Monday, November 21, 2011

invite for state level conference in Lucknow on 2nd dec 2011 on forest rights movement

15 दिसम्बर को दिल्ली में आयोजित वन्जनाधिकार रैली का परचा संलंगन है 
राष्ट्रीय वन-जन श्रमजीवी मंच
222, विधायक आवास,राजेन्द्र नगर, ऐशबाग रोड-लखनऊ उ0प0

राज्य स्तरीय सम्मेलन-वन जनाधिकार सम्मेलन
स्थानः- गंगा प्रसाद मेमोरियल हाल, अमीनाबाद-लखनऊ उ0प्र0
दिनांकः 2 दिसम्बर 2011


साथियों!
जैसा कि आपको विदित है कि आगामी 15 दिसम्बर को वनाधिकार कानून 2006 को पारित हुए पांच वर्ष होने जा रहा हैंै लेकिन पूरे देश में इसके क्रियान्वन को लेकर सरकारों में राजनैतिक इच्छा नहीं दिखाई जा रही है। देश भर में वनाधिकारों के लिए कार्य कर रहे तमाम आंदोलनों ने यह तय किया है कि 15 दिसम्बर 2011 को नई दिल्ली के जंतर मंतर में लाखों की संख्या में राष्ट्रीय स्तरीय वन-जनाधिकार विशाल रैली एकत्रित हो कर इस कानून को लागू करने के लिए कोताही बरतने के लिए केन्द्र सरकार से जवाब मांगा जाए। इस कानून के बारे में केन्द्र सरकार द्वारा लगातार घोषणा की जा रही है लेकिन वास्तव में ज़मींनी स्तर पर इस कानून को ईमानदारी से लागू करने में यह प्रतिबद्धता कहीं दिखाई नहीं दे रही है। इस जनवनाधिकार रैली को सफल बनाने के लिए हमें आपस में विचार विमर्श करने की जरूरत है इसलिए 2 दिसम्बर 2011 को एक राज्य स्तरीय सम्मेलन लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है। राज्य स्तर पर भी यह देखने में आ रहा है कि वनविभाग व जि़ला प्रशासन की सांठ गांठ से राज्य सरकार द्वारा पारित तमाम शासनादेशों का भी उल्लघंन किया जा रहा है और वनाश्रित समुदायों के घरों को उजाड़ा जा रहा है, फर्जी केसों को लगाया जा रहा है जैसा कि अभी गौंड़ा, चन्दौली, बहराइच में देखने को मिला है। यह सब खास तौर पर दलित व अन्य परम्परागत समुदायों के साथ किया जा रहा है। इस सम्मेलन में अन्य मुददों पर भी चर्चा होगी जैसे राज्य स्तर पर वनाधिकार कानून-2006 के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा, टाॅगिया वनग्रामों व अन्य वनग्रामों को राजस्व का दर्जा देने, सामुदायिक वनाधिकारों को लागू करने व संयुक्त वन प्रबंधन के तहत जापानी कम्पनी द्वारा संचालित जाईका को वनाधिकार कानून के खिलाफ़ लागू करने, जिला प्रशासनों द्वारा प्रदेश सरकार के शासनादेशों को नज़र अन्दाज़ करने, वनविभाग, पुलिस, सामंतों व संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा वनाश्रित समुदायों का उत्पीड़न व दलित, आदिवासियों व अन्य परंपरागत समुदायों के ऊपर 75 वर्ष के प्रमाण की बाध्यता के सम्बन्ध में। इस सम्मेलन में आप सभी साथियों की भागीदारी होना अति आवश्यक है। आपसे आह्वान है कि अपने-अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों सहित अच्छी संख्या में इस सम्मेलन में शामिल हों।
धन्यवाद

मुन्नीलाल व रोमा
संयोजक उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड
 







-- 
NFFPFW / Human Rights Law Centre
c/o Sh. Vinod Kesari, Near Sarita Printing Press,
Tagore Nagar
Robertsganj, 
District Sonbhadra 231216
Uttar Pradesh
Tel : 91-9415233583, 05444-222473
Email : romasnb@gmail.com
http://jansangarsh.blogspot.com

No comments: