Thursday, December 15, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/12/15
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


44 डीम्ड विश्वविद्यालयों पर रिपोर्ट पेश

Posted: 14 Dec 2011 04:21 AM PST

सरकार ने आज कहा कि मापदंड पूरा नहीं करने वाले देश के 44 डीम्ड विश्वविद्यालयों का दर्जा समाप्त किये जाने की स्थिति छात्रों के हितों का पूरा ध्यान रखा जायेगा, हालांकि इस विषय में अंतिम निर्णय न्यायालय को करना है।

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि साल 2006 में विप्लव शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सरकार को देश के सभी डीम्ड विश्वविद्यालय की स्थिति की समीक्षा का निर्देश दिया था।


उन्होंने कहा कि इस बारे में प्रो टंडन के नेतृत्व में समीक्षा समिति का गठन किया गया और सभी डीम्ड विश्वविद्यालयों को तीन श्रेणी में बांटा गया। समिति ने अपनी जांच में पाया कि 38 डीम्ड विश्वविद्यालय उत्कृष्ठ कोटि के हैं, जबकि 44 डीम्ड विश्वविद्यालयों में सुधार की गुंजाइश है और इन्हें उपयुक्त सुधार के लिए तीन वर्ष का समय देने की बात कही गई। जबकि यह पाया गया कि 44 डीम्ड विश्वविद्यालय मापदंड पूरा नहीं करते हैं।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एन एस बी चित्तन, मानिक टैगोर के प्रश्न के उत्तर सिब्बल ने यह बात कही। सिब्बल ने कहा कि यह रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय में पेश कर दी गई। उच्चतम न्यायालय ने इस रिपोर्ट पर ध्यान देने के बाद कहा कि इनका दर्जा समाप्त करने से पूर्व इनसे स्पष्टीकरण मांगा जाए। इस पर हमने अधिकारियों की समिति गठित की और इन संस्थाओं को नोटिस भेजा(लाईव हिंदुस्तान डॉटकॉम से साभार)।

मध्यप्रदेश में हर साइन बोर्ड पर हिंदी होगी अनिवार्य!

Posted: 14 Dec 2011 02:47 AM PST

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हिंदी विश्वविद्यालय खोलने जा रही राज्य सरकार राष्ट्रभाषा को ज्यादा महत्व देने के लिए प्रदेश में सभी तरह के साइन बोर्ड हिंदी में भी लिखना अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है।

इसके लिए ऑफिशियल लैंग्वेज एक्ट में संशोधन किया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं के साइन बोर्ड के साथ उनकी इबारत का हिंदी में अनुवाद भी लिखना अनिवार्य किया जाएगा। केंद्रीय आधिकारिक भाषा कानून में सभी राज्यों को अपनी आधिकारिक भाषा चुनने का अधिकार है।


मप्र के गठन के बाद 1956 हिंदी को प्रदेश की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था। तब केंद्र की ही तरह प्रदेश में भी राजभाषा विभाग बना था। जिसे बाद में संस्कृति विभाग में शामिल कर दिया गया। 
अभी आधिकारिक भाषा है हिंदी 

मप्र में अभी सरकार की आधिकारिक भाषा हिंदी है। सभी तरह के सरकारी कामकाज हिंदी में अनिवार्य हैं। जो काम अंग्रेजी में होते हैं उनका हिंदी में अनुवाद किया जाता है। साइन बोर्ड, नेमप्लेट भी हिंदी में लिखना अनिवार्य है। लेकिन प्रदेश में गैर सरकारी कामकाज में यह अनिवार्यता नहीं है। 

संशोधन की मंशा के पीछे क्या? 

सूत्रों के मुताबिक अटल बिहारी हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना के फैसले को पर्याप्त तारीफ नहीं मिल पाने के बाद सरकार हिंदी के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करना चाहती है। विवि खोलने के निर्णय को लेकर 26 दिसंबर को ग्वालियर में मुख्यमंत्री का सम्मान भी होने जा रहा है। 

पार्टी हिंदी को बढ़ावा देने को एक मुहिम के तौर पर चलाना चाहती है। मध्यप्रदेश गान और आओ बनाएं अपना मध्यप्रदेश अभियान की अगली कड़ी में हिंदी की अनिवार्यता को लाया जाएगा। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा में चर्चा हो चुकी है। 

गौरतलब है कि बीते सत्र में इस विवि का विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ था और विपक्ष ने भी सरकार की मंशा की तारीफ की थी(सतीश एलिया,दैनिक भास्कर,भोपाल,14.12.11)।

बरकतउल्ला विविःएमफिल एडमिशन के लिए देना होगा एंट्रेंस टेस्ट

Posted: 14 Dec 2011 02:45 AM PST

बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में एमफिल के लिए भी अब एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जाएगा। मंगलवार को बीयू के विभाग प्रमुखों की बैठक में यूजीसी के इस नियम को मंजूरी दे दी गई।

बीयू की कुलपति निशा दुबे की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पीएचडी की तरह एमफिल के लिए भी एंट्रेंस टेस्ट लेने का निर्णय लिया गया। एमफिल में प्रवेश भी केंद्रीयकृत प्रवेश कमेटी देगी।


कमेटी के सचिव बीयू रजिस्ट्रार होंगे, जबकि अन्य सदस्यों की नियुक्ति कुलपति करेंगी। एक गाइड अधिकतम पांच छात्रों को एमफिल करा सकेंगे। अब तक कोई सीमा निर्धारित नहीं थी। 

एंट्रेंस के लिए सौ नंबर के सौ सवाल सहित अन्य नियम भी पीएचडी की तरह ही होंगे। 2009 से अब तक एमफिल करने वाले छात्रों की उपाधि पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हो सका है(दैनिक भास्कर,भोपाल,14.12.11)।

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयःफर्स्ट से पहले अब देना होगा सेकंड सेमेस्टर का Exam

Posted: 14 Dec 2011 02:43 AM PST

इंजीनियरिंग कॉलेज में पिछले महीने हुई काउंसलिंग के जरिए एडमिशन लेने वाले छात्रों को पहले सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा देनी होगी, इसके बाद उनकी फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षा होगी। अगली परीक्षा छह महीने बाद आयोजित की जाएगी। यह निर्णय राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) प्रबंधन ने लिया है।

दरअसल, पिछले महीने तकनीकी शिक्षा विभाग ने इंजीनियरिंग, बीसीए, एमसीए और बी-आर्क में एडमिशन देने के लिए काउंसलिंग की थी। इसका मकसद उन छात्रों को एडमिशन देना था, जो इन विषयों में दाखिला लेने से वंचित रह गए थे। हालांकि विभाग इसके पहले भी इस साल दो बार इन कॉलेजों में एडमिशन देने के लिए काउंसलिंग आयोजित करा चुका था।

यह काउंसलिंग सितंबर में पूरी हो गई थी। काउंसलिंग बंद होने के दो महीने बाद विभाग ने फिर से काउंसलिंग शुरू कर दी थी। आरजीपीवी प्रबंधन ने बीई फस्र्ट सेमेस्टर को 16 जनवरी से शुरू कराने का निर्णय लिया है।

जबकि आरजीपीवी के नियमानुसार किसी सेमेस्टर की परीक्षा से पहले नब्बे दिनों के शैक्षणिक कार्यदिवस पूरे होना जरूरी होता है, इसलिए बीई फस्र्ट सेमेस्टर के सभी छात्रों की परीक्षा एक साथ कराने के लिए आरजीपीवी को परीक्षा की तारीख आगे बढ़ानी पड़ती। विवि के रजिस्ट्रार एके भदौरिया का कहना है कि एक हजार छात्रों के लिए सत्तर हजार छात्रों के टाइम टेबल में फेरबदल नहीं किया जा सकता, इसलिए परीक्षा की तारीख में फेरबदल नहीं किया जा रहा है।


तीन माह में नष्ट होंगी उत्तर पुस्तिकाएं
भोपालत्न सीबीएसई की तर्ज पर अब राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भी अब नतीजे घोषित होने के तीन महीने बाद छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं नष्ट कर देगा। इस संबंध में राज्यपाल को आरजीपीवी ने प्रस्ताव भेजा है, जिसे मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा। अब तक उत्तर पुस्तिकाएं छह महीने संभाल कर रखी जाती है, लेकिन जगह की कमी के चलते इन्हें संभालना प्रबंधन के लिए मुश्किल हो रहा है(दैनिक भास्कर,भोपाल,14.12.11)।

जम्मूः1200 के लिए हाथ फैलाए खड़े हैं पढ़े-लिखे नौजवान

Posted: 14 Dec 2011 02:35 AM PST

सुनने में यह बात बेशक अटपटी लगे पर सच है कि जम्मू में कई ऐसे युवा हैं जो पोस्ट ग्रेजुएट होने के बावजूद घर पर निठल्ले बैठे हैं। उन्हें सरकार से मात्र 1200 रुपए का वालंटरी सर्विस अलाउंस (वीएसए) लेना तो मंजूर है। लेकिन प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करना उन्हें गवारा नहीं। हैरानी की बात है ऐसे लोगों की इस लिस्ट में एमबीए, एमसीए, एमएससी आईटी, बीएड और एमएड जैसे प्रोफेशनल कोर्स करने वाले युवा भी शामिल हैं। उन्होंने सरकार को लिखित में कहा है कि उक्त डिग्रियां करने के बाद भी उन्हें अब तक रोजगार नहीं मिल पाया। जबकि वीएसए से अधिक तनख्वाह वाली सैकड़ों नौकरियां प्राइवेट सेक्टर में उपलब्ध हैं।

उम्र 26 साल लेकिन कोई काम नहीं : हाल ही में डिस्ट्रिक्ट इंप्लायमेंट एंड काउंसलिंग सेंटर द्वारा उन व्यक्तियों की सूची सार्वजनिक की गई है जो शेरे कश्मीर इंप्लायमेंट एंड वेलफेयर पॉलिसी फार यूथ के अंतर्गत सरकार से वीएसए हासिल कर रहे हैं। यह व्यक्ति पॉलिसी की सभी शर्तें पूरी करते हैं। मसलन उनकी आयु 26 से 37 के बीच है, उनकी वार्षिक पारिवारिक आमदनी 1.5 लाख रुपए से कम है, वो न तो कोई सरकारी नौकरी करते हैं और न ही प्राइवेट, न ही उनकी पत्नी या पति कोई नौकरी करता है।


नौकरियां हैं नहीं या करना नहीं चाहते : वीएसए पाने वालों की सूची पर नजर डालने पर पता चलता है कि उसमें आठ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इंजीनियरिंग कर रखी है। इसके अलावा, 8 ने एमबीए, 5 ने एमसीए, 20 ने बीएड, 15 ने एमएड जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज कर रखे हैं। जम्मू जिला में वीएसए पाने वालों की संख्या 1100 के आसपास है। इनमें से 186 पोस्ट ग्रेजुएट व 300 ग्रेजुएट हैं। पोस्ट ग्रेजुएट महिलाओं को 1250 रुपए मिलते हैं जबकि पोस्ट ग्रेजुएट पुरुषों को 1200 मिलते हैं। उसी प्रकार ग्रेजुएट महिलाओं को 1050 व पुरुषों को 1000 रुपए दिए जाते हैं। इन आंकड़ों से साबित होता है प्रोफेशनल कोर्सेज करने वालों के लिए भी नौकरियां नहीं है। ऐसे में जानने की आवश्यकता है कि क्या वाकई में नौकरियां नहीं है या प्राइवेट नौकरी से यह लोग मुंह मोड़ रहे हैं।

जम्मू यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट आफ लाइफ लांग लर्निग की निदेशिका डॉ. पूनम धवन ने हैरानी जताई कि युवा वर्ग 1200 रुपए का वीएसए लेने को तैयार है। उनके अनुसार सामान्य ग्रेजुएट भी तीन-चार हजार की प्राइवेट नौकरी आसानी से हासिल कर सकता है। वहीं, पोस्ट ग्रेजुएट व प्रोफेशनल कोर्सेज करने वाले व्यक्ति कहीं भी पांच हजार से अधिक प्रति माह की तनख्वाह पा सकते हैं। अगर दूरदराज इलाके का कोई व्यक्ति नौकरी हासिल नहीं कर पाता है तो बात समझ में आती है। लेकिन शहर या उसके आसपास रहने वालों को प्राइवेट नौकरी भी नहीं मिल रही यह नामुमकिन सी बात है। युवाओं को अपनी मानसिकता को विस्तृत करने की जरूरत है।

गांधी नगर में प्लेसवेल करियर नाम की प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले जतिंद्र सिंह सूदन ने बताया कि उनके पास मैट्रिक से लेकर पीएचडी उम्मीदवारों के लिए सैकड़ों नौकरियों के ऑफर हैं। न्यूनतम साढ़े तीन हजार रुपए की नौकरी तो वो हर किसी को दिलवा सकते हैं। जरूरत सिर्फ इस बात की है कि व्यक्ति दिल लगा कर काम करने वाला हो। यदि व्यक्ति के पास प्रोफेशनल डिग्री है तो उसे अच्छा पैकेज मिल सकता है। उनके अनुसार प्राइवेट नौकरियों का बाजार में ढेर है, लेकिन संजीदा उम्मीदवार ही नहीं मिलते। युवाओं को चाहिए कि वो अपनी सोच का दायरा बढ़ाएं न कि सरकारी नौकरी के इंतजार में अपना बहुमूल्य समय बिता दें(देवेंद्र पाधा,दैनिक भास्कर,जम्मू,14.12.11)।

यूपी बोर्ड : आज घोषित होगा हाई स्कूल-इण्टर का परीक्षा कार्यक्रम

Posted: 14 Dec 2011 02:31 AM PST

यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट परीक्षा का कार्यक्रम इलाहाबाद स्थित बोर्ड मुख्यालय में बुधवार को शाम चार बजे घोषित किया जाएगा। बोर्ड की सचिव प्रभा त्रिपाठी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस बार परीक्षा कार्यक्रम करीब 20 दिन पहले घोषित किया जा रहा है। इसकी तैयारियां बोर्ड मुख्यालय एवं चारो क्षेत्रीय कार्यालयों इलाहाबाद, वाराणसी, मेरठ और बरेली में पूरी हो गयी है। 15 जनवरी से इण्टरमीडिएट के छात्र- छात्राओं का प्रैक्टिकल भी शुरू हो जाएगा। बोर्ड ने हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षा के लिए केन्द्रों के निर्धारण का काम लगभग पूरा कर लिया है। 9500 परीक्षा केन्द्र बनाये जा रहे है। इसमें सबसे ज्यादा इलाहाबाद, आगरा, कानपुर नगर और देहात, मुरादाबाद, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, बरेली, झांसी, फैजाबाद, आजमगढ़, वाराणसी सहित अन्य मण्डल मुख्यालय के जिलों में परीक्षा केन्द्र हैं। यूपी बोर्ड की स्थापना वर्ष 1921 में हुई थी। मात्र कुछ परीक्षार्थियों की संख्या वाला यूपी बोर्ड देखते ही देखते एशिया की सबसे बड़ी परीक्षा कराने वाली संस्था बन गया। हाई स्कू ल में वर्ष 2011 में 3659180 और इण्टरमीडिएट में वर्ष 2011 में 2063015 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए, जबकि वर्ष 2008 में हाईस्कूल में कुछ परीक्षार्थियों की कमी हुई। लेकिन वर्ष 2009 में तीन लाख से ज्यादा परीक्षार्थी हाईस्कूल में बढ़े। वर्ष 2010 में इण्टर में 1536949 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जबकि वर्ष 2011 में करीब पांच लाख परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ गयी जो 2063949 हो गयी थी(राष्ट्रीय सहारा,इलाहाबाद,14.12.11)।

यूपीःमाध्यमिक विद्यालयों को शीघ्र मिलेंगे 639 शिक्षक

Posted: 14 Dec 2011 02:30 AM PST

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में शीघ्र 639 शिक्षकों की तैनाती करने जा रहा है। चयन बोर्ड की बैठक 20 दिसम्बर को शाम चार बजे से होगी। यह शिक्षक टीजीटी के विज्ञान और संगीत विषय के है। विज्ञान विषय में कुल 607 और संगीत में 32 शिक्षकों के पद है। उधर टीजीटी के जीव विज्ञान, शारीरिक शिक्षा और कला विषय के अभ्यर्थियों का भी साक्षात्कार पूरा हो चुका है। टीजीटी के सामाजिक विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 19 दिसम्बर को पूरा होगा। चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा. आरपी वर्मा का कहना है कि टीजीटी के जिन विषयों के साक्षात्कार हो चुके हैं और उनके रिजल्ट नहीं घोषित हुए है, वह शीघ्र घोषित होंगे। उन्होंने बताया कि टीजीटी के इण्टरव्यू के तैयार रिजल्टों के क्रास चेकिंग की वजह से रिजल्ट घोषित करने में विलम्ब हो रहा है। चयन बोर्ड में लगे 25 सीसीटीवी कैमरे : उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सुरक्षा और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 20 अक्टूबर 2011 को चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा. आरपी वर्मा पर हुए जानलेवा हमले के बाद बोर्ड मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ गयी है। गेट पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। जरुरत पड़ने पर ही गेट खोला जा रहा है। बोर्ड की नई बिल्डिंग परिसर में 25 सीसीटीवी कैमरे लग गये है। इसका कण्ट्रोल रुप चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा.आर.पी.वर्मा व सचिव शेषमणि पाण्डेय के कमरे में बनाया गया है। यह कै मरे बोर्ड मुख्यालय के मुख्य द्वार, परिसर, गलियारों व अन्य कमरों एवं बिल्डिंग के चारों तरफ लगाये गये हैं, जिससे कि लोगों की गतिविधियां अध्यक्ष और सचिव देख सकें। टीजीटी-पीजीटी की लिखित परीक्षा का उत्तर वेबसाइट पर देख सकेंगे अभ्यर्थी : उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक परीक्षा (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के करीब 1550 पदों के लिए लिखित परीक्षा का उत्तर परीक्षा के दो से तीन दिनों के अंदर चयन बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया जाएगा, जिससे अभ्यर्थी अपनी उत्तरशीट से मिलान कर सकें। यह जानकारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा. आरपी वर्मा ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए लिखित परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट में तीन-तीन कार्बन की प्रतियां लगेंगी। इसमें से एक प्रति शासन को, दूसरी चयन बोर्ड के पास और तीसरी अभ्यर्थियों के पास रहेगी। जिससे कि चयन बोर्ड से जारी उत्तर से वह मिलान कर सकें। उन्होंने कहा कि अगर किसी अभ्यर्थी को लगे कि उसके रिजल्ट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी है तो वह चयन बोर्ड स्थित कार्यालय से संपर्क कर उन खामियों को दूर करवा सकता है(राष्ट्रीय सहारा,इलाहाबाद,14.12.11)।

यूपीःराज्य कर्मचारी आर-पार की लड़ाई को तैयार

Posted: 14 Dec 2011 02:24 AM PST

उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सतीश कु मार पाण्डेय की अध्यक्षता में मंगलवार को कर्मचारियों की बैठक जवाहर भवन स्थित महासंघ कार्यालय में हुई। बैठक में 24 सूत्री मांगों का अभी तक निराकरण सरकार द्वारा न किये जाने पर कर्मचारियों ने गहरा रोष व्यक्त किया और निर्णय लिया कि 16 दिसम्बर को होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में महासंघ कर्मचारियों के आंदोलन की घोषणा कर देगा। महासंघ अध्यक्ष सतीश पाण्डेय व महामंत्री रामराज दुबे ने कहा कि चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर लगे प्रतिबन्ध को हटाने, कनिष्ठ लिपिक को ग्रेड वेतन 2400, वरिष्ठ सहायक का ग्रेड वेतन 4200, कार्यालय अधीक्षक/ प्रशासनिक अधिकारी का ग्रेड वेतन 4800 तथा वरिष्ठ अधिकारी का ग्रेड वेतन 5400 रुपये किये जाने तथा वर्ष 1991 के बाद के दैनिक वेतन वर्कचार्ज कर्मचारियों को विनियमित किये जाने समेत 24 सूत्री मांगों को लेकर 29 नवम्बर को प्रदेश व्यापी आंदोलन किया गया था। इसके बाद भी सरकार की उदासीनता से क्षुब्ध होकर महासंघ ने आरपार के संघर्ष का मन बना लिया है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,14.12.11)।

बिहारःफतुहा राजकीय विद्यालय की NCC मान्यता रद्द

Posted: 14 Dec 2011 02:23 AM PST

राजकीयकृत उच्च विद्यालय फतुहा में महीनों पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके एनसीसी के शिक्षकों के पद पर अबतक अन्य शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो पायी है। इसके लिए प्रधानाध्यापक को ही जिम्मेवार माना जा रहा है। एनसीसी अधिकारी द्वारा निर्देशित पत्रों से भी यह स्पष्ट होता है कि अबतक उक्त विद्यालय में एनसीसी शिक्षक की पदस्थापना न होने के पीछे प्रधानाध्यापक ही जिम्मेदार हैं। इस बाबत बताया जाता है कि राजकीयकृत उच्च विद्यालय फतुहा के पूर्व एनसीसी अधिकारी अनिल मिश्रा जिन्होंने 25 जनवरी 2011 को 58 वर्ष पूरा होने के बाद इस कार्य से मुिक्त प्राप्त कर ली। जैसा कि 29 बिहार बटालियन एनसीसी के रीजनल डिप्टी डायरेक्टर ने अपने पत्रांक 2011/2338-30 के आलोक में स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखे अपने पत्र में इस पद के लिए विद्यालय के तीन शिक्षकों की सूची भेजने का निर्देश दिया था। लेकिन सूत्र बताते हैं कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने सारे नियमों और एनसीसी अधिकारियों के आदेशों को ताक पर रखकर अपने करीबी माने जाने वाले का नाम भेज दिया जवकि इस पद के लिए योग्यता की सभी शत्रे पूरी करने वाले शिक्षक को इस पद हेतु लाभान्वित होने से दर किनार कर दिया गया। इस संदर्भ में क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक ने अपने पत्रांक 1925 दिनांक 25.11.11 को पुन: एक पत्र प्रधानाध्यापक को भेजा जिसमें स्पष्ट निर्देश दिया कि कम से कम तीन शिक्षकों का नाम योग्यता के आधार पर चयन कर भेजें। इसके बावजूद अविलम्ब कोई कार्रवाई नही करने की सिकथति में राजकीयकृत उच्च विद्यालय फतुहा से 5 दिसम्बर के बाद एनसीसी प्रशिक्षण की सेवा समाप्त कर दी गयी है। इस बात की जानकारी होते ही प्रधानाध्यापक के कायरे पर जहां एक ओर प्रश्नचिन्ह लग रहा है वहीं दूसरी ओर विद्यालय की छात्र-छात्राएं इस बात से काफी आहत हैं तथा उनका गुस्सा कभी भी सड़क पर आन्दोलन के रूप में परिणित हो सकता है। इस संदर्भ में जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एनसीसी अधिकारी के लिये शिक्षक के चयन की प्रक्रिया जारी है तथा जल्द ही उक्त खाली पद पर शिक्षक की पदस्थापना की जायेगी(राष्ट्रीय सहारा,फतुहा,14.12.11)।

ग्रेटर नोएडाःगलगोटियाज कॉलेज में 80 फीसद छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट

Posted: 14 Dec 2011 02:21 AM PST

नॉलेज पार्क स्थित गलगोटियाज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी में आयोजित 2011- 12 कैम्पस प्लेसमेंट में 80 फीसद से ज्यादा छात्रों का प्लेसमेंट हो चुका है। अब तक कुल 562 छात्रों को बेहतर पैकेज पर नौकरी मिल चुकी है। इस वर्ष नवम्बर 11 तक तकरीबन 28 से ज्यादा कंपनियों ने कैम्पस प्लेसमेंट में हिस्सा लिया। इसमें प्रमुख रूप से इनफोसिस, निट टेक्नॉलोजी, टेक महिन्द्रा, एल एंड टी, जेके टायर शामिल हैं। चयनित छात्रों में में थॉटसवर्कस टेक्नॉलोजी द्वारा अधिकतम 5.86 लाख का वाषिर्क पैकेज दिया गया है। कैम्पस प्लेसमेंट के पहले ही दिन इनफोसिस ने 3.25 लाख रुपये के वाषिर्क पैकेज पर 301 छात्रों का चयन किया। इसके अलावा कंस्लटेंसी एंड मैनेजमेंट कंपनी एसेंचर ने 175 छात्रों का चयन किया। एक माह तक चले कैम्पस प्लेसमेंट प्रोग्राम में मैक सॉफ्टवेयर, बॉश लिमिटेड, विई टेलीकॉम, सोना कोया जैसी विदेशी कंपनियों ने भी छात्रों को रोजगार का सुनहरा अवसर दिया। गलगोटियाज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग 2008 से 2011 तक 100 फीसद प्लेसमेंट रहा था। संस्थान के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने कहा है कि किसी भी संस्थान की पूंजी उसके छात्र होते हैं और भविष्य में उनके छात्र जहां भी जाएंगे, अपनी प्रतिभा से नाम रोशन करेंगे। उन्होंने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की। उल्लेखनीय है कि बेहतर शिक्षण पण्राली, बेहतर फैकल्टी व स्टॉफ, बेहतर रिजल्ट के लिहाज से संस्थान को वर्ष 2009 में यूपीटीयू द्वारा प्रतिष्ठित अकादमी एक्सीलेंस अवार्ड 2010 में केंद्र सरकार द्वारा एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है(राष्ट्रीय सहारा,14.12.11)।

लखनऊःइग्नू बीएड काउंसलिंग आज से

Posted: 14 Dec 2011 02:20 AM PST

इन्दिरागांधी राष्ट्रीय मुक्त विविद्यालय (इग्नू) के बीएड की काउंसलिंग 14 से 22 दिसम्बर के बीच होगी। 1400 सीटों पर प्रवेश दिये जाएंगे। यह जानकारी इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डा. मनोरमा सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि 14 व 15 को सामान्य वर्ग, 16 को विकलांग वर्ग, एसटी व एसटी की 20 को 21 को ओबीसी की काउंसलिंग तथा 22 को प्रतीक्षा सूची के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,14.12.11)।

दिल्लीःसरकारी स्कूलों में 21 दिन का विंटर ब्रेक

Posted: 14 Dec 2011 02:19 AM PST

राजधानी के सरकारी स्कूलों में इस बार सर्दियों की छुट्टियां पब्लिक स्कूलों की छुट्टियों से दोगुनी होंगी। सरकारी स्कूलों में जहां सर्दियों की छुट्टियां 21 दिनों की होंगी, वहीं ज्यादातर पब्लिक स्कूलों में यह 9 से 10 दिन की होंगी। शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को सर्दियों की छुट्टियां घोषित कर दीं। इसके तहत शिक्षा निदेशालय, दिल्ली नगर निगम, एनडीएमसी व दिल्ली छावनी बोर्ड से सम्बद्ध स्कूलों में छुट्टियां 26 दिसम्बर से शुरू हो जाएंगी और 15 जनवरी 2012 तक चलेंगी। जबकि पब्लिक स्कूलों में छुट्टियां 31 दिसम्बर 2011 या फिर 1 जनवरी 2012 से शुरू होंगी। राजधानी में तेजी से बढ़ रहे ठंड को देखते हुए शिक्षा निदेशालय से क्रिसमस के अगले दिन से सर्दियों की छुट्टियां शुरू करने की घोषणा की है। शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली के स्कूलों के लिए 21 दिनों की छुट्टियां घोषित करते हुए पब्लिक स्कूलों को इसे सलाह के तौर पर मानने को कहा है। उधर, राजधानी के नामचीन स्कूलों के संगठन नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष व बाल भारती पब्लिक स्कूल के प्राचार्य एलवी सहगल ने कहा कि गंगा राम मार्ग स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल में सर्दियों की छुट्टियां 31 दिसम्बर से शुरू होंगी और 8 जनवरी तक चलेंगी। इसी प्रकार, पीतमपुरा स्थित एमएम पब्लिक स्कूल की प्राचार्य रूमा पाठक ने बताया कि उनके स्कूल में 31 दिसम्बर 2011 से 15 जनवरी 2012 तक छुट्टियां रहेंगी। विकासपुरी स्थित वेदव्यास डीएवी पब्लिक स्कूल की प्राचार्य चित्रा नाकरा ने बताया कि स्कूल में 31 दिसम्बर से सर्दियों की छुट्टियां शुरू होंगी और 8 जनवरी तक चलेंगी। पंजाबी बाग स्थित एनसी जिंदल पब्ल्कि स्कूल के प्राचार्य डॉ डीके पांडेय ने बताया कि स्कूल में 25 दिसम्बर से छुट्टियां शुरू हो जाएंगी और 9 जनवरी तक चलेंगी। राणा प्रताप बाग स्थित महावीर सीनियर मॉडल स्कूल के प्राचार्य एसएल जैन ने बताया कि स्कूल में छुट्टियां 1 जनवरी से शुरू होंगी और 8 जनवरी तक चलेंगी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,14.12.11)।

पटना के सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट को मणिपाल की मान्यता

Posted: 14 Dec 2011 02:18 AM PST

सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी ने सिद्धार्थ इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पटना को दूरस्थ शिक्षा के लिए अपने एक अध्ययन केंद्र के रूप में मान्यता दी है। इसके पूर्व सिद्धार्थ इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट को मगध विविद्यालय ने भी अपने रेगुलर कोर्स के पाठय़क्रमों के लिए मान्यता प्रदान की थी। संस्थान के निदेशक दिलजीत खन्ना ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी ने एमसीए, एमबीए, एमएससी-आईटी, एमए, एमएससी, एमकॉम, बीसीए, बीबीए, बीएससी-आईटी, बीए, बीएससी, बीकॉम एवं कई अन्य डिप्लोमा एवं पीजी डिप्लोमा कोर्सेस के लिए भी हमारे संस्थान को मान्यता दी है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,14.12.11)।

लखनऊ चिकित्सा विश्वविद्यालयःपहले अपनी योग्यता की परीक्षा दें, फिर कराएं पीएचडी

Posted: 14 Dec 2011 02:16 AM PST

चिकित्सा विश्वविद्यालय में पीएचडी कराने वाले डाक्टरों को पहले अपनी 'योग्यता' का परिचय देना होगा। इसके बाद ही वे पीएचडी कराने के हकदार होंगे। इसके साथ ही विविद्यालय के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के छात्र- छात्राओं को लिखित परीक्षा पास करनी अनिवार्य होगी। चिकित्सा विविद्यालय में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्व पूर्ण कदम उठाये गये हैं। इसके तहत पीएचडी के लिए गाइड बनने के मानक तय किए जाएंगे। इन मानकों के लिए गठित कमेटी ने इसके नियम तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार गाइड का प्रोफेसर होने के साथ ही दस साल का शिक्षण अनुभव होना जरूरी है। साथ ही गाइड बनने के लिए सम्बन्धित शिक्षक के कम से कम पांच पेपर अन्तरराष्ट्रीय स्तर के जरनल में प्रकाशित होने जरूरी हैं। इसके लिए गठित कमेटी यह भी तय करेगी कि एक समय में एक गाइड के साथ कितने छात्र शोध के लिए पंजीकृत होंगे। वरिष्ठ शिक्षकों का कहना है कि चिकित्सा वि विद्यालय में अब तक शोध कराने के लिए मानक तय नहीं हैं। ऐसे में समयबद्ध प्रोन्नति से शिक्षक प्रोफेसर तो बन गये हैं पर उनके पास अनुभव कम है। इससे शोध की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगने लगा है। इसके साथ ही एमडी, एमएस व एडीएस की परीक्षा प्रणाली में बदलाव की तैयारी की गयी है। स्नातकोत्तर परीक्षा में अब तक थ्योरी के स्थान पर प्रैक्टिकल को ज्यादा महत्व दिया जाता है। चिकित्सा विविद्यालय में पीजी की लिखित परीक्षा में ग्रेड दिये जाते हैं। प्रैक्टिकल में मिले अंकों के आधार व ग्रेड मिला कर छात्र को पास किया जाता है। नयी व्यवस्था में लिखित परीक्षा में पास होने पर ही छात्र को पास किया जाएगा। मेडिकल फैकेल्टी व डेंटल फैकेल्टी के डाक्टरों की कमेटी को इसका प्रारूप तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,14.12.11)।

बिहारःप्रत्येक वार्ड में होगा आंगनबाड़ी केंद्र

Posted: 14 Dec 2011 02:07 AM PST

कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को पोषाहार उचित मात्रा में प्रत्येक महीने उपलब्ध कराने और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में गड़बड़ी रोकने केउद्देश्य से ग्राम पंचायत के सभी वाडरे में एक-एक आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की जायेगी। केंद्र का पोषक क्षेत्र भी एक वार्ड ही होगा। हालांकि शहरी क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की जायेगी। फिलहाल पूरे प्रदेश में 80 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं। अब इसकी संख्या दोगुनी हो जायेगी। समेकित बाल विकास परियोजना निदेशालय के मुताबिक अभी राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों का परिसीमन काफी अनियमित तरीके से किया गया है। जिस कारण आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन और लाभार्थियों को सेवा प्रदान करने में काफी कठिनाई होती है। साथ ही सेविका एवं सहायिकाओं के चयन में भी काफी अनियमितताओं की शिकायत समाज कल्याण विभाग को मिलती रही है। इसी के मद्देनजर विभाग ने आंगबाड़ी केंद्रों का परिसीमन व्यवस्थित तरीके से करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों का परिसीमन वार्ड के परिसीमन के सह सीमांनत किया जायेगा। साथ ही जिस प्रखंड में अल्पसंख्यकों की आबादी 25 फीसदी या उससे अधिक है। उन प्रखंडों के वाडरे में मिनी केंद्रों की भी स्थापना की जायेगी। पूरे प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में वाडरे की संख्या एक लाख 15 हजार 562 है। विभाग ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को एक महीने के अंदर परिसीमन करके या परिसीमन में रही कठिनाई से संबंधित रिपोर्ट देने की हिदायत दी है। कुछ परियोजनाओं में वार्ड की संख्या से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत है। परंतु ऐसे केंद्र क्रियाशील नहीं हुए हैं। ऐसे केंद्रों को अविलंब समाप्त करने का निर्देश जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिया गया है। उधर समाज कल्याण विभाग ने पांच हजार पांच सौ चालीस अतिरिक्त और पांच हजार पांच सौ चालीस मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मंजूरी दे दी है। अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर 99 और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर 50 लाभार्थियों को पोषाहार दिया जायेगा। नव सृजित केंद्रों के लिए सेविका एवं सहायिका की नियुक्ति नये निर्देशिका के आधार पर की जायेगी। अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह से तीन वर्ष के कुपोषित 28 बच्चों, छह माह से तीन वर्ष के अतिकुपोषित 12, तीन से छह वर्ष के 40 बच्चों, 16 गर्भवतियों और तीन किशोरियों को पोषाहार दिये जायेंगे। इसी तरह मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों छह माह से तीन वर्ष के कुपोषित 14 बच्चों, 6 माह से 3 वर्ष के अतिकुपोषित 6, तीन से छह वर्ष के 20 बच्चों, 8 गर्भवतियों व किशोरियों को पोषाहरेर दिये जाएंगे(राष्ट्रीय सहारा,पटना,14.12.11)।

सीबीएसईः11वीं व 12वीं के अंग्रेजी कोर विषय में होगा बदलाव

Posted: 14 Dec 2011 02:05 AM PST

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से सम्बद्ध स्कूलों मेंग्यारहवीं और बारहवीं में पढ़ाए जा रहे अंग्रेजी कोर विषय में बदलाव किया जाएगा। दरअसल, अंग्रेजी कोर विषय में विद्यार्थियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। इसके लिए बोर्ड ने सभी स्कूलों के प्राचायरे को पत्र लिखकर शिक्षकों और विद्यार्थियों से राय मांगी है। ताकि यह पता चल सके कि वे मौजूदा अंग्रेजी कोर विषय में किस तरह का बदलाव चाहते हैं। बोर्ड ने स्कूलों से कहा है कि वे जल्द से जल्द अपने सुझाव भेजें। गौरतलब है कि ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में अंग्रेजी कोर विषय के सिलेबस में पिछले पांच साल से कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन बीते सालों के छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए बोर्ड अब इस विषय में बदलाव चाहता है। पीतमपुरा स्थित एमएम पब्लिक स्कूल की प्राचार्य रूमा पाठक ने कहा कि मौजूदा अंग्रेजी कोर विषय में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि विषयके अध्यायों में इस तरह का बदलाव किया जाए, जिससे विद्यार्थी लंबे जवाब लिखने में सक्षम हो सकें तो काफी अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को अपनी-अपनी राय देने को कहा है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,14.12.11)।

1 अप्रैल को होगी एआईपीएमटी परीक्षा!

Posted: 14 Dec 2011 02:31 AM PST

देशभर में 2012 में कॉमन मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम कराने की अटकलें उस समय खत्म हो गई, जब सीबीएसई ने मंगलवार को ऑल इंडिया प्री-मेडिकल व डेंटल प्रवेश परीक्षा (एआईपीएमटी) की तारीख घोषित कर दी। एआईपीएमटी की प्रारंभिक परीक्षा 1 अप्रैल,2012 (रविवार) को देशभर के 28 शहरों के परीक्षा केंद्रों पर होगी।

सीबीएसई की वेबसाइट पर जारी अधिकृत सूचना के अनुसार, परीक्षा केंद्र, पात्रता शर्तें, सिलेबस और परीक्षा पैटर्न एआईपीएमटी,2011 के अनुसार ही होगा। इसमें चयनित परीक्षार्थी 13 मई,2012 को मुख्य परीक्षा देंगे, फाइनल में उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों को देश के 314 और राज्य के 10 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस व डेंटल की 15 फीसदी सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा।

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से एकल प्रवेश परीक्षा 'नेशनल इलिजबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट(एनईईटी)' 2012-13 की बजाय अब 2013-14 में आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। 


एआईपीएमटी,2012 के आवेदन फॉर्म मिलने की तिथि जल्द ही घोषित कर दी जाएगी। गौरतलब है कि एआईपीएमटी,11 में अधिकतम तीन अवसरों की लिमिट हटा लिए जाने से परीक्षार्थियों की संख्या 1.56 लाख से बढ़कर 2.07 लाख हो गई थी(दैनिक भास्कर,कोटा,14.12.11)।

मध्यप्रदेशःटीआई से लेकर विधायक तक का काफिला, स्कूल में दिला दो दाखिला!

Posted: 14 Dec 2011 01:39 AM PST

राजधानी के स्कूलों में बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावक एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। पसंद के स्कूल में एडमिशन के लिए वे राजनेताओं से लेकर अफसरों तक की सिफारिशों का सहारा भी ले रहे हैं।

स्कूल संचालक भी स्वीकार रहे हैं कि उनके पास क्षेत्र के टीआई से लेकर पार्षद तक की सिफारिशों का अंबार लग रहा है। उनकी परेशानी यह है कि आखिर वे किस-किस की बात मानें?

शहर के अधिकतर स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। कार्मल कॉन्वेंट व सेंट जेवियर सहित कुछ अन्य स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया तो पूरी हो गई, लेकिन सूची जारी नहीं हुई है। कुछ स्कूलों में जनवरी के तीसरे सप्ताह तक प्रवेश प्रक्रिया चलेगी। भास्कर ने कुछ प्रमुख स्कूलों के संचालकों व प्राचार्यो से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने भी स्वीकारा कि सीटों की तुलना में आवेदनों की संख्या कई गुना ज्यादा है। यही कारण है कि उनके पास आने वाली सिफारिशों की संख्या भी बहुत अधिक हो गई है।


हर किसी की बात सुननी पड़ती है

अरेरा कॉलोनी स्थित सेंट जोसफ को-एड स्कूल के प्राचार्य फादर डॉ. जॉनी पीजे कहते हैं कि उन्हें हर व्यक्ति की बात सुननी पड़ती है। हालांकि कुछ प्राचार्य कहते हैं कि ऐसे में उन अभिभावकों के सामने दिक्कतें खड़ी हो जाती हैं, जिनके बच्चे पात्र होते हुए भी दाखिले से वंचित रह जाते हैं। 

कार्मल कॉन्वेंट स्कूल की प्राचार्य सिस्टर रेजी सवाल उठाती है कि वे सिफारिशें मानें या शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी रिजर्वेशन लागू करें। आईपीएस के प्राचार्य पीएस कालरा का कहना है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल सिफारिशों से नहीं बच सकता।

इन सबकी सिफारिशें

सेंट जेवियर स्कूल के प्राचार्य फादर फ्रांसिस ने बताया कि एडमिशन प्रक्रिया पूरी होते ही सिफारिशों का दौर शुरू हो जाता है। एडमिशन के लिए क्षेत्रीय पार्षद, विधायक, मेयर, मंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, पुलिस अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री सचिवालय तक की सिफारिशें आईं। तुलसी नगर स्थित सेंट मेरी हायर सेकंडरी स्कूल की प्राचार्य सिस्टर मेरी ने बताया कि सबसे ज्यादा सिफारिशें पुलिस अफसरों की ओर से आ रही हैं।

एडमिशन की लिस्ट लगते ही सिफारिशों का दौर शुरू हो जाता है, क्योंकि जिन बच्चों का लिस्ट में नाम नहीं होता, उनके अभिभावक प्रयास करते हैं कि किसी तरह उन्हें दाखिला मिल जाए। 

- सिस्टर मेरी के अनुसार

कई अभिभावक अभी भी अनजान

पंजाबी बाग में रहने वाले जीपी श्रीवास्तव, साकेत नगर में रहने वाले सुरेंद्र सिंह ठाकुर ऐसे अभिभावक हैं, जो फिलहाल स्कूलों की ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया से अनजान हैं। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि वे पूर्व में जवाहर स्कूल आए थे, तब उन्हें जानकारी नहीं मिल सकी थी। मंगलवार को आए तो पता चला कि एडमिशन प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब वे किसी दूसरे स्कूल में अपने बच्चे के दाखिले के लिए संपर्क करेंगे।

स्कूलों में सिफारिशी खतों की भरमार

- राजधानी के एक विधायक ने भेल क्षेत्र के एक मिशनरी स्कूल में अपने कार्यकर्ता के बच्चे को एडमिशन देने के लिए पत्र लिखा है। 

- अरेरा कॉलोनी स्थित एक मिशनरी स्कूल में केंद्र सरकार के बड़े महकमे से केजी वन कक्षा में एडमिशन संबंधी सिफारिशी पत्र आया है। 

- भेल क्षेत्र के मिशनरी स्कूलों में चार दर्जन सिफारिशी पत्र आए हैं। इनमें मुख्यमंत्री सचिवालय, नगरीय प्रशासन मंत्री, महापौर समेत कुछ विधायकों की चिट्ठियां शामिल हैं। 

सरकारी स्कूलों की दुर्दशा के कारण बनी यह हालत

प्राइवेट, खासकर मिशनरी स्कूलों में एडमिशन के लिए सिफारिशें सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के कमजोर स्तर के कारण की जा रही हैं। सरकारी स्कूलों मंे शिक्षक अच्छे हैं परंतु वे अपेक्षानुसार नहीं पढ़ाते हैं। वहीं, प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाया जाता है(अनुराग शर्मा, दैनिक भास्कर,भोपाल,14.12.11)।

देहरादूनःडीएवी (पीजी) कालेज में लॉ की सीटों को भरने में छूट रहे पसीने

Posted: 14 Dec 2011 01:00 AM PST

डीएवी (पीजी) कालेज में एलएलबी प्रथम वर्ष की एडमिशन प्रक्रिया एक माह बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। एडमिशन प्रक्रिया विलम्ब से शुरू होने के कारण अब सीटों को भरने में कालेज प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। चार मेरिट सूची जारी करने के बावजूद अब भी करीब 22 सीटें रिक्त हैं। डीएवी पीजी कालेज में एलएलबी प्रथम वर्ष की कुल 320 सीटों पर एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा के आधार पर पहली मेरिट सूची 15 नवम्बर को जारी हुई थी। इसके बाद से अब तक तीन-चार प्रतीक्षा सूची जारी हो चुकी हैं लेकिन सीटें अब तक नहीं भर सकी हैं। सामान्य वर्ग की 15 व अनुसूचित जाति वर्ग की करीब सात सीटें अभी रिक्त हैं। सामान्य वर्ग की सीटों को भरने के लिए लॉ विभाग ने सामान्य वर्ग की पांचवीं प्रतीक्षा मेरिट सूची जारी कर दी है। इस सूची में 15 सीटों के सापेक्ष 31 विद्यार्थियों के नाम शामिल हैं। इन विद्यार्थियों को एडमिशन के लिए 14 व 15 दिसम्बर को रिपोर्ट करने का समय दिया गया है। विभागाध्यक्ष प्रो. मौ. रफा ने बताया कि रिपोर्ट करने वाले अभ्यर्थियों में से वरीयता के आधार पर चयनित 15 लोगों की सूची 16 दिसम्बर को प्रकाशित कर दी जाएगी। अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों को 17 दिसम्बर को एडमिशन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग के जिन अभ्यर्थियों का नाम पूर्व में जारी मेरिट सूची आ चुका है लेकिन कतिपय कारणों से एडमिशन नहीं ले पाये थे, उन्हें एडमिशन के लिए एक और मौका दिया जा रहा है। उक्त अभ्यर्थी अनुसूचित जाति वर्ग की रिक्त सात सीटों के लिए 14 व 15 दिसम्बर को रिपोर्ट कर सकते हैं। वरीयता के आधार पर सात अभ्यर्थियों का चयन करके 16 दिसम्बर तक सूची जारी कर दी जाएगी, जबकि 17 दिसम्बर को एडमिशन दिया जाएगा। डीएवी पीजी कालेज में एलएलबी प्रथम वर्ष की सीटों को भरने के लिए 14 अगस्त को प्रवेश परीक्षा हुई थी, लेकिन कतिपय विवादों के कारण प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित नहीं हो सका था। बाद में कथित विवाद की दो कमेटियों द्वारा जांच की गई जिसके बाद प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया। एडमिशन प्रक्रिया में विलम्ब होने के कारण ही अधिकांश अभ्यर्थियों ने किसी अन्य पाठय़क्रम में एडमिशन ले लिया था। इसके चलते सीटों को भरने के लिए कालेज प्रशासन को एक के बाद एक मेरिट सूची जारी करनी पड़ रही है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,14.12.11)।

दिल्ली में नर्सरी एडमिशन: पोर्टल पर जानकारियां होंगी ओपन

Posted: 14 Dec 2011 01:43 AM PST

राजधानी में गैर सहायता प्राप्त पब्लिक स्कूल गुपचुप तरीके से नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया नहीं चला सकेंगे। स्कूलों को फार्मो की बिक्री, इससे जुड़ी प्रक्रिया और स्कूल के बारे में अन्य जानकारियां पोर्टल के माध्यम से अभिभावकों को देनी होगी। जिन स्कूलों ने अपनी वेबसाइट तैयार नहीं की है, उन्हें एक महीने में अपनी वेबसाइट तैयार करने के लिए कहा गया है। ऐसा न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि दिल्ली के स्कूलों में अगले महीने से नर्सरी दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे ठीक पहले केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संबद्ध सभी स्कूलों को अपनी-अपनी वेबबाइट तैयार करने का निर्देश जारी किया है। बोर्ड ने सभी स्कूलों के निदेशकों और प्रबंधकों को एक महीने के भीतर स्कूल का पोर्टल तैयार करने को कहा है। गौरतलब है कि राजधानी में कई ऐसे स्कूल हैं, जिनके पोर्टल तैयार नहीं हैं या फिर काम नहीं करते हैं। जबकि बोर्ड के नियमों के मुताबिक उससे संबद्ध सभी स्कूल की अपनी वेबसाइट होनी चाहिए, ताकि अभिभावकों को यह पता चल सके कि स्कूल में कब क्या होना है। खासतौर पर स्कूलों के लिए अपनी वेबसाइट पर दाखिला संबंधी जानकारियां, सम्बद्धता की स्थिति, स्कूल की सुविधाएं, शिक्षकों के नाम, कक्षा स्तर पर विद्यार्थियों की संख्या, ई-मेल, फोन नंबर व स्कूल प्रबंध समिति के बारे में विस्तृत जानकारी देना जरूरी है। इसके अलावा स्कूल की वाषिर्क रिपोर्ट भी प्रतिवर्ष 15 सितम्बर से पहले तक वेबसाइट पर डालने को कहा गया है। कुछ स्कूल वेबसाइट को महज खानापूर्ति के लिए बनाते हैं। उसमें अभिभावकों के लिए पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं होती। इसी तरह के स्कूल गुपचुप तरीके से अपनी दाखिला प्रक्रिया चलाते हैं और अपनी मनमानी करते हैं(राकेश नाथ,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,14.12.11)।

बिहारःटीईटी वंचितों को भी मिलेगा मौका,परीक्षा जनवरी में

Posted: 14 Dec 2011 12:00 AM PST

प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा से वंचित अभ्यर्थियों को भी परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। उनकी परीक्षा अब जनवरी में ली जायेगी और सभी का परीक्षाफल एक साथ प्रकाशित किया जायेगा। ऐसे दो लाख पच्चीस हजार अभ्यर्थी हैं जिनका आवेदन कई प्रकार की त्रुटियों के कारण रद्द कर दिया गया था। वहीं 20 एवं 21 दिसम्बर को निर्धारित परीक्षा भी होगी। राज्य के शिक्षा मंत्री पीके शाही ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ पात्रता परीक्षा की समीक्षा के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी। समझा जाता है कि राज्य भर में एडमिट कार्ड वितरण के दौरान हंगामे के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। मंत्री ने बताया कि बैठक में पात्रता परीक्षा के सभी पहलुओं पर विचार किया गया। उन्होंने बताया कि परीक्षा को लेकर मुक्क मल तैयारी की गयी है और कदाचारमुक्त परीक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में अस्वीकृत आवेदनों पर भी गंभीरता से विचार किया गया। समीक्षा के दौरान आवेदन पर दिये गये निर्देश में भी त्रुटि की बात सामने आयी। मंत्री ने माना कि विभागीय लापरवाही के कारण कुल बाईस हजार आवेदन रद्द हो गये। वहीं एक ही व्यक्ति द्वारा दो-दो बार आवेदन जमा करने के कारण भी कई आवेदन रद्द हो गये। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की उम्र सीमा में दस साल की छूट को भी कम्प्यूटर ने नहीं लिया। इसका भी खामियाजा अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा। मंत्री ने बताया कि विभागीय दोष के कारण वंचित 22 हजार अभ्यर्थियों को 20 दिसम्बर से शुरू होने वाली परीक्षा में शामिल कराया जायेगा। जो बच जायेंगे उन्हें जनवरी माह में होने वाली परीक्षा में शामिल किया जायेगा। मंत्री ने कहा कि रद्द आवेदनों के अभ्यर्थियों को फिर से परीक्षा में शामिल कराना विधि सम्मत नहीं है लेकिन राज्य में बेरोजगारी के कारण संवेदनशील सरकार ने उन्हें फिर से मौका देने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि जनवरी में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के साथ ही वंचित आवेदकों की परीक्षा ली जायेगी लेकिन इसके लिए फिर से कोई आवेदन नहीं लिये जायेंगे। उसी आवेदन के आधार पर परीक्षा होगी। मंत्री ने लोगों को धैर्य रखने की अपील की और कहा कि सरकार नौजवानों को मौका देने से पीछे नहीं हटेगी(राष्ट्रीय सहारा,पटना,14.12.11)।

सफलता में मेहनत का कोई विकल्प नहीं

Posted: 13 Dec 2011 05:30 PM PST

करिअर निर्माण में लाखों छात्र अपने-अपने ढंग से सफलता के लिए जद्दोजहद करते नज़र आते हैं। परन्तु अधिकांश छात्रों को यह शिकायत रहती है कि उन्हें सफलता नहीं मिली जबकि उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी। आखिर अधिकतर छात्रों को यह शिकायत क्यों होती है? क्यों उन्हें लगता है कि सफलता उन्हें नहीं मिली जबकि वे इसके लिए सतत प्रयासरत थे। अधिकतर छात्र इससे निराश हो जाते हैं तथा उनका मनोबल गिरता जाता है और इससे उनकी क्षमता अत्यधिक प्रभावित होती है। इससे उनकी रुचि तथा यहां तक कि याददाश्त क्षमता भी प्रभावित हो जाती है। इससे अगली विफलता का मार्ग प्रशस्त हो जाता है और उनकी सारी योजनाएं धरी रह जाती हैं।

विफलता अगली सफलता को प्रभावित करती है जबकि छात्रों को विफलता का उपयोग अगली बार सफलता को प्राप्त करने में करना चाहिए। यह मान्य तथ्य है कि छात्रों के पास समय का अभाव होता है तथा एक निश्चित अवधि के भीतर ही उन्हें अपनी सभी योजनाओं को कार्यान्वित करना होता है। फलस्वरूप अधिकांश छात्र किसी ऐसे मंत्र या जादू की तलाश में लग जाते हैं जो पलक झपकते ही उनकी मुश्किलें आसान कर दे।


छात्रों को एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए या यूं कहें कि गांठ बाध लेनी चाहिए कि मेहनत का कोई अन्य विकल्प न तो किसी जमाने में था, न अब है और न ही किसी जमाने में होगा। सफलता के लिए आपको खुद ही एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना होगा। आप खुद अवलोकन करें तो संभव है कि आप कुछ ऐसी बातों को समझ पाएंगे कि कौन-कौन सी बातें आपको सहायता प्रदान कर सकती हैं यथा किस वक्त आप अधिक स्मरण कर सकते हैं, किस वक्त आपको कौन-सी सामग्री का अध्ययन अधिक रमता है, किस वक्त आपको सो जाना चाहिए, किस वक्त आप उठकर अधिक गहनता से अध्ययन कर पाते हैं। ये कुछ ऐसी बातें हैं जो निश्चय ही आपकी क्षमता में वृद्धि कर सकती हैं। परन्तु यहां इस बात को समझ लें कि यह मेहनत का विकल्प नहीं, बल्कि कुछ सहायक बातें हैं, जो आपके द्वारा की जा सकती हैं। इससे आपकी कड़ी मेहनत को आयाम मिलेगा तथा उसके द्वारा अधिक से अधिक सफलता मिलने की संभावना बढ़ेगी।

कई प्रकार के सर्वेक्षणों में भी यह बात सामने आई है कि अधिक मेहनती व्यक्ति, जो सामान्य बुद्धि वाला होता है, सफलता प्राप्त करता है। उनके मुकाबले जो कुशाग्र तो होते हैं, किन्तु कम मेहनत करते हैं, सफलता तक नहीं पहुंच पाते। छात्रों को यह बात अपने जेहन में हमेशा याद रखनी चाहिए कि उनका कार्य कड़ी मेहनत करना है, जिसकी दिशा एवं दशा ठीक और समयानुकूल होनी चाहिए। उसके पश्चात अगर इन्हें असफलता मिलती है तो भी धैर्य खोने की आवश्यकता नहीं अपितु यह देखना चाहिए कि आखिर कहां चूक हो गई। उसमें सुधार कर वे अगली सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं। याद रखिए कि सफलता उन्हें ही मिलती है जो सफलता के लिए दृढ़ संकल्प होकर प्रयास करते हैं(अनिल कुमार,दैनिक ट्रिब्यून,7.12.11)।
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Palash Biswas
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