागू होगी। विकास एवं पंचायत विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को क्रमश: 6000 रुपये और 4500 रुपये के बजाए अब क्रमश: 7500 रुपये और 6000 रुपये का मासिक मानदेय मिलेगा। पंचायत समिति के अध्यक्ष को 4500 रुपये के बजाए 6000 रुपये मिलेंगे तथा जिला परिषद के सदस्यों क ो 2000 रुपये के स्थान पर 2500 रुपये मिलेंगे। पंचायत समिति के उपाध्यक्ष का मासिक मानदेय 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये किया गया है तथा पंचायत समिति के सदस्य का मानदेय 1000 रुपये से बढ़ाकर 1250 रुपये किया गया है। ग्राम पंचायतों के सरपंचों और पंचों का मासिक मानदेय क्रमश: 1500 रुपये और 400 रुपये के बजाए अब क्रमश: 2000 रुपये और 600 रुपये मिलेगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा ग्रामीण विकास निधि को छोड़कर सभी योजनाओं के तहत करवाए जाने वाले कार्याे के लिए प्रशासनिक स्वीकृति ग्राम पंचायतों द्वारा दी जाएगी। पंचायत समितियों और जिला परिषदों द्वारा स्वयं या आवंटित कोष से करवाए जाने वाले कार्यो के लिए प्रशासनिक स्वीकृति उन्हीं द्वारा दी जाएगी। 10 लाख रुपये तक के विकास कार्य ग्राम पंचायत स्वयं करा सकती है या अपनी इच्छा से पंचायती राज अभियांत्रिकी शाखा को सौंप सकती है। 10 लाख रुपये से अधिक के कार्यों के लिए ग्राम पंचायत पंचायती राज अभियांत्रिकी शाखा के माध्यम से करवाएगी, जिसे विभागीय तौर पर या निविदा प्रणाली पर आधारित अनुबंधित एजेंसी के माध्यम से कराएगी(दैनिक जागरण,चंडीगढ़,12.12.11)।

हरियाणाःगेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति पर सरकार से मांगा जवाब

Posted: 12 Dec 2011 01:32 AM PST

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट नेशिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, उच्चतर शिक्षा निदेशक व हरियाणा लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने यह नोटिस राज्य के कॉलेजों में लेक्चरर के रिक्त सभी पद तुरंत भरने और इन पर गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति न करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। सिरसा निवासी राकेश कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील जगबीर मलिक ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश के कॉलेजों में इस समय लगभग 500 से ज्यादा गेस्ट लेक्चरर कार्यरत हैं। जो 2007 से सरकार द्वारा निर्धारित पदों पर काम कर रहे हैं। उस समय सरकार ने नीति के तहत कॉलेजों के प्रमुखों को निर्देश जारी कर गेस्ट लेक्चरर लगाने की इजाजत थी। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि गेस्ट और ठेके पर किसी भी विभाग में कोई नियुक्ति अगर होती है तो वह छह माह से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसा भी किसी विशेष कारण पर ही हो सकता है। मलिक ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश सरकार इन गेस्ट लेक्चरर को नियमित करने की योजना बना रही है जबकि इनकी नियुक्ति बगैर किसी नियम व विज्ञापन प्रकाशन के कॉलेज के मुखिया द्वारा की गई है। यह एक तरह से बैकडोर इंट्री की जा रही है। मलिक ने कोर्ट को बताया कि इसी प्रकार स्कूलों के गेस्ट टीचरों के मामले में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट प्रदेश सरकार को फटकार लगा चुके हैं। हाई कोर्ट ने गेस्ट टीचर को नियमित करने पर रोक लगाते हुए 31 मार्च 2012 के बाद गेस्ट टीचर न रखने का आदेश देते हुए सरकार को उस समय तक नियमित नियुक्ति का आदेश दिया हुआ है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से मांग की कि वह इसी फैसले के आधार पर प्रदेश सरकार को आदेश दे कि राज्य के कॉलेजों में और गेस्ट लेक्चरर लगाने पर रोक लगाए व उनको हटाकर तय समय में नियमित नियुक्ति करे(दयानंद शर्मा,दैनिक जागरण,चंडीगढ़,12.12.11)।

दिल्ली में सरकारी स्कूलों की कमी

Posted: 12 Dec 2011 01:29 AM PST

दिल्ली में नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने वाली है लेकिन सरकारी स्कूलों में सीटों की कमी होना निश्चित ही चिंताजनक है। इन स्कूलों में सीटों की कमी के कारण जहां कई बच्चे दाखिला हासिल नहीं कर पाएंगे, वहीं कई अन्य के अभिभावकों को मजबूरीवश महंगे निजी स्कूलों का रुख करना पड़ेगा। विगत दस वर्षो में राजधानी में नर्सरी दाखिला बड़ी चुनौती बन गई है। हर साल बच्चों की संख्या में 30 से 40 हजार की बढ़ोतरी हो जाती है लेकिन सरकारी स्कूलों में नर्सरी के लिए मात्र 17 हजार सीटें ही हैं। सरकारी स्कूलों में सीटें कम होने का परिणाम यह है कि वर्ष 2009 में निजी स्कूलों की करीब दो लाख सीटों के लिए साढ़े चार लाख बच्चों ने आवेदन किया था, जबकि 2010 में इतनी सीटों के लिए पांच लाख आवेदन आए। पिछले एक दशक में निजी स्कूलों की संख्या में सौ फीसदी इजाफा हुआ है लेकिन सरकारी स्कूलों की संख्या दस फीसदी भी नहीं बढ़ी। मौजूदा समय में दिल्ली में सरकारी स्कूलों की संख्या 637 है, जिनमें सुबह और शाम की पालियों को मिलाकर कुल 925 स्कूल चलते हैं। पाली बढ़ाकर कक्षाओं की संख्या तो बढ़ा दी गई, लेकिन इमारतें सिर्फ 637 ही हैं। विगत दस वर्षो में दिल्ली में सिर्फ 50 सरकारी स्कूल बने हैं, जबकि वर्ष 2000 और 2001 में राजधानी में छोटे-बड़े मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या हजार से ग्यारह सौ थी जो अब बढ़कर 1950 हो गई है। राजधानी में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या करीब 1591 है। सरकारी स्कूलों में दो पालियां शुरू करने से कुछ राहत अवश्य मिली है, लेकिन इससे समस्या पूरी तरह हल नहीं हो सकी है। दिल्ली में हर साल नर्सरी दाखिला लेने वाले बच्चों की संख्या को देखते हुए सरकार व दिल्ली नगर निगम को विशेष योजना बनाकर प्राथमिकता के आधार पर नए स्कूल बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए ताकि अभिभावकों को अपने बच्चों के दाखिले के लिए निजी स्कूलों की ओर न देखना पड़े। स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने के साथ ही बच्चों को शिक्षा के लिए उचित माहौल मुहैया कराना भी आवश्यक है। इसके मद्देनजर सरकारी स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय इत्यादि की भी उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। स्थिति यह होनी चाहिए कि दिल्लीवासी निजी स्कूलों को विकल्प के तौर पर लें, उनमें बच्चों का दाखिला कराना उनकी मजबूरी न बने(संपादकीय,दैनिक जागरण,दिल्ली,12.12.11)।

छपरा में फिर नये इंजीनियरिंग कालेज की कवायद

Posted: 12 Dec 2011 01:27 AM PST

विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने एक बार फिर छपरा में सरकारी इंजीनियरिंग कालेज शुरू कराने की कवायद शुरू की है। पिछले वर्ष आल इंडिया काउंसिल आफ टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीइ) ने छपरा में इंजीनियरिंग कालेज शुरू किए जाने को ले निरीक्षण किया था पर भवन निर्माण विभाग द्वारा कालेज के नवनिर्मित भवन को विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग को नहीं सौंपे जाने की वजह से कालेज शुरू करने की अनुमति नहीं मिली थी। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग का कहना है कि अब भवन बनकर तैयार हो गया है। विभाग ने वहां कुछ अराजपत्रित कर्मियों को पदस्थापित भी कर दिया है। तय प्रावधान के अनुसार सभी इंजीनियरिंग कालेजों को हर वर्ष संबद्धता हासिल करने के लिए एआइसीटीइ की अनुमति जरूरी होती है। इस बाबत पहले एआइसीटीइ की टीम का निरीक्षण होता है। एआइसीटीइ से मंजूरी मिलने के बाद ही इंजीनियरिंग कालेज आरंभ होता है। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने इस बार एआइसीटीइ से संबद्धता के लिए जिन कालेजों की सूची तैयार की है उसमें छपरा इंजीनियरिंग कालेज को भी शामिल किया है। नये इंजीनियरिंग कालेजों में सिर्फ छपरा इंजीनियरिंग कालेज के नाम को सूची में शामिल किया गया है। शेष सभी नाम पुराने कालेजों के हैं। 31 दिसंबर तक कालेजों की यह सूची एआइसीटीइ को चली जानी है। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के स्तर पर तैयार हो रही सूची से यह स्पष्ट हो गया है अगले वर्ष भी छपरा को छोड़ अन्य जगहों पर सरकारी इंजीनियरिंग कालेज शुरू किए जाने का मामला फिलहाल अधर में है(दैनिक जागरण,पटना,12.12.11)।

बिहारःआज से मिलेंगे टीइटी प्रवेश पत्र

Posted: 12 Dec 2011 01:25 AM PST

शिक्षक पात्रता परीक्षा के परीक्षार्थियों के बीच सोमवार से प्रवेश पत्र वितरित किया जाएगा। प्रवेश पत्र उन्हीं केन्द्रों पर उपलब्ध होगा, जहां से परीक्षार्थियों ने फार्म लेकर उसे जमा किया था। वहीं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने शांतिपूर्ण एवं कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के लिए केन्द्राधीक्षकों को कार्य एवं दायित्व से पूरी तरह अवगत कराने का प्रयास किया है। इस संबंध में बोर्ड द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों सह जिला परीक्षा नियंत्रकों के माध्यम से विस्तृत दिशा-निर्देश केन्द्राधीक्षकों को जारी किया गया है। परीक्षा के दौरान केन्द्रों पर किसी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति पैदा न हो। इसे ध्यान में रखते हुए बोर्ड प्रशासन ने 40 परीक्षार्थियों पर एक वीक्षक को तैनात करने का आदेश दिया है ताकि परीक्षा को सुगमता से संचालन किया जा सके। साथ में बोर्ड ने यह हिदायत भी दी है कि किसी केन्द्र पर कदाचार पाये जाने पर जिला मुख्य परीक्षा नियंत्रक की अनुशंसा पर संबंधित केन्द्र की परीक्षा रद कर दी जाएगी। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. राजमणि प्रसाद सिंह के मुताबिक, परीक्षा व्यवस्था की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केन्द्राधीक्षक अपने केन्द्र पर वरीयता के आधार पर उप केन्द्राधीक्षक के रूप में वरीय सहायक शिक्षक की नियुक्ति करेंगे। उप केन्द्राधीक्षक केन्द्र पर स्थित बज्रगृह के प्रभारी से प्रत्येक पाली के लिए ओएमआर शीट प्राप्त करेंगे और वितरण सुनिश्चित करायेंगे। केन्द्राधीक्षक द्वारा सहायक केन्द्राधीक्षक की भी प्रतिनियुक्ति की जाएगी। 500 परीक्षार्थी पर दो सहायक केन्द्राधीक्षक : जिला शिक्षा पदाधिकारी सह मुख्य जिला परीक्षा नियंत्रक के सहयोग से केन्द्राधीक्षकों को शांतिपूर्ण परीक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित कराना अनिवार्य है। इसे ध्यान में रखते हुए 500 परीक्षार्थी वाले केन्द्र पर दो सहायक केन्द्राधीक्षक, 750 परीक्षार्थी वाले केन्द्र पर तीन सहायक केन्द्राधीक्षक और 1000 या इससे अधिक परीक्षार्थी वाले केन्द्र पर चार सहायक केन्द्राधीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। जारी निर्देश के अनुसार, सहायक केन्द्राधीक्षक परीक्षा में शामिल प्रत्येक पाली में 25 प्रतिशत परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र पर स्कैन फोटो से पहचान स्वयं करेंगे और वीक्षक द्वारा ओएमआर शीट पर किये गये हस्ताक्षर एवं परीक्षार्थी द्वारा ओएमआर की संख्या की सही जांच करेंगे। गलत सूचना भरने पर ओएमआर शीट को रद कर दिया जाएगा। ओएमआर शीट का प्रयोग: एक केन्द्र पर भेजी गई ओएमआर शीट का व्यवहार किसी अन्य केन्द्र पर नहीं होगा। केन्द्र की जवाबदेही केन्द्राधीक्षक की होगी। ओएमआर पर केन्द्र की मुहर तथा केन्द्राधीक्षक का हस्ताक्षर होना चाहिए(दैनिक जागरण,पटना,12.12.11)।

इलाहाबाद रेलवेःग्रुप डी के 3562 अभ्यर्थियों का वेरिफिकेशन जनवरी में

Posted: 12 Dec 2011 12:23 AM PST

ग्रुप डी के साल 2007 के 2968 पदों पर लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित करने के बाद उत्तर मध्य रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ अब वेरिफिकेशन की तैयारी में लगा है। परीक्षा में सफल 3562 अभ्यर्थियों का वेरिफिकेशन दो जनवरी 2012 से इलाहाबाद में शुरू होगा। इन पदों का विज्ञापन 29 नवंबर 2007 को निकलने के बाद फिजिकल परीक्षा में सफल 56153 अभ्यर्थियों में 33647 ने 16 अक्टूबर को लिखित परीक्षा दी। 30 नवंबर को परीक्षा परिणाम घोषित कर इनमें 3562 को सफल घोषित किया गया। दो जनवरी से शुरू होगा वेरिफिकेशन अभ्यर्थियों का वेरिफिकेशन दो जनवरी 2012 से खुसरोबाग डीएसए ग्राउंड में शुरू होगा। उनके शैक्षिक योग्यता के प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, फोटो, प्रवेश पत्र, हस्ताक्षर, हैंडराइटिंग को मिलाया जाएगा। प्रथम दिन दो जनवरी से लेकर 13 जनवरी तक प्रतिदिन 60-60 अभ्यर्थियों को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है। 14 व 15 जनवरी को अवकाश रहेगा फिर 16 जनवरी से चार फरवरी 2012 तक 160-160 अभ्यर्थी बुलाए गए है। बीच में 26 जनवरी व पांच फरवरी को अवकाश के बाद फिर छह फरवरी को 182 अभ्यर्थियों को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है। अभ्यर्थियों को वेरिफिकेशन के लिए डाक से सूचना भेजी जा रहीं है। इंडियन रेलवे डॉट एनसीआर डॉट इन पर भी अभ्यर्थी अपने अनुक्रमांक से वेरिफिकेशन की तारीख को देख सकते है(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,12.12.11)।

यूपीःमदरसों को विवि से संबद्ध करने का प्रस्ताव

Posted: 12 Dec 2011 12:21 AM PST

कांशीराम उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय ने शासन से गुजारिश की है कि प्रदेश में उर्दू, अरबी व फारसी में डिग्री या उससे उच्च स्तर की तालीम देने वाले सभी मदरसों को उससे संबद्ध किया जाए। शासन से यह भी अनुरोध किया गया है कि मदरसों को विश्वविद्यालय से संबद्ध करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिनियम में वांछित संशोधन कर दिया जाए। मदरसों को संबद्ध करने के लिए अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति अनीस अंसारी ने शासन को भेजा है। अरबी व फारसी की तालीम देने वाले मदरसों के शिक्षकों के संगठन की ओर से भी यह मांग की गई थी। इस संबंध में मदरसा शिक्षकों के संघ के प्रतिनिधियों की कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी से वार्ता भी हुई थी(दैनिक जागरण,लखनऊ,12.12.11)।

रेलकर्मियों के 10वीं फेल बच्चों को भी नौकरी

Posted: 12 Dec 2011 12:19 AM PST

अपनी जगह एक बच्चे को रेलवे में नौकरी देने के लिए कर्मचारियों के आगे अब उनके बच्चों की कम शिक्षा बाध्यता नहीं बनेगी। लिबरलाइज्ड एक्टिव रेलवे इम्पलाइज गारंटीड एम्प्लाइमेंट सेफ्टी स्कीम (लार्सजस योजना) में अब दसवीं उन बच्चों को भी नौकरी का मौका मिलेगा जो दसवीं फेल हैं या किसी वजह से कक्षा आठ के बाद पढ़ाई नहीं कर पाया है। रेलवे उनको नियमित ग्रेड और पे बैंड देने से पहले छह माह तक प्रशिक्षु के रूप में प्रशिक्षण देगा। रेलवे बोर्ड की संयुक्त सचिव अवस्थापना हर्षा दास ने नौ दिसंबर को सभी जोनल मुख्यालयों व उत्पादन इकाइयों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। लार्सजस योजना के तहत 1800 ग्रेड पे वाले संरक्षा कोटि के कर्मचारी खुद सेवानिवृत्ति लेकर अपने एक बच्चे को नौकरी दे सकते हैं। पहले इस योजना में दसवीं उत्तीर्ण होना और शारीरिक परीक्षा पास करना आवश्यक होता था। शारीरिक परीक्षा में 60 फीसदी अभ्यर्थी फेल हो जाते थे। गैंगमैन सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई कम होने से उनको मौका नहीं मिल रहा था। नार्दर्न रेलवे मेंस फेडरेशन ने पिछले माह चेन्नई में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद रेलवे ने शारीरिक परीक्षा देने की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी। नौ दिसंबर को लार्सजस योजना की भर्ती के लिए हाईस्कूल उत्तीर्ण की शर्त हटाने का आदेश भी दे दिया गया। नए आदेश के तहत लार्सजस योजना के तहत रेलवे कर्मचारियों के बच्चों को अब मृतक आश्रित व क्षतिपूर्ति कोटा की तरह 1300 ग्रेड पे वाले ऋणात्मक स्केल एक के तहत छह माह प्रशिक्षु के रूप में अपनी सेवा देनी होगी। छह माह के बाद उनको ग्रेड पे 1800 और पे स्केल 5200-20200 का लाभ मिल सकेगा। प्रशिक्षण काल की उनकी सेवा नियमित में नहीं जोड़ी जाएगी(निशांत यादव,दैनिक जागरण,लखनऊ,12.12.11)।

नकल के लिए घड़ी में मोबाइल!

Posted: 12 Dec 2011 12:08 AM PST

चोरी और नकल करने वाले अपने कारनामों को अंजाम देने के लिए नए-नए तरीके ईजाद कर लेते हैं। कुछ ऐसा ही राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के तहत आखिरी दिन आयोजित अंग्रेजी विषय की परीक्षा के दौरान उस वक्त देखने को मिला जब एक अभ्यर्थी को हाथ घड़ी में मोबाइल फोन के माध्यम से नकल करते हुए पकड़ा गया। मामला अजमेर का है। सुबह की पारी में अंग्रेजी विषय की परीक्षा के दौरान तोपदड़ा स्थित राजकीय सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में अमरजीत (रोल नंबर 106976) नामक अभ्यर्थी को उड़नदस्ते ने धीरेधी रे बोलते हुए पकड़ा। दस्ते ने उसकी तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला। गहराई से देखने पर पता चला कि हाथ पर बंधी घड़ी में मोबाइल था। मोबाइल फोन को पूरी तरह घड़ी की शक्ल दी गई थी। इसे देखकर उड़नदस्ते के अधिकारी भी दंग रह गए। अमरजीत दिल्ली का रहने वाला है। उसकी ओमार्क शीट भी जब्त कर उस पर रिमार्क लगा दिया गया है। दस्ते में उपखंड अधिकारी एन के अग्निहोत्री और पुलिस उप अधीक्षक अरुण माचा शामिल थे। अतिरिक्त कार्डिनेटर और सहायक पुलिस कलेक्टर भगवंत सिंह राठौड़ ने बताया कि पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है तथा जब्त घड़ीनुमा मोबाइल भी पुलिस को सौंप दिया गया है। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि इससे कब-कब और किन-किन किस व्यक्ति को फोन किए गए हैं। आयोग के उपसचिव चिरंजीलाल दायमा ने बताया कि केंद्र अधीक्षक की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली संस्करण,12.12.11 में अजमेर की रिपोर्ट)।

उत्तराखंडःबीएड एवं बीपीएड प्रशिक्षितों को नियुक्ति देने की मांग

Posted: 12 Dec 2011 12:07 AM PST

प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पूर्व अध्यक्ष उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद रवींद्र जुगरान के माध्यम से ज्ञापन दिया। इसमें बीएड एवं बीपीएड प्रशिक्षितों को नियुक्ति देने की मांग की गई। यहां गढ़वाल टैरेस में दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तराखंड के प्रशिक्षित बेरोजगारों को शीघ्र प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में नियुक्ति की जाये। टीईटी के मानकों में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 50 प्रतिशत तथा एससी एसटी अभ्यर्थियों के लिए 45 प्रतिशत की बाध्यता स्वीकार की जाये। विशिष्ट बीटीसी के आठ हजार पदों पर शीघ्र विज्ञप्ति देकर नियुक्ति दी जाये। उत्तराखंड में विशिष्ट बीटीसी के पैटर्न को आगे भी लागू रखा जाये। अशासकीय विद्यालयों में बंद पड़ी रिक्तियां खोली जायें, शेष बचे बीएड, बीपीएड अभ्यर्थियों को शिक्षा मित्र व शिक्षा बंधु की भांति नियुक्ति दी जाये, जिससे सरकारी सेवा की आयु पूर्ण कर रहे बेरोजगारों को समय से रोजगार मिल सके। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से मांग की गई कि प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने की शीघ्र घोषणा करें। इस मौके पर रवींद्र जुगराण ने आश्वासन दिया कि वे खुद मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी से मिलेंगे व प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे(राष्ट्रीय सहारा,मसूरी,12.12.11)।

पंजीकृत संस्थाएं ही दे सकती हैं बीमा एजेंटों को प्रशिक्षण

Posted: 12 Dec 2011 12:05 AM PST

कंपनी कानून और सोसाइटी पंजीकरण कानून के तहत पंजीकृत और तीन साल से ज्यादा अनुभव वाली संस्थाएं ही बीमा एजेंटों को प्रशिक्षित करने वाले संस्थान के तौर पर मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकती हैं। यह बात बीमा नियामक इरडा द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों में कही गई है। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकार (इरडा) ने एजेंट प्रशिक्षण संस्थान (एटीआई) को मंजूरी देने और नवीनीकरण के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिसके तहत नियामक द्वारा 2010 में गठित स्थाई समिति ऐसे लाइसेंस देगी और जांच करेगी। इरडा ने कहा, 'कंपनी कानून के तहत पंजीकृत कंपनियां और सोसाइटी पंजीकरण कानून के तहत पंजीकृत सोसाइटी और ट्रस्ट ही एजेंट प्रशिक्षण संस्थान के तौर पर मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।' इसमें कहा गया कि सिर्फ गंभीर पेशेवर संस्थान ही इस खंड में शामिल हो सकें इसके लिए वित्तीय या बीमा पालिसियों के बारे में प्रशिक्षण करने वाले तीन साल से अधिक अनुभव वाले संस्थानों को ही एटीआई शुरू करने के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का फैसला किया गया है। इरडा ने कहा कि उसकी स्थाई समिति एटीआई लाइसेंस देने के लिए आवेदन प्राप्त करेगी। नियामक ने कहा 'योग्यता की जांच और देनदारियों और परिसंपत्तियों की जांच करने की जिम्मेदारी स्थाई समिति की होगी और समिति द्वारा सिफारिश किए जाने के बाद कोई और जांच नहीं होगी।'(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,12.12.11)

उत्तराखंड में लोकभाषाओं की दिशा व दशा पर मंथन आज से

Posted: 12 Dec 2011 12:04 AM PST

उत्तराखंड भाषा संस्थान व हिन्दी अकादमी के दो दिवसीय शोध सम्मेलन में देशभर के भाषा विज्ञानी और साहित्यकार लोक भाषाओं की मौजूदा दशा व दिशा पर मंथन करेंगे। दून विवि में 12 और 13 जून को आयोजित इस कार्यक्रम में 'लोकभाषाओं का साहित्य व उसके सांस्कृतिक आयाम' विषय पर मंथन किया जाएगा। संस्थान की सविता मोहन व डा. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल उत्तराखंड हिन्दी अकादमी के डा. मुनीराम सकलानी ने संयुक्त रूप से बताया कि कार्यक्रम में डा. ताराचन्द्र त्रिपाठी, नंदकिशोर नौटियाल, गंगाप्रसाद विमल, केशवदत्त, डा. प्रयाग जोशी, बीआर पुरोहित व उमा भट्ट समेत अनेक आंचलिक साहित्यकार, समालोचक व भाषाविद् भाग लेंगे। इनके द्वारा शोधपत्र भी प्रस्तुत किए जाएंगे। कार्यक्रम में भाषा संस्थान की पुस्तक प्रकाशन अनुदान योजना के लिए आंचलिक शोध पुस्तकों के प्रकाशन हेतु पुस्तकों का चयन भी समिति द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम के दूसरे दिन चयनित आंचलिक व भाषायी लेखकों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,12.12.11)।

मेडिकल शिक्षा : सिब्बल-आजाद में विवाद खत्म

Posted: 12 Dec 2011 12:03 AM PST

मेडिकल शिक्षा को लेकर पिछले दो वर्षो से मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच चल रही खींचतान समाप्त हो गई है और इस पूरे प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद की जीत हुई और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को अपने कदम पीछे करने पड़े। राष्ट्रीय उच्च शिक्षा और अनुसंधान आयोग विधेयक से मेडिकल शिक्षा को बाहर कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि उक्त विधेयक को लेकर आजाद और सिब्बल आमने-सामने आ गए थे और कैबिनेट में भी इस विधेयक को लेकर विवाद हुआ था। इस लिए संसद के चालू सत्र में भी इस विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री तक चर्चा हुई थी और सत्र से पहले ही इस विधेयक में संशोधन के संकेत मिल गए थे। इस आशय की खबर 'राष्ट्रीय सहारा'ने सत्र से पहले ही प्रकाशित कर दी थी। शुक्रवार को उक्त विवाद उस समय समाप्त हो गया जब दोनों मंत्रालयों के बीच सहमति बन गई और अब स्वास्थ्य मंत्रालय मेडिकल शिक्षा को लेकर एक अलग से विधेयक पेश करेगा जिसमें मेडिकल, डेंटल नर्सिग, फाम्रेसी, भौतिक चिकित्सा सहित स्वास्थ्य से जुड़ी सभी तरह की शिक्षा एक राष्ट्रीय आयोग के दायरे में आ जाएंगी और उसके अधीन मेडिकल काउंसिल, डेंटल काउंसिल, नर्सिग काउंसिल, फाम्रेसी काउंसिल काम करेंगी। इसमें मानव संसाधन मंत्रालय का कोई दखल नहीं रहेगा मगर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो विधेयक तैयार किया है उसमें कुछ अधिकार उन विविद्यालयों के कुलपतियों को दिए गए है जिनके कार्य- क्षेत्र में मेडिकल चिकित्सा से जुड़ा कोई भी कालेज आता होगा। सिब्बल सभी तरह की शिक्षा को एक ही आयोग के अधीन लाना चाहते थे मगर स्वास्थ्य मंत्रालय को उसमें आपत्ति थी। लेकिन एमसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष डा. केतन देसाई की कथित घूसखोरी और सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद मानव संसाधन मंत्रालय को मौका मिल गया और पारदर्शिता लाने का तर्क देकर मंत्रालय ने मेडिकल शिक्षा को अपने दायरे में लेने की कवायद शुरू कर दी थी(ज्ञानेंद्र सिंह,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,12.12.11)।

इग्नू : मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आवेदन शुरू

Posted: 12 Dec 2011 12:02 AM PST

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विविद्यालय (इग्नू) ने रविवार को अपने प्रबंध पाठ्यक्रमों में दाखिले की घोषणा कर दी। इग्नू जुलाई-2012 के अपने सेशन में दाखिले के लिए ओपनमैट परीक्षा आयोजित करेगी। परीक्षा में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को 31 दिसम्बर 2011 तक रजिस्र्टड या स्पीड पोस्ट से आवेदन करना होगा। विविद्यालय के सातप्रबंध पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए देशभर में ओपनमैट परीक्षा 12 फरवरी 2012 को आयोजित की जाएगी। इन पाठ्यक्रमों में एमबीए, डिप्लोमा इन मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन ऑपरेशन मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन मार्केटिंग मैनेजमेंट आदि शामिल हैं। आवेदन करने वाले सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए योग्यता स्नातक में 50 फीसद व आरक्षित श्रेणियों के विद्यार्थियों के लिए 45 फीसद रखा गया है। जिन विद्यार्थियों ने कैट या मैट परीक्षा पास की है, उन्हें ओपनमैट में बैठने की जरूरत नहीं होगी। कट ऑफ विविद्यालय द्वारा तय कर दी जाएगी। 12वीं पास विद्यार्थी, जिनके पास छह साल तक का प्रबंधन, सुपरवाइजरी या अन्य पेशेगत अनुभव होगा, वे मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए प्रॉस्पेक्टस इग्नू मुख्यालय या क्षेत्रीय केन्द्रों से 550 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट इग्नू के पक्ष में देकर हासिल किया जा सकता है। जबकि 500 रुपये नकद देकर व्यक्तिगत तौर पर आवेदन पत्र केन्द्रों से हासिल किये जा सकते हैं। इग्नू की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड कर इसके साथ 550 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट लगाकर रजिस्र्टड या स्पीड पोस्ट से रजिस्ट्रार (एसईडी) इग्नू को भेज सकते हैं। डाक द्वारा आवेदन पत्र मंगाने की अंतिम तिथि 23 दिसम्बर 2011 रखी गई है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,12.12.11)।

देहरादूनःपीटीए शिक्षकों के पक्ष में शिक्षक संघ का सचिवालय कूच आज

Posted: 11 Dec 2011 11:58 PM PST

पिछले कुछ समय से मानदेय की मांग को लेकर आंदोलनरत अशासकीय विद्यालयों के पीटीए शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षक संघ ने अपना पूरा समर्थन दिया है। इसी को देखते हुए उन्होंने पीटीए शिक्षकों को पूर्ण समर्थन देते हुए सोमवार को सचिवालय कूच का निर्णय लिया है तथा मांग पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कही है। रविवार को बैठक करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष जयप्रकाश बहुगुणा ने कहा कि 29 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में पीटीए शिक्षकों के लिए मानदेय प्रस्ताव पास होने के बावजूद उन्हें इससे वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीटीए शिक्षक मानदेय की बात कर रहे हैं जो पूर्णत न्यायोचित है। उन्होंने कहा कि गत आठ वर्षो से पीटीए शिक्षक ही स्कूलों में पठन-पाठन कार्य कर रहे हैं, ऐसे में उन्हेंमानदेय के दायरे से बाहर रखना न्यायोचित नहीं होगा। वह उन खाली पदों पर पूर्ण अर्हता रखते हैं(राष्ट्रीय सहारा,12.12.11)।

विज्ञान व गणित की बारीकियां सीखने जापान जाएंगे टीचर

Posted: 11 Dec 2011 11:54 PM PST

सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में विज्ञान व गणित पढ़ाने वाले 17 शिक्षकों को जापान जाकर गणित और विज्ञान की बारीकियां सीखने का मौका मिलेगा। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जायका) के सहयोग से शिक्षकों को भेजेगी। यह यात्रा 18 दिनों की होगी। बोर्ड के चेयरमैन विनीत जोशी ने बताया कि यात्रा के दौरान शिक्षक जापान में गणित और विज्ञान के पठन-पाठन का तरीका तो सीखेंगे ही, साथ ही वहां की संस्कृति से भी रू- ब-रू होंगे।बोर्ड ने सभी स्कूलों के प्राचायरे को पत्र भेजकर अपने शिक्षकों के नाम भेजने का कहा है। शिक्षक का टीजीटी होना अनिवार्य है। उनकी आयु भी 20 से 35 वर्ष के बीच होनी जरूरी है। जापान जाने के लिए शिक्षकों का अंग्रेजी में लिखना और बोलना भी अनिवार्य किया गया है। उनका मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना भी अनिवार्य है। आवेदन बोर्ड की शिक्षा अधिकारी(कॉमर्स) को करना होगा। आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 दिसम्बर रखी गई है। पीतमपुरा स्थित एमएम पब्लिक स्कूल की प्राचार्य रूमा पाठक ने कहा कि बोर्ड ने शिक्षकों को यह मौका दिया है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,12.12.11)।
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Palash Biswas
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http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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